वीडीए का बढ़ेगा राजस्व, परेड कोठी के 160 एकड़ भूमि पर नक्शा पास करने का रास्ता साफ

रक्षा सम्पदा रिवाइज्ड करेगा परजवट



संतोष तिवारी ‘बिंदास’
वाराणसी। परेडकोठी स्थित रक्षा सम्पदा के अधीन वाले 160 एकड़ भूमि पर बने आवासों व होटलों के नक्शा पास करने का रास्ता अब साफ हो गया है। नक्शों के पास करने से जहां वीडीए का राजस्व बढ़ेगा। वहीं वहां रहने वालों को सुविधाएं मिलेंगी। दरअसल, इस जमीन पर अब दोबारा नगर निगम प्रबंधन करेगा। ऐसी स्थिति में विकास प्राधिकरण भी पूर्व की भांति अब वहां निर्माण में दखल देगा। साथ ही विकास के रास्ते खुलेंगे। यहां बने अवैध होटलों व आवासों को यूपी सरकार की समन नीति 2020 के तहत वैध किया जा सकेगा।


तत्कालीन कमिश्नर रहे चंचल तिवारी और नितिन रमेश गोकर्ण के आदेश के तहत रक्षा सम्पदा के 160 एकड़ भूमि पर वीडीए ने कुछ सालों से कार्रवाई करने से हाथ खिंच लिए थे। उधर, रक्षा सम्पदा विभाग 1657 रुपये छह आना सालाना परजवट को रिवाइज्ड करेगा। चूंकि समय के साथ हर तरह के टैक्स में परिवर्तन आया लेकिन उनका अभी पुराना ही हिसाब चला आ रहा है ऐसे में परजवट के बढ़ने से रक्षा सम्पदा की आय में बढ़ोतरी होगी।


1992-93 से परजवट बकाया
नगर निगम ने 1992-93 से रक्षा सम्पदा विभाग इलाहाबाद परिक्षेत्र इलाहाबाद को परजवट नहीं दिया है। बीते साल सितम्बर में इसको लेकर बैठक इलाहाबाद में हुई थी जहां नगर निगम के तहसीलदार और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी नगर निगम की ओर से पहुंचे थे। तय हुआ कि जो अवैध अतिक्रमण हुआ है उसे हटाकर नगर निगम प्रबंधन करेगा। साथ ही बकाया परजवट जमा किया जाएगा। 
इसकी कार्यवृत्ति मार्च 2020 में नगर निगम में पहुंची है। उधर, नगर निगम ने अधिशासी अधिकारी रक्षा सम्पदा इलाहाबाद परिक्षेत्र, इलाहाबाद को पत्र भेजकर परजवट के बकाये भुगतान को जमा करने के लिए खाता संख्या की मांग की है। करीब 57 हजार परजवट बकाया है। नगर निगम ने इस भूमि पर बने भवनों से 2002 से टैक्स लेना भी बंद किया है।
 
 


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