प्रधान को थानाध्यक्ष ने किया अपमानित, प्रधान संघ ने एसपी से की शिकायत, फटकार 

सामुदायिक शौचालय व शौचालय की जमीन पर दबंगों के कब्जे की भी की शिकायत  

जनसंदेश न्यूज 
कठवामोड़/गाजीपुर। गांवो को खुले में शौच से मुक्त कराने के लिए प्रदेश सरकार ने हर ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण तथा ग्राम पंचायतो में बैठकों के लिए पंचायत भवन निर्माण कराने का आदेश दिया है। पंचायती विभाग के आदेश पर ग्राम प्रधानों ने निर्माण के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी है। लेकिन इस कार्य में सबसे बड़ा बाधक गांव की जमीन पर अवैध कब्जाधारी हो गए है। इसके अलावा इनकी शिकायत के बाद भी स्थानीय पुलिस मदद नहीं कर रही है। 
इन सभी मामलों को लेकर ग्राम प्रधान संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाध्यक्ष भयंकर यादव के नेतृत्व में शुक्रवार को डीएम एवं एसपी से मिलकर समस्या से अवगत कराया। जिलाध्यक्ष भयंकर यादव ने डीएम को पत्र के माध्यम से बताया कि शासन के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय एव पंचायत भवन का निर्माण कार्य शुरू है। जिसमें दर्जनों ग्राम पंचायतो ने कार्य प्रारंभ करा दिया। 


बताया कि जनपद के कुछ ग्राम पंचायतो में ग्राम सभा की जमीन पर स्थानीय दबंगो ने अतिक्रमण किया है। इस वजह से उक्त ग्राम पंचायतो का कार्य अवरूद्ध पड़ा है। जिलाध्यक्ष ने एसपी डा.ओम प्रकाश सिंह से मिलकर लिखित शिकायत किया कि नोनहरा, जंगीपुर, करीमुद्दीनपुर, जमानियां थानाथ्यक्ष ग्राम सभा की सरकारी जमीन को खाली कराने में सहयोग नही कर रहे है। जबकि राजस्व विऽााग ने स्पष्ट आदेश दिया है कि पुलिस बल मौके पर जाकर पैमाइश कर भूमि सीमांकन को खाली कराए। ताकि वहां शौचालय एव सामुदायिक भवन का निर्माण हो सके। 



अध्यक्ष भयंकर ने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष नोनहरा द्वारा प्रधान मनोज कुमार को थाने में बैठा कर अपमानित किया गया। एसपी ने जिलाध्यक्ष की शिकायत पर तुरंत सभी चारो थानाध्यक्षों को फोन कर कड़ी फटकार लगाई। इस अवसर पर मनोज कुमार, आकाश राजभर ,अशोक यादव, नंदलाल विश्वकर्मा, रजनीश यादव, रमेश कुशवाहा, विनय कुमार सहित आदि लोग मौजूद रहे। 


सरकार के क्रिया कलापो पर उठाई उंगली
प्रधान संगठन ने बताया कि सरकार की सामुदायिक शौचालय बनाने की योजना लंबित पड़ी हुई है जो सरकार के क्रिया कलापो पर उंगली उठा रही है। ऐसी ही महत्वाकांक्षी योजनाओं में स्वच्छता अभियान के तहत बनाये जा रहे शौचालयों के निर्माण के लिए ग्राम सभाओं में खाली पड़ीं सरकारी भूमि पर सामुदायिक शौचालय बनवाने को लेकर सरकार काफी गंभीर है। लेकिन सरकार में प्रशासन में बैठे अधिकारी ही दबंगो के कब्जे में सरकारी भूमि को खाली कराने में असहज महसूस कर रहे है। जबकि सरकार के योजना के मुताबिक ग्राम प्रधान खाली जमीन को उपजिलाधिकारी से सरकारी भूमि को खाली कराने का आदेश थाने के माध्यम से मयफोर्स आदेशित करने के बाद भी थाना प्रभारी को रुचि नही ले रहे है। बल्कि प्रधानों को ही उल्टे पाव वापस किया जा रहा है।
 


 


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