हिन्दी दिवस: ‘हिन्दी हैं हम, हिन्दी हमारी पहचान है’, आयुषी तिवारी की कविता


हिन्दी केवल भाषा ही नही अपितु एक भाव है। हर वर्ष 14 सितम्बर को भारत में हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा में सबकी सहमति से हिन्दी की खड़ी बोली को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया। वर्धा के अनुरोध पर 14 सितम्बर 1953 सम्पूर्ण भारत में इसे हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। हिन्दी हमारे हिन्द की पहचान है, यह पूरे हिंदुस्तान को एक करती है हमें कभी इसको बोलने या मानने में कोई शर्म नही करनी चाहिए।


 
हिन्दी एक ऐसी सरल भाषा है जिसे अनपढ़ से लेकर पढ़ा लिखा व्यक्ति भी आसानी से समझ सकता है। आज हम ऐसी आधुनिकता के दौड़ में है कि अगर किसी को अंग्रेजी नही आती तो उसे गंवार के नजर से देखते। हाँ अंग्रेजी का ज्ञान होना अच्छा है, आना भी चाहिए। परन्तु किसी की काबिलियत केवल अंग्रेजी न आने से छुप जाए तो यह बहुत गलत है। सबसे पहले तो जरुरी है हम हिन्दी ही सही ढंग से सीखे। अगर हम ध्यान दे तो हमें समझ आएगा कि हम तो हिन्दी भी शुद्ध नही लिखते या बोलते, वो हिन्दी जिससे हमारी पहचान तो यह एक शर्म की बात लगेगी।


हाल ही में नई शिक्षा नीति का एक अच्छा प्रारूप सामने आया। जिसमें प्रारंभिक शिक्षा हिन्दी में ही कराने की बात की गयी है। हम समझ सकते है की हिन्दी की महत्वता क्या है। आप हर भाषा ज्ञान रखे लेकिन जो हमारी अपनी भाषा हैं, उसको बोलने में कोई हिचकिचाहट न रखे। हमसे ही कल है तो आज अगर हम यह भूल करेंगे तो अपनी पूंजी खो देंगे। इसलिए हमारी संस्कृति हिन्दी को संभाल के रखे अपनी इस पहचान को धूमिल न होने दें।



हिन्दी दिवस पर समर्पित कुछ पंक्तियां....


हिन्दी हैं हम


हिन्दी है हम हिन्दी हमारी पहचान है


ना करो शर्म ऐसे ये तो हमारी शान है।


साहित्य का असिम सागर है,


कवि सुर के सागर की गागर है,


अंग्रजी से भी इसका कोई बैर नहीं


हिन्दी के बिना हिन्द का कोई जोर नहीं,


हिन्दी हैं हम हिन्दी हमारी पहचान है


ना करो शर्म ऐसे ये तो हमारी शान है।


भारत की आशा है


हिन्दी दिल की भाषा है 


हिन्दी एक भाव है


विश्व के पटल पर इसको पहुंचाओ


इसकी पहचान पूरी दुनिया में बनाओ 


हमारे देश की ये है शान 


हिन्दी भाषा पर हमें अभिमान है


\हिन्दी है हम हिन्दी हमारी पहचान


ना करो शर्म ऐसे ये तो हमारी शान है।


हिंदी दिवस की शुभकामनाएं....
जय हिन्द, जय हिन्दी, जय हिंदुस्तान 
आयुषी तिवारी, शिक्षाथी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी


 


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