कायदे-कानून से ऊपर है पीडब्ल्यूडी का ये बहुचर्चित इंजीनियर, सारा काम इसी केे जिम्मे-ठेकेदार परेशान   



जनसंदेश न्यूज 
गाजीपुर। पीडब्ल्यूडी विभाग में लंबे अरसे से तैनात सहायक अभियंता कर्मचारियों से लेकर ठेकेदारों के लिए मुसीबत का सबब बने हुए है। उन्हीं के इशारे पर विभाग में कार्य हो रहा है। वह जिस ठेकेदार के पीठ पर हाथ रख देते है वह मनमुताबिक कार्य पा जाते है। इसकी एक और वजह है कि सहायक अभियंता के ऊपर अधिशासी अभियंता का हाथ है। जिससे उनके खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा पाता।


योगी आदित्यनाथ ने सीएम की कुर्सी संभालते ही पूरे प्रदेश में सड़के गडढ़े मुक्त करने के साथ ही लंबे अरसे से बने अधिकारियों से लेकर बाबूओं के हटाए जाने की बात कही थी। लेकिन जिले में ऐसा कुछ नहीं है। यहां पर अधिकारी काफी समय से बने हुए है और सड़के गडढ़े मुक्त भी नहीं हुई। इसका ताजा उदाहरण लोक निर्माण विभाग में कार्यरत सहायक अभियंता राकेश कुमार है। जो इस विभाग में लंबे अरसे से बने होने के साथ ही कई विभाग देख रहें है। जबकि इनके अलावा विभाग में इनके समकक्ष अधिकारी मौजूद है। 


बताया जा रहा है कि यह विभाग के उच्चाधिकारियों को यह जानकारी देते है कि यहां सहायक अभियंता की कमी है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। करीब एक वर्ष से  वरिष्ठ सहायक अभियंता विशाल सिंह के रहते हुए इन्हें स्टोर, हेड क्वार्टर, पान्टून ब्रिज नवसृजित निरीक्षण भवन के निर्माण कार्य व अन्य कई महत्वपूर्ण चार्ज मिला हुआ है। इसके अलावा यह शासन द्वारा प्रस्तावित मुहम्मदाबाद और कासिमाबाद में आईटीआई कालेज निर्माण कार्य की कार्यवाही भी देख रहें है। यह कार्य लगभग ग्यारह करोड़ की लागत से होनी है। 


सूत्रों के मुताबिक, लोक निर्माण विभाग में 75 प्रतिशत कार्यों पर अकेले कब्जा जमाए सहायक अभियंता पर किसी अधिकारी का अंकुश नहीं लग पा रहा है। जबकि विभाग के उच्चाधिकारियों के संज्ञान में सभी बाते आ चुकी है। परंतु अधिशासी अभियंता जितेन्द्र कुमार के खास होने की वजह से सभी कार्यों को देख रहें है। इधर बात की जाए विभाग से गडढ़े मुक्त करने की जिले में ऐसे कई स्थान है जहां आज भी कोई कार्य नहीं हुआ। वहीं विभाग के पंजीकृत ठेकेदारों ने अतिरिक्त मद के नाम पर गबन का भी मामला उठा चुका है।     


पांच सालों से तैनात है सहायक अभियंता


राकेश कुमार सहायक अभियंता जिले में लंबे अरसे से तैनात है। यह सपा कार्यकाल से ही कार्य कर रहे है। यह प्रांतीय खंड में स्थायी रूप से कार्यरत है। कई विभाग को देख रहे कार्य से इन्हें वंचित करना चाहिए। गौर करने की बात है कि, सहायक अभियंता एक ही समय में एक से अधिक खंडो में कार्यो की देखभाल एवं गुणवत्ता को कंट्रोल कैसे कर सकते है। जबकि कार्य की गुणवत्ता की पूर्ण जिम्मेदारी सहायक अभियंता की होती है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिले में सहायक अभियंता पांच वर्षो से कार्यरत है। अधिशासी अभियंता के चहेते होने से विभाग के कई खंडो में महत्वपूर्ण कार्यो पर इन्हीं का कब्जा है।  


 


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