मनोज सिन्हा: जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल बनें मनोज सिन्हा, कभी थे सीएम के दावेदार, पढ़िए उतार-चढ़ाव से भरे उनका राजनैतिक जीवन

तीन बार सांसद एवं मोदी सरकार में रहें केंद्रीय मंत्री


पूर्व रेल राज्यमंत्री की जबरदस्त वापसी, सियासी हलचल



जनसंदेश न्यूज 
गाजीपुर। पूर्व रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू कश्मीर का उप राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गिरीश चंद्र मूर्मू के इस्तीफा के बाद यह जिम्मेदारी सौंपी है। बीएचयू के छात्रसंघ अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री तक का सफर कर चुके है। यह जानकारी मिलते ही जिले में भाजपा नेताओं में खुशी की लहर दौड़ गई है।   
पीएम नरेन्द्र मोदी के करीबी पूर्व रेल राज्य मंत्री  मनोज सिन्हा को बुधवार को  जम्मू-कश्मीर का नया उप राज्यपाल बनाया गया है। पूर्व मंत्री मनोज सिन्हा तीन बार सांसद रह चुके है। 2014 में पीएम ने इनकी कार्यकुशलता के आधार पर रेल राज्यमंत्री जैसे पद की जिम्मेदारी दी थी। श्री सिन्हा ने मंत्री रहते हुए गाजीपुर  जिले सहित पूरे पूर्वाचल में विकास का माडल तैयार किया था। जिसे लेकर इन्हें हर तरफ विकास पुरूष कहा जाने लगा था। इन्होंने हजारों करोड़ की धनराशि अवमुक्त करारकर विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया। 
पूर्वांचल के अलावा प्रदेश में भी ऐसे अनेक कार्य किए जिसकी पार्टी नेतृत्व में सराहना हो रही थी। इसी आधार पर यूपी में 2017 विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत में भाजपा के आने के बाद सीएम के रेस में सबसे आगे चल रहे थे। जबकि योगी आदित्यनाथ ने बाजी मार लिया था। वहीं, मनोज सिन्हा को 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी अफजाल अंसारी के हाथों शिकस्त खानी पड़ी। जिसके बाद भी वह लगातार क्षेत्र में चलते रहे। हालांकि केंद्र सरकार इनके कार्यो को लेकर काफी समय से अहम जिम्मेदारी सौंपनी चाह रही थी। बुधवार को जम्मू कश्मीर के उप -राज्यपाल के इस्तीफा देने के बाद सरकार ने यह बड़ा पद सौंप दिया। मनोज सिन्हा अब उपराज्यपाल के पद के जरिए एक बार फिर जबरदस्त वापसी करेंगे।
मनोज सिन्हा छात्र जीवन से ही राजनीति का सफर कर रहे है। वह सबसे पहले  बीएचयू छात्र संघ के 1982 में अध्यक्ष बने और वहीं से अपना सियासी सफर शुरू कर दिया। मुहम्मदाबाद विधानसभा के मोहनपुरा गांव निवासी मनोज सिन्हा बनारस बीएचयू से आईआईटी की पढ़ाई के बाद कई नौकरी के ऑफर ठुकराकर राजनीति में करियर बनाने का निर्णय लिया। मनोज सिन्हा 1989 से 1996 तक भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे हैं। इन्होंने 1996 के लोकसभा चुनाव में गाजीपुर सीट से पहली बार जीत दर्ज किया। 
वहीं, 1998 का लोकसभा चुनाव हार गए, लेकिन 13 महीने बाद 1999 के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार जीतकर संसद पहुंचे। लोकसभा में दो बार जीत दर्ज के बाद  मनोज सिन्हा का भाजपा के बड़े नेताओं मे नाम शुमार हो गये। लेकिन करीब 15 साल तक लोकसभा में जीत दर्ज करने में असफल रहे। हालांकि 2014 लोकसभा चुनाव में तीसरी बार जीत दर्ज कर बड़ी सफलता प्राप्त किए। उनके सियासी सितारें बुलंदियों को छूने लगे। उन्हें मोदी सरकार में रेल राज्य मंत्री बनाया गया था। 



भाजपा कार्यकर्ताओं ने मनाया जश्न, फोड़ा पटाखा
गाजीपुर। पूर्व मंत्री मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उप राज्यपाल बनाए जाने पर छावनी लाईन स्थित भाजपा कार्यालय पर कार्यकर्ताओं ने मिठाई खिलाकर एवं पटाखा फोड़कर जश्न मनाया। जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने कहा कि नेतृत्व का निर्णय दूरगामी होता है। जम्मू कश्मीर के लिए मनोज सिन्हा पर राष्ट्रपति एवं केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा व्यक्त विश्वास पर खरे उतरेंगे। यह गाजीपुर के गौरव की बात है। इस अवसर पर सरोज कुशवाहा, राजेश राजभर, विनोद अग्रवाल, जितेन्द्र नाथ पांडेय, रामनरेश कुशवाहा, प्रवीण सिंह, अवधेश राजभर, अखिलेश सिंह, विपिन सिंह, अच्छे लाल गुप्ता, शशिकान्त शर्मा आदि उपस्थित रहे।


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार