बनारस में चेरिटेबल अस्पतालों की बंद ओपीडी और इमरजेंसी को तत्काल शुरू करने का डीएम ने दिया निर्देश 

- जिलाधिकारी ने ट्रस्ट के चिकित्सालयों के प्रबन्धक, नर्सिंगहोम एसोसिएशन व आइएमए के पदाधिकारियों संग की मीटिंग


- कहा: हॉस्पिटल शहर में इन्फ्लूएंजा लाइक इंफेक्शन व सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के मरीजों समय अन्य गम्भीर रोगियों को चिह्नित करने में दें सहयोग

जनसंदेश न्यूज
वाराणसी। सूबे के पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी के सुझाव पर सीएम योगी आदित्यनाथ की सहमति मिलने के बाद जनपद में विभिन्न ट्रस्टों के एक दर्जन से अधिक बंद पड़े अस्पतालों को सरकारी मदद से खोलने की कवायद शुरू हो गयी है। डीएम कौशल राज शर्मा ने बैठक कर सम्बंधित अस्पतालों की ओपीडी और इमरजेंसी वार्ड तत्काल खोलने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने अपने कैम्प कार्यालय सभागार में यह मीटिंग बुलायी थी। उसमें ट्रस्टों के प्रबंधक, नर्सिंगहोम एसोसिएशन और आईएम के पदाधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने ऐसे सभी हॉस्पिटल जहां ओपीडी व इमरजेंसी नहीं चल रही है, उसे तत्काल शुरू करने की अपील की। साथ ही भरोसा दिलाया कि ओपीडी व इमरजेंसी चलाने के लिए जो भी सहयोग चाहिए उसे प्रशासन मुहैया कराएगा। उन्होंने अपील की कि यह हॉस्पिटल शहर में आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इंफेक्शन) व सभी (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इंफेक्शन) के मरीजों के साथ ही हृदय रोग, गुर्दा रोग, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैन्सर आदि गम्भीर रोग से पीड़ित लोगों को चिह्नित करने में सहयोग करें, ताकि इनका पहले इलाज हो सके। सभी हॉस्पिटल ऐसे मरीजों की नियमित रिपोर्टिंग प्रोफॉर्मा पर भरकर करें जिससे उनका रिकॉर्ड रखा जा सके।
श्री शर्मा ने कहा कि सभी चेरिटेबल हॉस्पिटल व नर्सिंग होम नॉन कोविड मरीजों का 24 घंटे इलाज करें। इन हॉस्पिटल में इलेक्टिव सर्जरी या अन्य कोई इलाज से पहले यदि कोविड की जांच करानी हो तो इसके लिए नजदीक के सभी 24 अर्बन पीएचसी व ग्रामीण क्षेत्र के आठ ब्लॉक सीएचसी पर से कोरोना की जांच निःशुल्क होगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही चार स्पेशल मोबाइल कोविड जांच टीम शहर में चलेगी जो इन हॉस्पिटल में मुफ्त कोविड जांच करेगी। जरूरत पड़ने पर इन हॉस्पिटल में सेनिटाइजेशन भी निःशुल्क कराया जाएगा।
डीएम ने कहा कि कोविड के इलाज में यदि कोई अन्य जरूरी उपकरण या सामग्री  हॉस्पिटल को चाहिए तो उसे रेडक्रॉस सोसाइटी से निःशुल्क  उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने नर्सिंगहोम के संचालकों से कोविड के होम कोरेन्टीन वाले मरीजों के लिए चिकित्सकीय जांच, सलाह, टेली व वीडियो कंसलटेंसी का सस्ता पैकेज बनाने को भी कहा। 
जिले में मारवाड़ी अस्पताल, चौक क्षेत्र स्थित हिन्दू सेवा सदन अस्पताल, मच्छोदरी स्थित बिड़ला अस्पताल, शिवाला में माता आनंदमयी अस्पताल, रामघाट में मेहता अस्पताल एवं लक्सा में रामकृष्ण मिशन अस्पताल सहित लगभग एक दर्जन से अधिक चिकित्सालय विभिन्न ट्रस्टों से संचालित होते हैं। उनमें से वर्तमान में रामकृष्ण मिशन अस्पताल और माता आनंदमयी चिकित्सालय के अलावा विभिन्न ट्रस्टों के अस्पताल बंद हैं। जबकि इन चिकित्सालयों के पास उपचार के इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध हैं। यदि इन चिकित्सालय को नान कोविड के रूप में शुरू करा दिया जाए तो अन्य रोगों से पीड़ित मरीजों का इलाज संभव हो जाएगा।
बैठक में सीएमओ डॉ. वीबी सिंह, एडिशनल सीएमओ डॉ. संजय राय, नर्सिंगहोम अध्यक्ष डॉ. कुसुम चन्द्रा, आइएमए पदाधिकारी डॉ. आलोक भारद्वाज व डॉ. एसपी सिंह, रामकृष्ण मिशन के स्वामी अप्रमेयानन्द, स्वामी भेदातितानन्द , स्वामी ज्ञानस्थानानन्द, मारवाड़ी हॉस्पिटल से गौरीशंकर नेवर, हिन्दू सेवा सदन से जय प्रकाश मुंद्रा, आनंदमयी हॉस्पिटल से अखिलेश खेमका, बिरला हॉस्पिटल से दीनानाथ झुनझुनवाला, जनता हॉस्पिटल से डॉ अकबर अली, जामिया हॉस्पिटल से डॉ. एसपी सिंह, अब्दुल सलाम व इखलाक अहमद, बुनकर हॉस्पिटल से अनवरूल हक, भारत सेवाश्रम संघ से डॉ. असीस चटर्जी आदि मौजूद थे।


 


 


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