विज्ञान व तकनीकी के क्षेत्र में नई दिशा की ओर अग्रसर पूर्वांचल विश्वविद्यालय

विज्ञान व तकनीकी के नए संस्थान व कई विभाग की स्थापना


एमएससी, एमटेक व डी फार्मा जैसे पाठ्यक्रम की शुरुआत

जनसंदेश न्यूज़
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित रज्जू भइया संस्थान के द्वारा ‘विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करता पूर्वांचल विश्वविद्यालय’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा किया गया।
रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रोफेसर देवराज सिंह ने कहा कि वर्तमान सत्र में संस्थान एमएससी भौतिकी रसायन विज्ञान गणित और भूगर्भ विज्ञान तथा एमटेक मैटेरियल साइंस एंड टेक्नोलॉजी जैसे कोर्सों का संचालन कर रहा है। संस्थान में विभिन्न प्रकार के विश्व स्तरीय वैज्ञानिक तथा शोध उपकरण हैं जिनका उपयोग विश्वविद्यालय से जुड़े महाविद्यालय भी कर सकते हैं।
विज्ञान संकाय के डीन प्रोफेसर राम नारायण ने बताया कि पिछले वर्ष से परिसर में विज्ञान संकाय था रज्जू भैया संस्थान के सहयोग से बीएससी के विभिन्न पाठ्यक्रमों का संचालन प्रारंभ हो चुका है इसके अतिरिक्त परिसर में एमएससी बायोटेक्नोलॉजी बायोकेमेस्ट्री माइक्रोबायोलॉजी और एनवायरमेंटल साइंस जैसे रोजगारपरक पाठ्यक्रमों संचालित हो रहे है।
इलेक्ट्रॉनिकस इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष तथा फार्मेसी संस्थान के निदेशक प्रोफेसर बीवी तिवारी ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में विश्व विद्यालय के शैक्षणिक स्तर में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। इंजीनियरिंग संकाय में एमटेक के कई सारे नए प्रोग्राम प्रारंभ किए गए हैं इसके अलावा कंप्यूटर डिपार्टमेंट द्वारा डीसीए का पाठ्यक्रम भी संचालित हो रहा है. प्रो. तिवारी ने कहा कि इस वर्ष फार्मेसी संस्थान द्वारा डी फार्मा का भी पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है जोकि एक रोजगारपरक और बहुत ही महत्वपूर्ण कोर्स है।



पूर्वांचल विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉ राजाराम यादव ने कहा कि पिछले 3 वर्षों में इस विश्वविद्यालय परिसर में पहली बार कैंपस प्लेसमेंट की व्यवस्था प्रारंभ हुई जिसके परिणाम स्वरूप 4000 से अधिक विद्यार्थी विभिन्न कंपनियों में चयनित हुए। पिछले दो वर्षों में 3 नए संस्थान, 4 नए विभाग तथा दो नए रिसर्च सेंटर की स्थापना की गई। इन दौरान 15 नए कोर्सेज प्रारम्भ हुए। पिछले 2 वर्षों में  विश्वविद्यालय ने 80 लाख से अधिक के रिसर्च प्रोजेक्ट भी प्राप्त किए। 2017 में अपने संसाधन से पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप शुरू करने वाला एक मात्र विश्वविद्यालय बना। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सेमिनार तथा वर्कशॉप का भी आयोजन किया। इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के सुविधाओं में भी बढ़ोतरी हुई।
इस संगोष्ठी में विश्वविद्यालय तथा महाविद्यालय के शिक्षको व छात्रों ने बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन और संयोजन डॉ नितेश जयसवाल ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ धीरेंद्र चौधरी ने किया। इस अवसर पर प्रो अशोक श्रीवास्तव, डॉ प्रमोद यादव, डॉ अजीत सिंह, डॉ राकेश यादव, डॉ राजकुमार, डॉ गिरिधर मिश्रा व अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।


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