अब बनारस नहीं, चंदौली में इस जगह बसाई जाएगी टाउनशिप, बसेगा आधुनिक शहर, किसान जमीन देने को राजी

वीडीए की निगरानी में उड़ा ड्रोन



संतोष तिवारी ‘बिंदास’
वाराणसी। अब टाउन प्लानिंग स्कीम चंदौली जिले के सरेसर और अलीनगर में आकार लेगी। इसके लिए वहां के 70 प्रतिशत किसान राजी भी हो गए हैं। उधर, किसानों की सहमति और उत्सुकता को देखते हुए वाराणसी विकास प्राधिकरण के माध्यम से कंसलटेंट के एक्सपर्ट कर्मियों ने ड्रोन उड़ाकर वहां करीब 300 हेक्टेयर एरिया का सर्वे किया। उम्मीद है कि सबसे पहले यहीं यह योजना आकार लें। हालांकि इस बीच वीडीए ने उम्मीदें रिंग रोड पर भी नहीं छोड़ी है और वहां भी अगले सप्ताह ड्रोन उड़ाने की तैयारी है।


एनएच-19 और 2 को जोड़ने वाले इन दोनों ही मौजा में वीडीए वीसी ने एसडीएम को भेजकर भौतिक सत्यापन कराते हुए किसानों के सामने योजना को रखा था। उनमें से 70 प्रतिशत किसान योजना को लेकर आशान्वित व राजी हैं। करीब 300 हेक्टेयर में आकार लेने वाले टाउन प्लानिंग स्कीम का ड्रोन से सर्वे करने के लिए गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से नेक्टर इंजीनियरिंग एंड प्रोजेक्ट कंसलटेंसी के तीन एक्सपर्ट के अलावा भारी भरकम टीम बनारस में दो दिनों से डेरा डाली है। मंगलवार की सुबह टीम वीडीए की मुगलसराय वार्ड के अंर्तगत स्थित सरेसर व अलीनगर में पहुंची और ड्रोन से सर्वे की।



बोले वीसी


वीडीए वीसी राहुल पांडेय ने बताया कि टीम करीब एक सप्ताह वहां रहेगी और हर बिंदुओं पर पड़ताल करने के बाद वह रिंग रोड के अलावा शहर के अन्य कई हिस्सों की भी पड़ताल करेगी। जहां बेहतर जगह चिन्हित होगा वहां सरकार की मंशा के अनुरूप टीपीएस योजना को आकार दिया जाएगा।


क्या है टाउन प्लानिंग स्कीम
टाउन प्लानिंग स्कीम यानी कि टीपीएस एक ऐसा मॉडल शहर होता है, जिसे सुनियोजित ढ़ंग से बसाया जाता है। इस मॉडल शहर में विद्यालय, खेल मैदान, कर्मिशियल एक्टिविटीज के साथ ही शहर की आधुनिक एवं आधारभूत संरचनाएं तैयार की जाती है। जिससे वहां बसे लोगों को बेहतर एवं उम्दा नगरीय सुविधाएं मिलती है। 


लोकल एरिया प्लान के तहत अस्सी का होगा पुर्नविकास
वाराणसी। लोकल एरिया प्लान के तहत अस्सी क्षेत्र का पुर्नविकास होगा। वाराणसी विकास प्राधिकरण इसकी कार्यदाई संस्था है। पहले चरण में तेलियाबाग, साजन तिराहा, रथयात्रा, लक्सा, गिरजाघर चौराहा, लहुराबीर मार्ग होते हुए तेलियाबाग के बीच के हिस्से का विकास होगा। दूसरे चरण में पौराणिक व धार्मिक महत्व के अस्सी का विकास होगा। इस इलाके की उन सड़कों व गलियों को विकसित किया जाएगा जो गंगा नदी के घाटों से जुड़ती हैं।


 


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