‘एसडीजी’ से संवारेंगे बनारस की सूरत, संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत समेत 193 देशों को दिया टार्गेट

संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत समेत दुनिया के 193 देशों को दिया है सन 2030 तक का टार्गेट


यूएन के 17 बिंदुओं का लक्ष्य लेकर सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल पर कार्य हो चुका है शुरु


निर्धारित सतत विकास लक्ष्य को जनपद के तमाम महकमों के अफसरों को दी गयी ट्रेनिंग


गरीबी-लैंगिक असमानता दूर करने, औद्योगिक विकास, जीव-जंतुओं को देंगे अच्छा माहौल



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने दुनिया के 193 देशों को सन 2030 तक गरीबी दूर करने का लक्ष्य दिया है। सिर्फ यही नहीं, यूएन ने लैंगिक असमानता दूर करने, पर्यावरण संरक्षण, औद्योगिक विकास में बेहतर पहल करने समेत जल-थल के जीव-जंतुओं के लिए बेहतर वातावरण देने आदि का टार्गेट भी सभी देशों को सौंपा है। संरासं की ओर से दिये गये इस टार्गेट पर भारत में भी काम शुरु हो चुका है।


इस लक्ष्य को तय वक्त में अमली जामा पहनाने के लिए सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल या सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) के तहत संबंधित सभी विभाग योगदान देंगे। इसके लिए नोडल अफसर निर्धारित हो चुके हैं। वाराणसी जनपद में एसडीजी को मूर्त रूप देने के लिए संबंधित विभागों के अफसरों के लिए शुक्रवार को प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित हुई।
विकास भवन सभागार में यह ट्रेनिंग वर्कशॉप था। आयोजन में कृषि, पशुपालन, वन, सिंचाई, मनरेगा, नेडा, आपूर्ति, स्वास्थ्य समाज कल्याण, प्रोबेशन समेत सभी संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। जिला विकास अधिकारी रमाकांत तिवारी ने कार्यशाला का उद्घाटन किया।


इस अवसर पर जिला प्रशिक्षण अधिकारी दीनानाथ द्विवेदी के ट्रेनिंग दी। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने दिये गये समय के भीतर कुल 17 बिंदुओं का लक्ष्य सौंपा है। जिसमें गरीबी हटाने, लैंगिक असमानता दूर करने, जलीय और थल पर रहने वाले जीव-जंतुओं को सही वातावरण उपलब्ध कराने, उद्योग और उद्यमियों को इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के बेहतर अवसर देने, सभी कामकाज में आपसी सामंजस्य स्थापित करने वगैरह के कार्य शामिल हैं।


जनपद में वर्तमान में 35 हजार परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे हैं। सन 2030 तक उनको बीपीएल के दायरे से बाहर निकालकर उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करेंगे। इसके लिए उन्हें शासन की लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देंगे। लैंगिक असमानता दूर करने के लिए प्रोबेशन और समाज कल्याण विभाग योगदान देगा। जल-थल के जीव-जंतुओं को उपयुक्त वातावरण उपलब्ध कराने और पर्यावरण संरक्षण जैसे कार्यों में वन विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गयी है।


कार्यशाला में श्री द्विवेदी ने अन्य कई बिंदुओं पर विस्तार से ट्रेनिंग दी। इस मौके डीआरडीए के परियोजना निदेशक उमेशमणि त्रिपाठी, जिला कृषि अधिकारी सुभाष मौर्य, उपायुक्त श्रम रोजगार करुणाकर अदीब, जिला समाज कल्याण अधिकारी मीना श्रीवास्तव, जिला प्रशिक्षण केंद्र के कमल श्रीवास्तव आदि की उपस्थिति भी रही।


 


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