चिकित्सक की लापरवाही से मरीज ने तोड़ा दम, परिजनों ने जमकर काटा बवाल



जनसंदेश न्यूज़
कौशांबी/प्रयागराज। मंगलवार को जनपद मुख्यालय मंझनपुर के नयापुरवा मोड़ के पास स्थित फार्च्यूना अस्पताल के चिकित्सक की लापरवाही के चलते इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गयी है। चिकित्सक की लापरवाही पर मरीज की मौत के मामले में सूचना दिए जाने के बाद भी पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज किया है।


मंगलवार को एक बार लापरवाह चिकित्सको के चलते इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई है। मामूली मर्ज पर मरीज के परिजनों से एक लाख रुपए अस्पताल संचालक द्वारा जमा करा लिया गया है, लेकिन फिर भी मरीज की जान नहीं बच सकी है। चिकित्सक की लापरवाही से मरीज की मौत के बाद परिजनों रिश्तेदारों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया है।


मंझनपुर के फार्च्यूना हॉस्पिटल में 6 दिन से मरीज भर्ती था। जहाँ उसका टिटनेस का इलाज चल रहा था। परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। परिजनों का कहना है कि इलाज के पूर्व एक लाख रुपए मैनेजर ने अस्पताल में जमा कराया है। लापरवाही से मरीज की मौत के बाद परिजन रिश्तेदारों ने अस्पताल में जमकर हंगामा काटा है। 


परिजनों के बढ़ते आक्रोश देख कर चिकित्सक और संचालक जान बचाकर जैसे बिल में दुबक गए हैं। जिले में लगातार लापरवाही से मौत के मामले में शासन प्रशासन को एक मामले गंभीरता से लेने होंगे वरना इसी तरह अधिक कमाई के चक्कर में निजी नर्सिंग होम के चिकित्सक मरीजों को मौत देते रहेंगे। मृतक मरीज मंझनपुर तहसील क्षेत्र के महावा गांव का धीरेंद्र कुमार उम्र 10 वर्ष पुत्र राजेश कुमार बताया जाता है।


जिला अस्पताल के चिकित्सक का है यह मौत का अस्पताल
कौशांबी मंझनपुर मुख्यालय में फॉर्चूना अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मौत के बाद जब मामले में पड़ताल की गई तो मालूम हुआ कि यह अस्पताल जिला अस्पताल के चिकित्सक का हैं, जो अवैध तरीके से संचालित हो रहा है। जिला अस्पताल में तैनात सरकारी चिकित्सक स्वास्थ्य विभाग से मोटा वेतन लेने के बाद अस्पताल में ड्यूटी नहीं देते हैं, बल्कि वह अपने निजी नर्सिंग होम में ड्यूटी देकर मरीजों के इलाज के नाम पर लूट मचा रखे हैं। लुटेरे चिकित्सक पर अभी तक मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने कार्यवाही करने का बीड़ा नहीं उठाया है। जिससे नर्सिंग होम के बढ़ावा में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। 


अस्पताल में मौजूद दो तिहाई लोगों के पास नहीं है डिग्री
कौशांबी मंझनपुर कस्बा स्थित फॉर्चूना अस्पताल में मरीज के मौत के बाद जब इस अस्पताल की पड़ताल की गई तो इस अस्पताल में फार्मासिस्ट नर्स और वार्ड ब्वॉय के पास मरीजों की देखभाल इलाज करने की डिग्री नहीं है। अस्पताल में जिन डॉक्टरों का बोर्ड लगा है। वह आते नही है और जो डॉक्टर इलाज करते देखे जाते है उनके पास डिग्री नही है। कुछ चिकित्सक तो केवल खानापूर्ति करते हैं। वार्ड ब्याय नर्स और फार्मासिस्ट मरीजों का पूरा इलाज करते है। जिसके चलते गलत उपचार से मरीजों की इस अस्पताल में मौत होती है। 


 


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