विकास दुबे केस: विनय तिवारी ने तत्कालीन एसएसपी को दिये थे पांच लाख! वायरल ऑडियो ने उड़ाई अधिकारियों की नींद

शहीद सीओ व एसपी ग्रामीण के बीच बातचीत की ऑडियो वायरल



जनसंदेश न्यूज़
लखनऊ। यूपी के हाईप्रोफाइल केस विकास दुबे के मामले में अपराधियों व पुलिस के बीच सांठगांठ की एक और कड़ी सामने आई है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो से पुलिस अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। वायरल ऑडियो में  शहीद सीओ देवेंद्र मिश्र और एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव के बीच बातचीत की जा रही है। जो कि बिकरू में दबिश से ठीक पहले का बताया जा रहा है।
इस ऑडियो में सीओ तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी और तत्कालीन एक बड़े अधिकारी पर आरोप लगा रहे हैं। बातचीत के दौरान सीओ कह रहे है कि चौबेपुर में पकड़े गए जुआरियों पर गैंगस्टर न लगे, इसके लिए विनय ने तत्कालीन एसएसपी को पांच लाख रुपये दिए थे। वायरल रिकॉर्डिंग के मुताबिक दो जुलाई की रात बिकरू गांव में दबिश देने से कुछ देर पहले डीएसपी देवेंद्र मिश्र ने एसपी ग्रामीण बृजेश कुमार श्रीवास्तव को फोन किया था।
कहा था कि एसओ विनय तिवारी, विकास दुबे के पैर छूता है। इसलिए वो मुझे भी दबिश पर ले जाना चाहता है, जिससे वो बाद में विकास से कह सके कि दबिश सीओ ने डलवाई थी। डीएसपी ने कहा कि एसओ जुआ करवाकर लाखों रुपये वसूलता था जिसे उन्होंने खुद पकड़ा। रिपोर्ट भेजी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। डीएसपी ने कहा कि एसओ ने जुआ के आरोपियों को डराया कि तुम पर गैंगस्टर लग जाएगी।
जिसके बाद उनसे पांच लाख रुपये अधिकारी को दे दिए। वहीं संबंधित अधिकारी ने आरोप निराधार बताए हैं। कहा कि निष्पक्ष जांच कराने के लिए ही जुआ पकड़े जाने का मुकदमा चौबेपुर के बजाए बिल्हौर थाने में दर्ज कराया था। गैंगस्टर की कार्रवाई चौबेपुर एसओ को नहीं बल्कि बिल्हौर इंस्पेक्टर व सीओ बिल्हौर को ही करनी थी। जब चौबेपुर एसओ के पास गैंगस्टर लगाने का अधिकार ही नहीं था तो वो आरोपियों को इसके लिए कैसे धमकाकर पैसे ले सकता है।


 (खबर वायरल आॅडियो पर आधारित है, हम इसकी पुष्टि नहीं करते)


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