स्वास्थ महकमा का अमानवीय चेहरा आया सामने, गंभीर रूप से घायल विवाहिता को 20 घंटे तक रखा भूखा 



जनसंदेश न्यूज़
चंदौली। जिले का स्वास्थ्य महकमा अमानवीय व संवेदनहीन हो चुका है। यह आरोप शुक्रवार को संदिग्ध कोविड मरीज की मां नरगीस व सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू ने जिला अस्पताल में लगाए। महिला का आरोप है कि मारपीट में गंभीर रूप से घायल उसकी विवाहित पुत्री को 20 घंटे तक बिना भोजन व दवा इलाज के आइसोलेशन वार्ड में कैद रखा गया। इसकी जानकारी होते ही जब मनोज सिंह डब्लू ने सीएमएस को तलब किया तो महकमे में अफरा-तफरी मची और स्वास्थ्य महकमा घायल युवती के दवा-इलाज में जुट गया। 


जानकारी के अनुसार मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के भिसौड़ी गांव में मारपीट में 24 वर्षीय रूबी गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना के बाद जब मुगलसराय कोतवाली पहुंची उसे पीपी सेंटर मुगलसराय में भर्ती कराया तो चिकित्सकों ने महिला को कोरोना मरीज बताते हुए जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करा दिया। घायल युवती की मां का आरोप है कि रात आठ बजे उसे आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया, लेकिन उसके बाद से न तो उसके गंभीर चोटों का दवा-इलाज किया गया और ना ही खाने को ही कुछ दिया गया। 


इसी बीच पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू से मिलकर पीड़ित महिलाओं ने समस्या गिनाते हुए अपनी पुत्री की जान बचाने की गुहार लगाई। इसके बाद मनोज सिंह डब्लू सीधे आइसोलेशन वार्ड पहुंचे, वहां उन्होंने बिना पीपीई किट के मौजूद महिला नर्स को फटकार लगाई और युवती को बाहर बुलाया। जानकारी होते ही सीएमएस डा. भूपेंद्र द्विवेदी भी पहुंच गए, तब जाकर स्वास्थ्य महकमा युवती के उपचार को लेकर संजीदा हुआ। इस बाबत मनोज सिंह डब्लू ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य महकमे की संवेदना पूरी तरह से मर चुकी है। यदि युवती को दो-चार घंटे ऐसे ही छोड़ दिया गया होता तो उसकी जान बचाना मुश्किल हो जाता। 


मनोज सिंह डब्लू से खड़े किए सवाल
चंदौली। सीएमएस डा. भूपेंद्र द्विवेदी ने संदिग्ध महिला मरीज के ईलाज के बाबत निजी एक्सरे सेंटर की मदद लेने की बात कही तो सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। कहा कि कोविड-19 में तमाम बजट को कोरोना मद में मर्ज कर दिया गया, लेकिन कोविड मरीजों के लिए सरकारी अस्पतालों में कोई सुविधा नहीं है। आज हालात ऐसे हैं कि कोरोना मरीजों के दवा-ईलाज से चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी कतरा रहे हैं। यह जिले के साथ ही सूबे के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।


 


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