चंदौली विद्यालय प्रबंधक संघ ने बताया फार्मूला, ऑनलाइन नहीं पढ़ाना चाहते अभिभावक तो विद्यालय पूरे साल की नहीं लेगा फीस, पर.....

ऑनलाइन क्लास नहीं करने पर बच्चों को अगले शिक्षण सत्र में नहीं किया जायेगा प्रमोट, फिर पढ़ेंगे उसी कक्षा में


अभिभावकों का पूरा सहयोग कर रहे विद्यालयः विनय वर्मा


बोले, आनलाइन, एम-क्लास व आफलाइन सपोर्ट से हो रही पढ़ाई




जनसंदेश न्यूज़
चंदौली। विद्यालय प्रबंधक संघ के पदाधिकारी गुरुवार को जिला मुख्यालय पर पत्रकारों से रूबरू हुए। इस दौरान अध्यक्ष विनय कुमार वर्मा ने मान्यता प्राप्त स्ववित्तपोषित विद्यालयों के संचालन में आ रही दिक्कतों पर रौशनी डाली। साथ ही इन समस्याओं के निराकरण का रास्ता व राहत का फार्मूला भी पटल पर रखा। कहा कि हम अभिभावकों का पूरा सहयोग करते चले आ रहे हैं और आगे भी विद्यालय अपने अभिभावकों से समन्वय बनाए रखेगा। इस दौरान उन अभिभावकों के साथ आगे बढ़ेगा, जो आनलाइन क्लास, एम-क्लास व आफलाइन सपोर्ट के जरिए बच्चों की पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं। 


उन्होंने कहा कि जो अभिभावक अपने बच्चों को आनलाइन नहीं पढ़ाना चाहते है वह विद्यालय से सम्पर्क करें। विद्यालय पूरे साल की फीस नहीं लेगा, लेकिन ऐसे अभिभावकों के बच्चों को आगामी शिक्षण सत्र में प्रमोट करने के बजाय उसी क्लास में पुनः पढ़ना होगा। क्योंकि बच्चा पढ़ेगा नहीं, टेस्ट व परीक्षाओं में नहीं शामिल होगा तो उसे प्रमोट करना उसके शैक्षणिक कैरियर के साथ खिलवाड़ होगा। कहा कि जनपद के 350 निजी स्कूल में कार्यरत 11 हजार शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मी डेढ़ लाख बच्चों का भविष्य संवारने में जुटे हैं। लाकडाउन में फीस की आवक घटकर पांच से 10 प्रतिशत रह गयी है। ऐसे में विद्यालय के स्टाफ के वेतन की अदायगी करना मुश्किल हो गया है। 


सरकार ने नियम कायदे-कानून बनाए, लेकिन निजी विद्यालयों के हितों को ध्यान में रखकर कोई पहल नहीं की। संरक्षक यदुराज कानुडिया ने कहा कि अभिभावकों व विद्यालय के बीच विवाद नहीं है। अभिभावकों की समस्या के आड़ में कतिपय लोग राजनीति कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया में विद्यालयों के खिलाफ ऐसी टिप्पणी की जो शर्मनाक है। कहा कि फीस निजी विद्यालयों का मौलिक संसाधन है, जिसकी आवक रूक जाने से सारी व्यवस्थाएं ठप पड़ गयी हैं। बावजूद इसके विद्यालयों ने अपनी स्थिति व परिस्थिति के अनुसार अभिभावकों को छूट दी है। मांग किया कि आनलाक के अगले चरण में विद्यालयों को खोले और उसके संचालन के लिए सख्त से सख्त नियम-कायदे बनाएं। इस मौके पर आशीष विद्यार्थी, खान मोहम्मद अनीस, डा. अनिल यादव, राजू इकबाल, इसरार अहमद, साजू थामस आदि उपस्थित रहे।



बिजली बिल, वाहन किस्त व इंश्योरेंस में मिले छूट
चंदौली। विद्यालय प्रबंध संघ का एक दल गुरुवार को जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल से मिला। इस दौरान पदाधिकारियों ने 11 सूत्रीय मांग पत्र डीएम को सौंपा। मांग किया कि निजी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों का वेतन, बिजली बिल, वाहनों की किस्त व इंश्योरेंस समेत अन्य अनुषांगिक खर्च के भुगतान में कठिनाइयों को देखते हुए राहत प्रदान करें। क्योंकि निजी स्कूल लाकडाउन व अनलाक में बंदी का दंश झेलते आ रहे हैं। कारोना काल में स्कूलों को सरकार से कोई अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है, जिससे वित्तीय व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। संरक्षक हाजी वसीम अहमद ने कहा कि सीबीएसई बोर्ड की कक्षा 9वीं व 11वीं के पंजीकरण की अंतिम तिथि सितंबर माह होती है। ऐसे में छात्रों का पंजीकरण न होने पर इसका उत्तरदायी विद्यालय नहीं होगा। क्योंकि अप्रैल से अब तक उन छात्रों व उनके अभिभावकों ने स्कूल से कोई सम्पर्क नहीं किया है। दुख व्यक्त करते हुए कहा कि कोरोना काल में सरकार ने प्राइवेट विद्यालयों के प्रति कोई संवेदना नहीं दिखाई है। हालात ऐसे हैं कि स्टाफ की संख्या घटाने के साथ-साथ वेतन में कटौती कर किसी तरह स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। इस अवसर पर विनय कुमार वर्मा, आशीष विद्यालय, यदुराज कानुडिया, ऋषभ सिंह, रफकी, मनीष सिंह, मनोज यादव, राम दयाल बिंद आदि उपस्थित रहे।


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