183 दिनों के इंतजार के बाद भक्तों के लिए खुला श्रीसंकट मोचन दरबार, प्रतिदिन सिर्फ इतने घंटें ही खुलेंगे मंदिर
जय श्रीराम से गूंजा मंदिर परिसर, दर्शनार्थियों ने लगायी हाजिरी
अश्वनी कुमार श्रीवास्तव
वाराणसी। कोरोना संक्रमण को देखते हुए 21 मार्च से भक्तों के लिए बंद श्रीसंकट मोचन का दरबार 183 दिन बाद रविवार को शुभमूहूर्त से भक्तों के लिए खोल दिया गया। फिलहाल यहां प्रतिदिन सिर्फ 9 घंटे ही मंदिर खोला जाएगा और एक बार में 10 लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा। उनके बाहर निकलने के बाद ही अन्य दस लोगों को मंदिर में प्रवेश मिलेगा।
संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो.विश्वम्भरनाथ मिश्र ने बताया कि सुबह और शाम मिला कर प्रतिदिन 9 घंटे के भक्तों को प्रवेश मिलेगा। दर्शन का समय सुबह 06.00 बजे से पूर्वाह्न 10.30 बजे तक तथा दोपहर 03.00 बजे से शाम 07.30 बजे तक निर्धारित किया गया है। मंदिर में माला-फूल प्रसाद आदि ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा।
प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजिंग टनल बनाया गया है। हर व्यक्ति को उस टनल से होकर गुजरना होगा। बिना मास्क लगाए आने वालों को मंदिर परिसर से बाहर ही रोक दिया जाएगा। मंदिर परिसर के अंदर मुख्य प्रवेश द्वार से सभी व्यवस्थाओं को सुचारु रूप से संचालित करने तथा सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कराने के लिए मंदिर परिवार के सदस्यों की तैनाती दो पालियों में की जाएगी।
दर्शन कर हर मन हुआ हर्षित
सिगरा निवासी नीतू सिंह ने बताया कि काशी में श्रीसंकट मोचन का मंदिर एक सिद्ध पीठ है विगत दस सालों ने वह नियमित प्रत्येक मंगलवार को दर्शन करती थी लेकिन लगभग छह माह तक दर्शन ना मिलने का अफसोस था।
सोनारपुरा निवासी सुभाष यादव ने बताया कि हनुमान जी का दर्शन कर एक बार फिर जीवन धन्य हुआ। वहीं रामनगर से आए राजेश जायसवाल भी हनुमान जी के प्रत्येक शनिवार को दर्शन करते थे अब मंदिर खुला तो दर्शन कर जीवन धन्य किया।
श्रीसंकट मोचन मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया गया है। हनुमान जी की कृपा से भारत से जल्द ही कोरोना वायरस का भी खात्मा होगा। - प्रो विश्वंभर नाथ मिश्र,महंत श्रीसंकट मोचन मंदिर