चना घोटाला कांड में ठेेकेदार और सहयोगी पर मुकदमा दर्ज, कालाबाजारी के दौरान हुई दुर्घटना के बाद खुली पोल


जनसंदेश न्यूज़
अतरौलिया/आजमगढ़। जिले की चर्चित अतरैठ चना घोटाला कांड में जिलाधिकारी के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। घोटाले में मंगलवार की देर शाम लगभग 9 बजे अतरौलिया थाने में ठेकेदार और उसके सहयोगी के खिलाफ विपणन निरीक्षक द्वारा मुकदमा दर्ज कराया गया।


रविवार की शाम 7 बजे ट्रैक्टर पर सरकारी गोदाम अतरैठ से 120 बोरी चना अवैध रूप से कालाबाजारी के लिए जा रहा था। संयोग ही था कि अतरैठ चौराहे के समीप ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ गया और ट्रैक्टर एक अंडा विक्रेता के ऊपर पलट गई। जिससे अंडा विक्रेता बुरी तरह घायल हो गया। मामला तब तूल पकड़ा जब लोगों को यह पता चला कि यह चना अवैध रूप से कालाबाजारी के लिए जा रहा है।


इस संबंध में विपणन निरीक्षक विनीत सिंह द्वारा तहरीर देकर आरोप लगाया गया कि गोदाम के ठेकेदार परमल सिंह यादव उनके प्रतिनिधि सच्चीलाल यादव 120 बोरी चना कालाबाजारी के उद्देश्य ले जा रहे थे। दुर्घटना होने पर मामला संज्ञान में आया। जिसके तहत आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी।


जबकि सरकारी गोदाम से ठेकेदार का बिना किसी सक्षम अधिकारी की गैर मैजूदगी में 120 बोरी चना कैसे निकाल सकता है। दूसरी तरफ ठेकेदार की निगरानी के लिए भी अधिकारी होते हैं। मगर रविवार के दिन सप्ताहिक अवकाश होने के बाद भी ठेकेदार चना निकाल लेता है और उसकी निगरानी करने वाला कोई अधिकारी मौके पर नहीं है। जिससे स्पष्ट होता है कि पूरे प्रकरण में कुछ अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है। दो छोटे कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज कर पूरे प्रकरण में बड़े पदों पर आसीन जिम्मेदार लोगों को बचाया जा रहा है। 


इस संबंध में उप जिलाधिकारी बुढ़नपुर दिनेश मिश्र ने कहा कि मेरे द्वारा विपणन निरीक्षक से ठेकेदार से हुए अनुबंध पत्र के अभिलेख की मांग करने पर कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया। तथा किन परिस्थितियों में ट्रैक्टर ट्राली पर क्षमता से अधिक मात्रा में खाद्यान्न किन कोटेदारों का ले जाया जा रहा था उसका भी कोई जवाब नहीं मिला। मुकदमा दर्ज कर लिया गया है जांच की जा रही है जो भी इसमें दोषी होगा वह बख्शा नहीं जाएगा। 


भाजपा नेता रमाकांत मिश्र ने कहा कि पूरे मामले को व माननीय मुख्यमंत्री जी व खाद्य मंत्री तथा प्रमुख सचिव से अवगत करा दिया है। जिसमें उच्च स्तरीय जांच का आश्वसन मिला है। पूरे मामले में पदों पर बैठे बड़े अधिकारियों को बचाया जा रहा है। दोषी है उसका सच सामने आनी चाहिए।


 


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