कर्ज लेने-चुकाने में सांप-सीढ़ी का खेल, एनआरएलएम की महिलाओं को लूडो के जरिये सिखा रहे बैंकिंग

महिला सशक्तिकरण की दिशा में ब्लाकों में दिया जा रहा प्रशिक्षण


प्रति माह नौ दिन काम और कमाई है लगभग साढ़े तीन हजार रुपये



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। लूडो में सांप-सीढ़ी का खेल अब सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि जागरूकता बढ़ाने का माध्यम भी बन चुका है। पासा फेंकने पर जैसे एक ही झटके में सीढ़ी के जरिये ऊपर पहुंच सकते हैं तो वहीं, सांप के मुंह पर आकर टिके तो सीधे उस विषधारी की खुराक बनकर उसके पेट से होते हुए नीचे पूंछ पर आकर गिरने की स्थिति बन जाती है। इस रोचक खेल के जरिये महिला स्वरोजगारियों बैंकिंग के गुर सिखाए जा रहे हैं। लोन चुकाया तो जल्दी-जल्दी आगे बढ़ेंगे, और ऋण अदा न किया तो ‘सांप’ का ग्रास बनकर जुर्माने के तौर पर नुकसान सहन करना होगा। 


जी हां, महिला सशक्तिकरण के लिये शासन की विभिन्न योजनाओं के क्रम में व्यावसायिक एवं घरेलू उद्योग में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से इस खेल का प्रयोग दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना (एनआरएलएम) में कर स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को अत्मनिर्भर बना रहे हैं। खेल ही खेल में जनपद की इन चयनित महिलाओं को वित्तीय साक्षरता, बीमा, पेंशन, बचत, बैंकों से जुड़ाव आदि के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है। जागरूक कर रही हैं।


आराजी लाइन, सेवापुरी और पिंडरा में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को बचत, पेंशन, बीमा के लाभ और संबंधित प्रोडक्ट्स न लेने से होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं। ट्रेनिंग टीम में शामिल महिलाओं को एक माह में नौ दिन कार्य के एवज में प्रतिदिन 277 रुपये मानदेय और एक महीने का यात्रा भत्ता के रूप में एक हजार रुपये दिये जाते हैं। एनअरएलएम के श्रवण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते अगस्त माह में सेवापुरी ब्लाक में कुल 1668 और आराजी लाइन विकास खंड में 1038 स्वयं सहायता समूह सदस्यों को यह प्रशिक्षण दिया गया।


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