हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: विदेशी जमातियों की जमानत मंजूर, शाहगंज व करेली थानों में दर्ज है मामले



जनसंदेश न्यूज़
प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इंडोनेशिया के सात व थाईलैंड के नौ जमातियों की शाहगंज व करेली थानों में दर्ज मामलों में सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने आरोपियों के वकीलों सैयद अहमद नसीम व मोहम्मद खालिद को सुनकर दिया।


मामले के तथ्यों के अनुसार शाहगंज थाने में सात विदेशी सहित 17 लोगों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 188, 269, 270, 271, महामारी अधिनियम की धारा 3, 14 बी, 14 सी में नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी। बाद में इलाहाबाद विश्विद्यालय के प्रोफेसर मो शाहिद को भी इस मामले में आईपीसी की धारा 120बी का आरोपी बनाया गया था। करेली थाने में इन्ही धाराओं में थाईलैंड के नौ जमातियों व मस्जिद इमाम उजैफा सहित 30 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।


अधिवक्ता का कहना था कि ये सभी मस्जिद हेरा में 24 मार्च से कोरेन्टीन थे। इन्हें महबूबा पैलेस में कोरेन्टीन करने के बाद 21 अप्रैल को महबूबा पैलेस से ही गिरफ्तारी दिखाकर इनका चालान कर दिया गया था। सात इंडोनेशियन तब्लीगी जमात के लोगों व दो अनुवादकों को अब्दुल्ला मस्जिद मरकज में छिपाने के लिए नौ लोगों को जिम्मेदार बताया गया था।


करेली के मामले में आरोपी इमाम उजैफा व दो अनुवादकों की जमानत पूर्व में सत्र न्यायालय से हो चुकी है। अब्दुल्ला मस्जिद के 11 संरक्षण देने वालों व अनुवादकों की जमानत भी सत्र न्यायालय से स्वीकार हो चुकी है। कोविड-19 संक्रमण के कारण जिला न्यायालय के लगातार बंद रहने पर विदेशी जमातियों के जमानत प्रार्थना पत्र सत्र न्यायालय में दाखिल नहीं हो सके थे। इस पर संदीप कुमार बत्रा बनाम स्टेट ऑफ महाराष्ट्र व अन्य धरम सिंह बनाम स्टेट ऑफ यूपी में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय और सूरज कुमार बनाम स्टेट ऑफ यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट की विधि व्यवस्था के साथ हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किए गए। 


कहा गया कि सभी आरोपियों पर संक्रमण फैलाने, वीजा का दुरुपयोग करने का आरोप है। जबकि कई बार की टेस्टिंग में सभी निगेटिव पाए गए। ऐसे में जब वे संक्रमित नहीं थे तो संक्रमण फैलाने का औचित्य नहीं बनता।वीजा के नियमों का उल्लंघन भी नहीं हुआ क्योंकि वीजा नियम के पैरा 15 में उल्लिखित है कि टूरिस्ट वीजा पर धार्मिक कार्यक्रमों में सम्मिलित हो सकते हैं। सभी विदेशियों के यहां रुकने की सभी औपचारिकताएं पूरी की गईं और भारत सरकार की ऑफिसियल वेबसाइट पर जरूरी फॉर्म सी भी 24 मार्च को ही अपलोड कर दिया था। एलआईयू व पुलिस को सूचित भी कर दिया गया था उनके द्वारा किसी प्रकार का कोई भी अपराध कारित नहीं किया गया है।


सुनवाई के बाद कोर्ट ने शाहगंज के मामले में इंडोनेशिया के इदरीस उमर, अदि कुस्तीना, समसुल हादी, इमाम साफी, सतिजो जोइडिनो, हेन्द्रा सिंम्बोलन व डैडीके इसकेन्डेर और करेली थाने के मामले में थाईलैंड के मोहम्मद मदाली, हसन पाचो, सिथि पोन, सुरस्क, अरसेनन, अब्दुल बसीर, अब्दुनल, उपदान वहाब व रोमली कोली की सशर्त जमानत स्वीकार कर ली।


 


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