गाजीपुर में कोरोना के 66 नये संक्रमित मिले, आंकड़ा पहुंचा 2749, अब तक 24 की हो चुकी है मौत

66567 संक्रमितों की हुई जांच 

जनसंदेश न्यूज़
गाजीपुर। शहर से लेकर देहात तक जांच में अब सामुदायिक संक्रमण से बड़ी संख्या में रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आ रही है। जिले में कोरोना के संक्रमित मरीजों की बढोत्तरी ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। शुक्रवार सुबह तक की रिपोर्ट के मुताबिक 66 कोरोना संक्रमित के साथ कुल मरीजों की संख्या 2749 पहुंच गई है। जिले में अब तक 66 हजार 567 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लेने का दावा किया गया है। जिसमें 2749 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित मिले, वहीं 61 हजार 380 मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई। जबकि 2438 संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट नहीं आई है। संक्रमित केसों की संख्या अब 2750 के करीब पहुंच गई है, जिसके बाद भय बढ़ गया है। वहीं 24 संक्रमित मरीज जान भी गंवा चुके हैं। उधर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से संक्रमण को रोकने के लिए संक्रमित मरीजों के क्षेत्रों को हॉट स्पाट घोषित कर सैंपलिंग कराई जा रही है। सर्वे टीम लगातार संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों की सूची तैयार कर रही है। शहर से लेकर गांव तक अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ रही है। वहीं सकंमित मरीजों के संपर्क में आकर संक्रमित होने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।


बुजुर्ग पर कोरोना का झपट्टा बन रहा जानलेवा 
गाजीपुर। कोरोना से मौत का आंकडा बढ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा बुजुर्ग मरीज हैं, कोरोना संक्रमित 24 मरीजों की मौत हो चुकी है। इसमें से 70 फीसद 60 साल से अधिक उम्र के मरीज हैं। 60 साल से अधिक उम्र के साथ अन्य बीमारियों से पीडित मरीजों के कोरोना संक्रमित होने पर जान बचाना मुश्किल हो रहा है। कोरोना संक्रमित 2749 मरीजों में से 24 की मौत हो चुकी है। इन मरीजों को ह्रदय रोग, मधुमेह, गुर्दा रोग की समस्या थी, ऐसे में कोरोना संक्रमित होने पर भर्ती कराया गया। इनकी जान नहीं बचाई जा सकी। 


लक्षण छिपाना पड़ सकता है भारी
गाजीपुर। डॉक्टर और वैद्य से कुछ नहीं छिपाना चाहिए, लेकिन लोग इसे मान नहीं रहे हैं। ऐसे में उनकी सेहत पर ये काफी भारी पड़ रहा है। बाद में जब कोरोना जांच में वे पॉजिटिव आते हैं, तब तक काफी देर हो चुकी होती है। लोगों को इस समय कोरोना लक्षण को लेकर सजग और सतर्क रहने की जरूरत है। क्वारंटीन किए जाने के डर से अधिकांश लोग सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार छिपाकर उसका इलाज झोलाछाप से करा रहे हैं। गांव-गांव घूम रहे झोलाछाप कहीं खुद ही कोरोना के कैरियर न बन जाएं, इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। मर्ज को छिपाने के कारण लोग अपनी मौत को दावत दे रहे हैं। हालात ये है कि इन दिनों कोविड अस्पताल में जो मरीज आ रहे हैं उनसे ये पता चल रहा है कि सर्दी जुकाम होने पर पहले चुपके-चुपके मेडिकल स्टोर से दवा खाते रहे। बाद में उनकी स्थिति गंभीर होती गई। 


लापरवाही जान पर पड़ सकती है भारी
गाजीपुर। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में कई झोलाछाप डॉक्टर हैं। लोग सर्दी-जुकाम होने पर पहले मेडिकल स्टोर से दवा लेते हैं। उसके बाद जब आराम नहीं होता है तो अपने करीब के झोलाछाप डॉक्टर के पास दवा लेने पहुंच जाते हैं। झोलाछाप बुखार के मरीजों का तापमान नापने के लिए मुंह में थर्मामीटर डालते हैं, फिर उसे निकाल सामान्य तरीके से धुल कर रख लेते हैं। अन्य स्थान पर पहुंच यही थर्मामीटर दूसरे मरीज के मुंह में डाल देते हैं। पूर्व के मरीज का लार दूसरे मरीज के मुंह में चला जाता है। अब इनमें से एक भी मरीज यदि कोरोना पॉजिटिव निकला तो पूरी चेन बनने का खतरा हो सकता है।


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