बुल्ले शाह फकीर के शब्दों से इंस्पायर होकर खुशाली ने ‘इश्क खुदा हैं’ किया प्रस्तुत 


जनसंदेश न्यूज़
इंदौर। बुल्ले शाह फकीर के शब्दों से इंस्पायर होकर, खुशाली कुमार ने अपनी अगली संगीतमय कविता को लिखा एक्टर-मॉडल-फैशन डिजाइनर खुशाली कुमार मल्टी टेलेंटेड हैं। हाल ही में उन्होंने एक भावनात्मक कविता ‘नॉर्मल डेज’ के जरिए भावुक विचार व्यक्त किए, जो इन कठिन समयों के दौरान दर्शकों के बीच काफी सुना गया। बहुमुखी कलाकार अब बाबा बुल्ले शाह फकीर के उत्कृष्ट आध्यात्मिक कविता के शानदार शब्दों से प्रेरित श्इश्क खुदा हैश् नामक एक स्पेशल म्यूजिक पोयम के साथ फिर से प्रस्तुत है। 
बुल्ले शाह एक सूफी कवि और फिलोसॉफर थे और पूरी दुनिया में उन्हें पंजाबी ज्ञानोदय का जनक माना जाता था। जहां खुशहाली ने लॉकडाउन के दौरान लिखी गई कविता को पढ़ा है, उनकी बहन, लोकप्रिय गायक तुलसी कुमार ने ‘इश्क खुदा है’ में कुछ पंक्तियाँ गाई हैं। म्यूजिकली पोयम आशा की एक प्रेरणादायक प्रेम कहानी है जो इतने दिनों बाद आज भी प्रासंगिक बनी हुई है। म्यूजिकल पोयम के बारे में बात करते हुए, खुशाली कुमार कहती हैं, बाबा बुल्ले शाह फकीर के शब्द एक सदी के बाद भी उन सभी के लिए प्रासंगिक हैं जो प्यार करते हैं। ऑक्सीजन और भोजन की तरह ही, प्यार भी हमारे लिए जरूरी है, भले ही प्यार हमें हमारे दर्दनाक अतीत में ले जाता हो। यह कविता अपनी यात्रा में जीवन में प्यार की तलाश में परेशान रिलेशनशिप्स के बारे में बताती है। कभी-कभी हमारे बुजुर्गों के खूबसूरत शब्द जैसे कि बाबा बुल्ले शाह फकीर की लाइनें ‘इश्क खुदा है’ हमें गाइड करती है और हमारी आंतरिक आवाज बन जाती हैं।


 


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