एक अक्टूबर से "लावारिस" हो जायेंगे 79 गांव, पंचायतों से हुए मुक्त पर निगम ने जारी नहीं किया नोटिफिकेशन

नगर निगम को गर्वनर के सत्यापन का इंतजार


- जनपद में गंगापुर के बाद अब लोहता और सूजाबाद भी नगर पंचायत


- 58 ग्राम पंचायतें और कई राजस्व गांव नगर निगम में होंगे सम्मिलित


- नगर निगम में शामिल गांवों में अब नहीं होंगे ग्रापं से जुड़े विकास कार्य


- नोटिफिकेशन मिलने तक नगर निगम में भी नहीं होगी कोई सुनवाई



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। शहरी क्षेत्र में बढ़ोतरी के लिए जनपद के 79 गांव गुरुवार से ग्राम पंचायतों से मुक्त हो जाएंगे। इन गांवों में अब ग्राम पंचायतें कार्य नहीं करेंगी। यह गांव नगर निगम में सीमा विस्तार में सम्मिलित होंगे। साथ ही जिले में गंगापुर के बाद दो और नगर पंचायत सूजाबाद तथा लोहता होंगे। खास यह कि सीमा विस्तार के बारे में महीनों पहले शासन से निर्णय लेते हुए वाराणसी के इन गांवों को नगर निगम में शामिल करने की घोषणा तो कर दी लेकिन अबतक राज्यपाल की ओर से इस बारे में अधिसूचना जारी न होने के कारण से नगर निगम ने भी कोई नोटिफिकशन रिलीज नहीं किया है।


नगर निगम प्रशासन की ओर से चतुर्दिक सीमा विस्तार का प्रस्ताव चार साल पहले ही मिनी सदन में पास हो चुका है। वह प्रपोजल बीते मार्च माह में शासन को भेज भी दिया गया है। कैबिनेट ने भी हरी झंडी दे दी। उसके बावजूद नगर निगम प्रशासन ने इस बारे में अबतक कोई अधिसूचना जारी नहीं की है।


हालात ऐसे हैं कि एक अक्टूबर से यह गांव एकप्रकार से ‘लावारिस’ हो जाएंगे। ग्राम पंचायत स्तर से सभी कार्य पूर्ण कर उन्हें नगर निगम के लिए मुक्त करने की कवायद पहले से ही चल रही थी। जबकि नगर निगम ने कोई विधिक कार्यवाही नहीं की है। फलस्वरूप इन गांवों को शहरी सीमा में मानकर उनकी मूलभूत सुविधाओं का विकास करा सके तो समस्याओं के समाधान के लिए जवाबदेही भी तय हो।



इन गांवों में 61 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। उनमें हरहुआ विकास खंड के 17, काशी विद्यापीठ ब्लॉक के 26 और चिरईगांव विकास खंड की 18 ग्राम पंचायतें और कई राजस्व गांव आंशिक रूप से सम्मिलित हैं। इस ग्राम पंचायतों में से काशी विद्यापीठ ब्लॉक के डोमरी और सूजाबाद ग्राम पंचायत को मिलाकर सूजाबाद नगर पंचायत और लोहता ग्राम पंचायत तो लोहता नगर पंचायत बनाया गया है। शेष 58 गांव नगर निगम क्षेत्र में जाएंगे।


शासन स्तर से गजट होने तक इन इलाकों में रहने वालों को जन्म-निवास प्रमाण-पत्र आदि बनवाने की समस्या का सामना करना पड़ेगा। अपर नगर आयुक्त (प्रथम) देवी दयाल वर्मा ने बताया कि नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अबतक सत्यापन-पत्र नहीं मिला है। अधिसूचना जारी होते ही नगर निगम प्रशासन संबंधित गांवों में मूलभूत सुविधाओं का विकास आरंभ कर देगा।


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार

चकिया में देवर ने भाभी के लाखों के गहने और नगदी उड़ाये, आईपीएल में सट्टे व गलत आदतों में किया खर्च, एएसपी ने किया खुलासा