‘अलादीन: नाम तो सुना होगा’ की स्मिता स्मिता बंसल अपने किरदान को लेकर की बात




जनसंदेश न्यूज़
इंदौर। ‘अलादीन: नाम तो सुना होगा’ के दो साल पूरे होने के बाद स्मिता बंसल ने बताया कि यह बहुत ही अच्छा है। लोग हमें पहले दिन से ही उतना प्यार दे रहे हैं, और ये एक बहुत ही खूबसूरत एहसास है। किसी भी शो के लिए लम्बे समय तक चलना काफी नहीं है, बड़ी बात यह है कि उसे दर्शकों का कितना प्यार मिल रहा है। अलादीन एक ऐसा शो है, जब ये शुरू हुआ था, हम जानते थे यह शो अपने खूबसूरत कॉन्सेप्ट की वजह से लम्बे समय तक चलेगा। 


शो में आपका किरदार समय के साथ बहुत विकसित हुआ है- जिसमें एक मां, एक शैतान जिनी और अब एक टीचर की भूमिका शामिल है। यह पूरा सफर कैसा रहा?
हर किरदार के साथ हमेशा उथल-पुथल होती रहती है, हालांकि इन सभी बदलाव के बावजूद इसके मुख्य भाव को जीवित रखना होता है। तीन सीजन में अम्मी काफी बदलावों से गुजरी है लेकिन उनके किरदार की असली भावना को हमेशा जीवित रखा गया। दर्शकों के बीच अम्मी के लिए प्यार कम नहीं हो सकता, चाहे वह शैतान हो या फिर सबसे कमजोर। यह हम शो में सभी किरदारों के साथ सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं। इसलिए यह एक चुनौतीपूर्ण लेकिन बहुत ही संतोषजनक सफर रहा है।


अलादीन : नाम तो सुना होगा में दर्शकों को अब क्या नया देखने को मिलेगा?
अलादीनरू नाम तो सुना होगा का नया सीजन बहुत ही ज्यादा मजेदार है और हम अपने दृश्यों को फिल्माते समय भी हर पल इस बात को पूरी तरह महसूस कर रहे हैं। मैं उम्मीद करती हूं कि दर्शकों को भी यह देखने में आनंद आ रहा रहा होगा। नए सीजन के साथ सभी किरदार पूरी तरह से बदल गए हैं, लेकिन इसे निभाने वाले वही लोग हैं। इसके साथ ही, हमने कहानी में ह्यूमर और थोड़ा ज्यादा बढ़ा दिया है। तो इसमें रोमांच, भावना, गंभीरता सभी में थोड़े से ह्यूमर को जोड़ा गया। मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि अलादीन भारतीय टेलीविजन पर एक ऐसा शो है, जिसमें भावना, रोमांच, ड्रामा और कॉमेडी सब एक साथ है और कोई भी ऐसा फ्लेवर नहीं है जो हम मिस कर रहे हैं। यह एक पूरा पैकेज है- जो पूरी तरह मनोरंजक है।


कहानी में एक नयापन है क्योंकि अलादीन अब एक नया लड़का है जो अन्य लोगों की तरह ही ऊंचाई और राक्षसों से डरता है। ऐसे में दर्शक उससे और ज्यादा जुड़ने में सक्षम होंगे। उनके लिए यह देखना वाकई दिलचस्प होगा कि इन सबके बावजूद अलादीन अपनी सभी मुश्किलों को दूर करने की कोशिश करता है।


 क्या आप टीचर की भूमिका के लिए कुछ खास तैयारी कर रही हैं?
मैं बहुत ही स्विच ऑन-स्विच ऑफ कलाकार हूं और मैंने ऐसी कुछ खास तैयारियां नहीं की हैं। हालांकि, जब मुझे मेरे किरदार और उसके सभी तत्वों में बदलाव के बारे में बताया गया था, तो मैं तुरंत ही इससे खुद को जोड़ने में सक्षम हो गई थी क्योंकि मैंने एक कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई की है जहां पर टीचर्स बहुत ही सख्त थी जैसे रुखसार हैं। इस भूमिका के लिए मेरे स्कूल के  सभी शिक्षक ही मेरे सन्दर्भ हैं। रुखसार एक ऐसी शिक्षिका है जो अपने छात्रों को छड़ी से मारती है। आज के बच्चों के लिए, यह कल्पना भी नहीं की जा सकती लेकिन मैं इससे खुद को जोड़ सकती हूं क्योंकि हमारे स्कूल के दिनों में, गलती करने पर शिक्षक छात्राओं को दंड देते थे।


 सेट पर कैसा माहौल है, खासकर इतने सारे नए सदस्यों के साथ?
अलादीन की पूरी टीम तहे दिल से स्वागत करने वाली है और हमने किसी को भी यह महसूस नहीं होने दिया कि वह नया है। अलादीनरू नाम तो सुना होगा के सेट पर कोई भी खुद को अकेला महसूस नहीं कर सकता और यही बात इस शो के बारे में सबसे खास हैं। हर कोई एक-दूसरे का मित्र है और एक-दूसरे की मदद के लिए तैयार रहता है। हम किसी के लिए भी असहज स्थिति नहीं बनाते क्योंकि हमारा मकसद अपने सह-कलाकार को इतना सहज बनाना है कि वह बिना किसी हिचकिचाहट अपना प्रदर्शन कर सकें और अंततरू सीन बहुत ही अच्छा हो।


आप इस इंडस्ट्री में 20 साल से ज्यादा समय से काम कर रही हैं। ऐसे क्या खास बदलाव हैं जो आपने टेलीविजन इंडस्ट्री में देखे हैं?


मुझे ऐसा लगता है कि टेलीविजन इंडस्ट्री की स्थिति अब और ज्यादा बेहतर हो गई है। अब यहां पर पूरी सुविधाएं और आराम है। जब मैंने इंडस्ट्री में कदम रखा था, तो कोई भी वैनिटी वैन्स और अलग मेकअप रूम नहीं था। हम सब एक ही रूम में रहते थे, साथ में खाते थे और साथ में ही रिहर्सल करते थे। जबकि अब, कलाकारों को उनका निजी स्थान मिलता है और उनकी निजी जिंदगी को भी महत्व दिया जाता है। इसके अलावा, हर शो के लिए वर्कफोर्स में बढ़ोतरी हुई है। पहले कलाकारों के लुक के बारे में, प्रॉप्स के बारे में सारे महत्वपूर्ण फैसले निर्देशक लेता था लेकिन इन दिनों इसमें क्रिएटिव, आर्ट जैसी कई टीमें शामिल हैं और हर किसी का अपना ही महत्व है।


  
क्या आपकी बेटी शो देखती है? उनका सोचना क्या है?
मेरी बेटियां लगातार अलादीनरू नाम तो सुना होगा  का सीजन 3 देख रही हैं। मेरी छोटी बेटी को लगता है कि मैं छात्रों के साथ बहुत ही सख्त व्यवहार करती हूं और वह पूछती है कि मैं हमेशा गुस्से में क्यों रहती हूं। मेरी दोनों बेटियां सीजन 3 का बहुत आनंद ले रही हैं और एक भी एपिसोड मिस करना उन्हें पसंद नहीं है। वो एकदम सही जगह पर हंसती हैं जो मुझे भी एक सकारात्मक एहसास करवाता है। यह मुझे महसूस कराता है कि इस शो के माध्यम से हम जो बताने की कोशिश कर रहे हैं, वह वास्तव में हो रहा है। हम अपने दर्शकों के चेहरे पर मुस्कराहट लाने में सफल हुए हैं।


 दर्शकों के लिए कोई मैसेज?
मैं अपने सभी दर्शकों को उनके प्यार, जो उन्होंने हमें और शो को दिया है, उसके लिए धन्यवाद देना चाहती हूं। हम अब भी अपना 100 प्रतिशत दे रहे हैं और उम्मीद कर रहे कि यह आपका भरपूर मनोरंजन करता रहे। दर्शकों से मेरा अनुरोध है कि वो अच्छे कंटेंट को बढ़ावा दें। हम आपको अंततरू वही देंगे जो आप देखना चाहते हैं। अगर आप यह देख रहे हैं तो ये बनाया जाएगा। अगर दर्शक अपनी मानसिकता और पसंद को बदल देते हैं, तो दिखाए जा रहे कंटेंट को बदल दिया जाएगा।  


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