वाह रे स्वास्थ्य विभाग, दागदार को बना दिया सीएचसी प्रभारी, आशा व संगनियों का रोका 70 लाख

विशुनपुरा विकास खण्ड के आशा व संगिनियों का रोका 70 लाख


शिकायत करने पर सीएमओ ने कहा आशाओं को ही निकालेंगे नौकरी से



जनसंदेश न्यूज़
कुशीनगर। आशा व संगिनियों का अपने बैंक खाते में 70 हजार रुपए मंगाने वाले नवेन्दु प्रसाद भुषण को मंसाछापर सीएचसी प्रभारी बनाया गया है। जबकि पूर्व में स्पष्ट निर्देश है कि इन्हें किसी भी जगह प्रभारी नहीं बनाया जाए। दूसरी ओर विशुनपुरा विकास खण्ड के प्रभारी बनते ही नवेन्दु प्रसाद भुषण द्वारा नाजायज धनउगाही के लिए पिछले 6 माह से आशा व संगिनियों का मानदेय मौखिक तौर पर रोक दिया गया है। इसकी जानकारी होने पर सीएचसी प्रभारी पर कार्यवाही के बजाय उल्टे आशा व संगिनियों के छटनी की धमकी दे डाली है। जिससे आशाओं में रोष व्याप्त है।


मिली जानकारी के मुताबिक विशुनपुरा विकासखंड के मंसा छापर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी विमलेंदु भूषण प्रसाद द्वारा पिछले 6 माह से आशा कार्यकत्रियों व संगिनियों का लगभग 70 लाख रुपए का भुगतान नहीं कराया गया है। जिससे कार्यकत्रियों में आक्रोश व्याप्त है। सूत्रों की माने तो इन पैसों को हजम करने की रणनीति बनाई जा रही है अथवा 2 से 5 सौ रूपये की धन उगाही कराने की तैयारी की जा रही है। 


सूत्रों की मानें तो मंसा छापर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चालू वर्ष के फरवरी माह के फाइलेरिया अभियान के पारिश्रमिक का आशा व संगिनी को धनराशि नहीं दी गई है। तो अप्रैल में संगिनी को 6000 रूपये प्रति के हिसाब से 60000 रूपये रोक रखा गया है। यही नहीं इस महीने में आशा कर्मियों को 1000 से लेकर 12 सौ रूपये तक देकर मानदेय के 2000 रूपये में मनमाना कटौती की गई है। जिससे क्षेत्र की 250 आशा कार्यकत्रियों से लाखों रुपए की धन उगाही की गई है। 



इसी क्रम में मई माह में संगिनी व आशा का मानदेय बकाया है, तो जून-जुलाई व अगस्त महीने का लगभग 45 लाख रुपए बकाया है। मानदेय के अलावा इसमें अन्य कार्यों के भी पैसे बाकी है। जिसमें मानदेय के अलावा विभिन्न अभियानों का टीकाकरण व अन्य अभियान भी शामिल हैं। इसके अलावा सूत्रों ने यह भी बताया कि अप्रैल से आशा कार्यकर्ताओं को 750 रूपये की बढ़ोतरी की गई है। उसे भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी द्वारा रोक दिया गया है। 


ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेसिंग मैनेजर सुनैना चौधरी की आकाश के कारण उनके जगह पर एन आर एच एम के प्रभारी दीपक द्वारा पिछले 28 दिनों से चार्ज लिया गया है, लेकिन उनके द्वारा भी अभी तक इस मामले में प्रपत्र तैयार नहीं किया जा सका है। उधर आशा व संगिनी गत 18 अगस्त को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी से मिलकर अपनी समस्या के समाधान की गुहार लगाई थी। तब उनके द्वारा गत 31 अगस्त तक सभी पैसों का भुगतान कराने की बात कही गई थी। पर 2 सितम्बर तक पैसा न मिलने की सूरत में कल यानी 3 सितंबर को आशा व संगिनियों द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मुख्य द्वार पर आंदोलन किया गया। जिसकी भनक मिलते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मंसाछापर के प्रभारी केंद्र छोड़ भाग खड़े हुए थे। 


इस बाबत पूछे जाने पर सीएमओ द्वारा दोषी पर कार्यवाही करने की जगह आशा व संगिनियों को ही नौकरी से निकालने की धमकी दी गई। यहां यह भी बता दें कि पूर्व में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नेबुआ नौरंगिया के तत्कालीन प्रभारी चिकित्साधिकारी विमलेंदू भुषण प्रसाद द्वारा जननी सुरक्षा योजना से संबंधित प्रसुता हेतु भोजन का 70 हजार 5 सौ 49 रूपये अपने बैंक खाते में ले लिया गया था। जिस पर खुब हो हल्ला मचा और तब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर निदेशक कार्मिक द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया था। इन्हें कहीं भी आहरण वितरण प्रभारी न बनाया जाए। लेकिन वाह रे स्वास्थ्य विभाग दागदार को ही सीएचसी प्रभारी बना दिया गया है जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है।


 


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