पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विकास में संग चलने वालों का स्वागत: कुलपति प्रो. निर्मला

अभिनंदन समारोह में कुलपति ने शिष्यों-सहयोगियों संग साझा किए विचार


विद्यार्थियों के अभिभावक और मार्गदर्शक के रूप में बिताए 30 साल

जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य का अभिनन्दन समारोह उनके शिष्य एवं शुभेच्छु गण द्वारा शनिवार की शाम को किया गया। 


इस अवसर पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि वे कभी भी पद का गरूर नहीं करेंगी, विश्वविद्यालय की विकास यात्रा में साथ जो भी चलेगा, उसका स्वागत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को एक नई पहचान दिलाने के लिए आगामी तीन वर्षों का एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की प्राथमिकता नई शिक्षा नीति को अंगीकार कर विद्यार्थियों के लिए रोजगार के अवसर सुलभ कराना है। उन्होंने कहा कि यहां तक पहुंचने के प्रयास में उनके माता-पिता और पति के साथ -साथ उनकी सासू मां पिता तुल्य ससुर का भी हाथ रहा, जिन्होंने उन्हें अध्ययन-अध्यापन के लिए हमेशा प्रेरित किया।


कार्यक्रम का शुभारंभ स्टेल्ला मॉरिस कॉलेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा सुश्री कृष्णप्रिया ने गणेश वंदना से किया। स्वागत भाषण देते हुए डॉ. मंजूबाला रुस्तगी ने  कहा कि प्रो निर्मला एस मौर्य सबकी प्रिय गुरु, स्नेही अभिभावक, विदुषी मार्गदर्शक रही हैं। वें सच्चाई के रास्तों पर चलने वाली बेहद परिश्रमी महिला रही हैं द्य चेन्नई के डीजी वैष्णव कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ मनोज कुमार सिंह और गुरुनानक कॉलेज चौन्नई की सहायक प्रो. डॉ. डॉली ने साझा रूप में  प्रो. निर्मला एस मौर्य का परिचय प्रस्तुत किया। इसके पश्चात भाव समर्पण हुआ। डॉ. श्रावणी भट्टाचार्य , हिंदी विभागाध्यक्ष स्टेल्ला मॉरिस कॉलेज चेन्नई ने प्रो. निर्मला एस. मौर्य के प्रति अपने भावात्मक उद्गार व्यक्त किये। इसी भाव समर्पण के साथ स्टेल्ला मॉरिस कॉलेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा सुश्री विदिशा ने मूकाभिनय प्रस्तुत किया।


उच्च शिक्षा एवं शोध संस्थान, दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा , मद्रास के कुलसचिव प्रो.प्रदीप शर्मा ने प्रो. मौर्य को नए पद, नए दायित्वों के लिए अपार शुभकामनाएँ व्यक्त करते हुए उनका अभिनंदन प्रस्तुत किया। चेन्नई के वरिष्ठ साहित्यकार श्री रमेश गुप्त नीरद ने साहित्य पथ की साथी प्रो निर्मला एस मौर्य को उनकी उपलब्धि पर शुभकामनाएँ देते हुए उनका अभिनंदन किया।


इस अभिनंदन समारोह में प्रो. केसरी लाल वर्मा कुलपति, पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर,  डॉ. अवनीश कुमार निदेशक केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, प्रो. नंद किशोर पांडेय, निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा, प्रो. चंद्रकला त्रिपाठी बीएचयू,  डॉ.संत प्रसाद माथुर पूर्व पुलिस महानिदेशक तमिलनाडु, श्रीएस श्रीनिवासन, उपनिदेशक, केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय आदि मनीषियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की और प्रो.मौर्य के लिए उन्हें शतशः बधाइयाँ दी। 


इस समारोह में प्रो. मौर्य के पिता, पूर्व कुलपति, प्रो. सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा, भाई प्रो. साकेत कुशवाहा कुलपति, राजीव गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश ने अपने पारिवारिक अनुभवों एवं जीवन संघर्षों को साझा किया तथा हर्ष व्यक्त करते हुए मंगलकामनाओं के शब्द-पुष्प की वर्षा की। इस अवसर पर पूर्वांचल वि वि के शिक्षकों में प्रो विक्रम देव शर्मा, प्रो.अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो देवराज सिंह, मीडिया प्रभारी डॉ राज कुमार, सह मीडिया प्रभारी डॉ सुनील कुमार, एनएसएस कोऑर्डिनेटर राकेश यादव, डॉ सुजीत कुमार, डॉ अमरेन्द्र कुमार सिंह, डॉ धर्मेन्द्र सिंह, अन्नू त्यागी, डॉ जान्हवी, करुना निराला एवं विशेष कार्याधिकारी डॉ के एस तोमर आदि ने भी हिस्सा लिया।


कुलपति महोदया ने कहा कि आप लोगों ने जो प्रेम और सम्मान दिया है उसके लिए मैं हमेशा आप सबकी ऋणी रहूंगी। महामहिम ने मुझ पर जो विश्वास किया है उस पर मैं खरी उतरने का प्रयास करूंगी। 03 वर्षों में विश्वविद्यालय के लिए बहुत कुछ कर जाऊं यह प्रयास करूंगी। शिक्षा संस्कार सिखाती है। बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। जीवन में नया कुछ सीखने को मिलता रहे नहीं तो जीवन ठहर जाता है।


पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर एस एस कुशवाहा ने कहा कि प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य आज जिस मुकाम पर हैं उसमें इनके परिश्रम का बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। निश्चित रूप से मेरी बेटी इस पद के लिए डिजर्व करती हैं।


समारोह में प्रो. ऊषा सिन्हा, डॉ. बीना बुदकी, डॉ. पद्मावती, प्रो. अमर ज्योति, प्रो. नजीम बेगम, डॉ मुकेश कुमार मिश्र, डॉ. स्वाति पालीवाल, डॉ. रविता भाटिया, डॉ हर्षलता शाह, डॉ विजयराघवन समेत देश भर के अनेकानेक विद्वानों ने हिस्सा लिया और प्रो. मौर्य के प्रति अपने हृदयोद्गार व्यक्त करते हुए उन्हें बधाइयाँ दीं। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन उनकी शिष्या डॉ. सुधा त्रिवेदी ने किया।


 


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