324 साल बाद बन रहा है संयोग, यह है सबसे शुभ मुर्हूत, भद्रा काल में भूल से भी ना बंधवाये राखी, पढ़े सही समय
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। भाई-बहन के प्यार और स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन इस बार 3 अगस्त को है। रक्षाबंधन पर्व पर इस बार ग्रह गोचर एवं ब्रह्मांड में राहु और शुक्र के संयोग के कारण धनपति योग बन रहा है। मेरठ में ज्योतिष के अनुसार यह योग 324 वर्ष बाद बन रहा है। जब शुक्र अपनी मूल राशि वृष से दूसरे स्थान अर्थात मिथुन राशि पर बाल्य अवस्था में होता है एवं शुक्र के साथ राहु भी अपनी बाल्यावस्था में चल रहा होता है।
तीन अगस्त को पूर्णमासी तिथि रात 9.27 बजे तक रहेगी अतः सूर्य उदय से लेकर रात 9.27 तक राखी बांधने एवं बंधवाने का समय शुभ रहेगा। ज्योतिष ने बताया कि इस दिन जब बहन भाई की कलाई पर राखी बांधे तो भाई एक सफेद कागज पर अपनी बहन के दोनों पैरों की छाप ले लें तथा उस कागज को घर के दक्षिण पश्चिम कोने में लगा दें।
घर के दक्षिण पश्चिम कोने का स्वामी राहु होता है जो अचानक में धन प्राप्ति का कारक ज्योतिष में है, ऐसा करने से वर्षभर धन संग्रह होता रहेगा। वहीं सबसे शुद्ध एवं श्रेष्ठ कलावा राखी के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। छोटे भाई के लिए कलावे में 5 गांठ लगाकर बांधें, जबकि बड़े भाई के लिए 7 गांठें लगाकर दाहिने हाथ में बांधें।
भद्रा काल में ना बंधवाये राखी
कहते हैं कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांध दी थी इसलिए रावण का विनाश हो गया था। ज्योतिष के अनुसार 3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है। राखी का त्योहार सुबह 9 बजकर 30 मिनट से शुरू हो जाएगा। दोपहर को 1.35 मिनट से लेकर शाम 4.35 मिनट तक सबसे अच्छा समय है। शाम 7.30 मिनट से लेकर रात 9.30 के बीच अच्छा मुहूर्त है।