गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अलर्ट हुआ सरकारी अमला, 37 बाढ़ चौकी स्थापित 

अधिकारियों को चौकस रहने के लिए डीएम ने दिया निर्देश

जनसंदेश न्यूज़
मीरजापुर। जिले में गंगा नदी का जलस्तर प्रति घंटा तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। गंगा खतरे के निशान से महज पांच मीटर नीचे बह रही हैं। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट हैं। जिले में 37 बाढ़ चौकियों को स्थापित कर सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।


जनपद के दो तहसील सदर और चुनार में बाढ़ से सैकड़ों गांव ज्यादा प्रभावित होते हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो इसी तरह जलस्तर बढ़ता रहा तो 2 दिन में गांव में पानी आने से पलायन शुरू हो जायेगा। घाटों तक पानी पहुंचा पानी उफान मार रहा है। 
जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने बताया कि गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि के चलते जिला प्रशासन अलर्ट हैं। खतरे के निशान 77.8 से नीचे 74.100 मीटर पर वृद्धि जारी हैं। खतरें का निशान 77.724 मीटर पर हैं। 9 सितम्बर 1978 को गंगा नदी का अधिकतम जलस्तर 80.34 मीटर पर दर्ज किया गया था। 



सदर तहसील क्षेत्र में 13 और चुनार में 17 बाढ़ चौकी स्थापित की गई है। इन चौकियों पर बचाव राहत कार्य के लिए नाव, स्वास्थ्य टीम के अलावा पशु चिकित्सक की तैनाती कर दी गई है। बाढ़ पीड़ितों को 15 दिन के राशन कीट की भी व्यवस्था की जा रही हैं। जन धन के साथ ही पशुधन को बचाने के लिए पूरी तैयारी कर लिया गया है। गंगा नदी में बाढ़ को देखते हुए नाव के संचालन पर रोक लगा दी गई हैं। 


नगर के पक्का घाट, नारघाट एवम बरिया घाट समेत विभिन्न घाटों पर गंगा नदी का बाढ़ देखने के लिए लोग आ रहे हैं। नदी के जल स्तर को बढ़ता देख ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की परेशानी की कल्पना मात्र से वह सिहर उठ रहे हैं। जिला प्रशासन से समुचित राहत कार्य के लिए सतर्क रहने की जरूरत जताया। कहा कि गांवों में बाढ़ का पानी आने के बाद फसल के साथ ही चारों तरफ फैले जल के बीच फंसे लोगों को कम से कम हानि उठानी पड़े इसके लिए कार्य करने की जरूरत है।
 


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