ये बनारस की पुलिस है...... बोलती है क्वॉरेंटाइन, फिर करती है लाल-पीला



मानवता तार-तार, बेरहमी की हदे पार, अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के भाई को बर्बता से पीटा 
एडीजी ने मामले को लिया संज्ञान दरोगा-सिपाही लाइन हाजिर, बैठाई जांच 
रवि  प्रकाश सिंह 
वाराणसी। जी हां, ये बनारस की पुलिस है। आये दिन चर्चाओं में रहने का कोई मौका नहीं छोड़ती। ताजा मामला बड़गांव थाना पुलिस का है। इस थाने की पुलिस मामला सुलझाने का नायाब तरीका निकाला है। लॉकडाउन से इतने प्रभावित हुए है कि हर मामले को क्वॉरेंटाइन कर के सुलझा रहे हैं। अगर थाने पर आ गए तो पहले क्वॉरेंटाइन किया जाता है। इसके बाद सामने वाला कुछ बोलने के लायक नहीं रहता। बोलने क्या बैठने के लायक नहीं रहता। खैर ये कोई नई बात नहीं। जिसको जो डायलॉग पसंद आ जाये, यहां क्वॉरेंटाइन ही हिट था। 
मामला ये है कि बड़ागांव थाना क्षेत्र कोरमा गांव निवासी लक्ष्मीकांत उर्फ गुड्डू यादव खेत जुताई कर रहे थे। इस दौरान ट्रैक्टर से पड़ोसी खेतीहर  विक्की यादव का मेड़ कट गया। इस बात से नाराज विक्की ने 112 नंबर डायल कर पुलिस को बुला लिया। यहां लक्ष्मीकांत ने अपनी गलती मानी और मेड़ बनवाने की बात कही लेकिन पुलिस वाले माने नहीं उन्हें थाने लेकर चले आये। पीड़ित का आरोप है कि यहां सिंघम बने दरोगा अतुल मिश्रा और सिपाही का नाम अंशुमान सिंह ने उन्हें खिड़की  राड पकड़वाकर शरीर के पीछे वाले हिस्से पर बर्बता से जोर आजमाया।


मार ऐसी की पीड़ित बैठने में सौ बार सोचे। मेडिकल कराने मंडलीय अस्पताल पहुंचे लक्ष्मीकांत ने मीडिया के सामने इस दर्दनाक हादसे को बयां करते हुए फफक पड़े। शरीर का वो हिस्सा दिखाई जहां लाठियों का भरपूर प्रयोग किया गया था। हालांकि मामाला एडीजी के संज्ञान में आने के बाद दोनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया। वही एसएसपी ने दोनों पर विभागीय जांच बैठा दी है। 
लक्ष्मीकांत जेवलिन थ्रो की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सुमन यादव के भाई है। सुमन वर्तमान में कस्टम विभाग लखनऊ में डीएसपी के पद पर तैनात है। 


 


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