कवायद तेज: चीनी मिल के रॉ मटेरियल से भी बनाएंगे बायोगैस, कमिश्नर ने की अडानी ग्रुप के साथ दूसरी बैठक

कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने की अडानी ग्रुप के टीम के साथ दूसरी बैठक


एक सप्ताह में कार्य योजना और इस माह प्रोजेक्ट शुरू करने का प्रयास


- शहंशाहपुर में ही प्लांट स्थापित कर परियोजना आरंभ करने पर मंथन


- ‘अडानी गैस’ कम्पनी सीएसआर फंड से दो साल तक चलाएगी प्रोजेक्ट


- नगर निगम के संचालन व देखरेख में कार्य, बाद में विभाग की रहेगी जिम्मेदारी

जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। अहमदाबाद की अडानी गैस कम्पनी आराजी लाइन विकास खण्ड के शहंशाहपुर स्थित गोवंश आश्रय स्थल पर बायोगैस प्लांट लगाएगी। इसके लिए गोबर के अलावा चीनी मिलों के रॉ मटेरियल और सब्जी के छिलकों का भी उपयोग करेंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि परियोजना का खाका एक सप्ताह में तैयार कर इसी महीने प्रोजेक्ट को अमली जामा पहना दिया जाएगा।
बीते बुधवार को वाराणसी आयी भारत सरकार के अधिकारियों संग अडानी ग्रुप की टीम ने पहले ही दिन दौरा कर शाम को कमिश्नर दीपक अग्रवाल के साथ बैठक की। उसके बाद गुरुवार को भी मण्डलायुक्त के साथ उनकी दूसरी मीटिंग हुई। इस दूसरी बैठक में सम्बंधित विभागों के स्थानीय अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने शहंशाहपुर में बायोगैस प्लांट लगाने पर मंथन किया।
जानकारी के मुताबिक बायोगैस या गोबर गैस अथवा सीएनजी प्लांट के लिए चीनी मिलों का कचरा और सब्जियों के छिलके भी प्लांट में लाये जाएंगे। गोबर गैस के लिए शहंशाहपुर स्थित नगर निगम संचालित गोवंश आश्रय स्थल के लगभग एक हजार गाय-भैसों का गोबर प्रयोग करेंगे। साथ ही अडानी गैस कम्पनी के कर्मचारी दस किमी के दायरे में स्थित गांवों के पशुपालकों और किसानों से गोबर खरीदेंगे।
अडानी गैस कम्पनी अपने सीएसआर फंड से यह प्लांट दो साल तक संचालित करेगी। उसकी निगरानी नगर निगम के जिम्मे रहेगा। कम्पनी का कामकाज अच्छा रहा तो दो साल बाद भी कम्पनी ही  परियोजना को आगे जारी रखेगी। अन्यथा नगर निगम अपने स्तर पर यह प्लांट ऑपरेट करेगा। उस गोवंश आश्रय स्थल के निकट हरे चारे की खेती कराई जाएगी ताकि वहां के पशुओं के लिए चारे की कमी न रहे।
इस बारे में गुरुवार को दिन में कमिश्नर के साथ हुई मीटिंग के बाद शाम को शासन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भी अडानी ग्रुप के दौरे और उसके बाद हुई बैठकों का फीडबैक लिया। सम्भावना जतायी जा रही है कि इस परियोजना का वर्कप्लान अगले सप्ताह तक तैयार कर लिया जाएगा। उस कार्ययोजना को जल्द से जल्द मंजूरी देकर इसी महीने शहंशाहपुर में यह प्रोजेक्ट शुरू करने की कवायद है।


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