छात्रवृत्ति घोटाले का गजब खेल: शिक्षा माफिया ही नहीं शराब माफिया भी कूदें, इस प्रतिष्ठित कालेज को बनाया निशाना 



जनसंदेश न्यूज 
गाजीपुर। नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल के जरिए विभिन्न योजनाओं में फर्जीवाड़े को लेकर बड़े नाम सामने आने लगे है। इस योजना में प्रतिदिन नए मामले आने का सिलसिला बना हुआ है। छात्रवृति घोटाले में शिक्षा माफियाओं के अलावा शराब माफिया भी शामिल हो गए है। माफियाओं ने सहायता प्राप्त विद्यालयों में भी फर्जीवाड़ा किया है।


भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नेशनल स्कॉलरशिप के जरिए जिले में विभिन्न योजनाओं में शिक्षा माफियाओं ने छात्रवृति को लेकर विकलांग वर्ग के छात्रों के नाम पर व्यापक रूप में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रूपए का गबन कर लिया है। इस योजना में कई स्कीम संचालित है, जिसमें अधिकारियों एवं बैक कर्मियों की मिलीभगत से इस फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया है। शिक्षा माफियाओं ने बिना मान्यता के अलावा सरकारी कालेजो को भी नहीं छोड़ा है। 


आश्चर्य की बात है कि, इस योजना के बारे में बहुत से कालेजों को जानकारी ही नहीं है कि आवेदन प्रक्रिया क्या है। लेकिन हालात यह है कि उनके कालेजों के नाम पर छात्रवृति उतार ली गई है। उन्हें यह नहीं पता कि हम शिकायत कहां करें, इसको लेकर भी काफी लोग चिंतित है। 


ऐसा ही एक मामला मरदह थाना क्षेत्र के नेशनल हाइवे स्थित प्रतिष्ठित इंटर कालेज का है। जहां माफियाओं ने इस योजना के तहत सत्र 2019-20 में  विकलांग वर्ग के 22 लाभार्थियों की फर्जी संख्या दिखाकर धनराशी उतार ली है। प्रति छात्रों के नाम 12 हजार 600 रूपए के हिसाब से दो लाख 64 हजार का गबन किया है। फिलहाल यह जांच का विषय है कि धन बैंक से निकाला गया है या नहीं।


सूत्रों का दावा है कि इस खेल में मरदह थाना क्षेत्र का एक शराब माफिया शामिल है। जिसका इस स्कूल में आवेदन लाभर्थियों से संबध है। यदि जांच किया जाए तो मामला सामने आ सकता है। बताया जा रहा है कि यह माफिया शराब  व्यवसाय से कई वर्षो तक जुड़ा हुआ था। इस व्यवसाय में भी काफी फर्जीवाड़े सहित अवैध धंधा किए। पुलिस ने सन 2017 में इसकी देशी शराब की दुकान पर छापेमारी कर 44 पेटी (1900 शीशी) शराब, भारी मात्रा में रैपर, 100 खाली शीशी, केमिकल व 20 बाल्टी बरामद किया था। 


इसके बाद उसके नाम से आवंटित सभी दुकानों को संस्पेड कर दिया था।  हालांकि, स्कॉलरशिप फर्जीवाड़े में अभी तक शिक्षा माफियाओं का ही नाम आ रहा था, लेकिन शराब माफियाओं के नाम जुड़ जाने से इस योजना में बड़े स्तर का घोटाला होने का शक जताया जा रहा है। इन योजनाओं में भ्रष्टाचार की जड़ इतनी गहरी हो गई है कि इसकी जांच कर रहे अधिकारी भी असमंजस में पड़ गए है। वहीं इन योजनाओं का आकर्षण इतना बढ़ गया है कि अब शराब माफिया भी इस खेल में शामिल हो गए है।


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