पूर्वांचल विश्वविद्यालय की नई कुलपति ने संभाला कार्यभार, हम सब साथ मिल कर करेंगे काम : कुलपति

पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए भी करेंगे काम 


प्रो. टीएन सिंह ने प्रो. निर्मला एस मौर्या को कुलपति का दिया चार्ज 

जनसंदेश न्यूज़
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में सोमवार को नवनियुक्त कुलपति  प्रो निर्मला एस मौर्या ने पदभार ग्रहण किया। प्रो निर्मला एस मौर्या उच्च शिक्षा और शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, मद्रास की  कुलसचिव रही है।
निवर्तमान कुलपति प्रो. त्रिलोक नाथ सिंह ने नवनियुक्त कुलपति प्रो निर्मला एस मौर्या  को विश्वविद्यालय के कुलपति कार्यालय में कुलपति पद का चार्ज दिया। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल एवं ओएसडी डॉ के एस तोमर ने कार्यभार की प्रक्रिया पूरी कराई।


कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात कुलपति सभागार में  शिक्षक एवं कर्मचारियों  को संबोधित करते हुए कुलपति प्रोफेसर निर्मला मौर्या ने कहा कि विश्वविद्यालय के विकास के लिए हम सब  साथ मिलकर काम करेंगे हमारी प्राथमिकता  विद्यार्थी हैं। हम पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास के लिए भी काम करेंगे।



उन्होंने कहा कि आज हम उन दो महिलाओं का स्मरण करना चाहती हूं। पहली माँ जिन्होंने मुझे जन्म दिया और दूसरी सास, जिसके कारण मेरा व्यक्तिव का विकास हुआ और मैं इस मुकाम तक पहुँची। उन्होंने कहा कि मैं विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों का साथ चाहती हूँ।


इस अवसर पर उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी एम.के. सिंह, परीक्षा नियंत्रक वी. एन.सिंह, सहायक कुलसचिव अमृतलाल, प्रो. बी. बी. तिवारी, प्रो. मानस पांडेय, प्रो अविनाश , प्रो. अजय द्विवेदी, डॉ. मनोज मिश्र, , प्रो. राम नारायण, डॉ राज कुमार, प्रो. देवराज सिंह,  प्रो. बीडी शर्मा, प्रो.अजय प्रताप सिंह, डॉ. संतोष कुमार , डॉक्टर प्रमोद कुमार, डॉक्टर प्रमोद कुमार यादव, डॉक्टर नितेश जायसवाल, डॉक्टर मंगल यादव,डॉ. अलोक सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार,डॉ अवध बिहारी सिंह,  डॉ. विजय तिवारी  समेत  शिक्षक, कर्मचारी उपस्थित रहे।



शपथ ग्रहण के बाद जीत लिया सबका दिल
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर निर्मला प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य के उद्घबोधन के बाद पूरा माहौल पारिवारिक हो गया। उन्होंने विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों में कुछ को भाई तो कुछ को पिता तुल्य कहकर सबका दिल जीत लिया। उन्होंने कहा कि हम परिवार की तरह मिलजुल कर विश्वविद्यालय के विकास के लिए कार्य करेंगे। इसमें साथ देने वाले तो साथ रहेंगे मगर विरोध करने वालों की भी विकास के नाम पर साथ लेने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा करोना काल में हमारे मुंह पर पट्टी बंधी है इसका संदेश यह है कि हम बात कम और काम ज्यादा करें। उन्होंने अपने गुरू और पिता प्रो. सुरेंद्र सिंह कुशवाहा की चर्चा करते हुए कहा उनका प्रशासनिक अनुभव मेरे काम आएगा। साथ ही 40 वर्षों की सेवा में जो मैंने अनुभव किया है उसे भी आप लोगों के साथ शेयर करने का अवसर मिलेगा।


 


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