नेशनल स्कॉलरशिप घोटाला: मुस्लिम छात्रों के हक का पैसा डकार गये शिक्षा माफिया, 46 मदरसों के हजारों छात्रों के साथ धोखा

सहायता प्राप्त विद्यालय के नाम पर उतारी स्कॉलरशिप


आलिया स्तर के कालेजों को योजनाओं का नहीं मिला लाभ




जनसंदेश न्यूज 
गाजीपुर। शिक्षा माफियाओं ने मुस्लिम वर्ग के बच्चों के हक को मारा ही नहीं बल्कि डाका डाला है। प्राइमरी से लेकर जूनियर हाईस्कूल की मान्यता के स्कूलों में कक्षा नौ का फर्जी रूप से इस वर्ग के छात्र को दिखाया गया है। एक ही छात्र छात्राओं को दो से तीन बार उसी कालेज में एक ही सत्र में दाखिला दिखााया है। इसमें छात्र कम उम्रदराज ज्यादें लोगों को शामिल किया गया है। कई जगह अपने परिवार के लोगों को भी छात्र बनाया गया है। इस प्रकार नेशनल स्कॉलरशिप में फर्जीवाड़ा कर माफिया करोड़ों रुपये डकार गए है। दरअसल, जिलें में आलिया स्तर पर मान्यता प्राप्त हाईस्कूल एवं इंटर के 46 मदरसों में हजारों छात्र पंजीकृत है। लेकिन इन योजनाओं का लाभ इन्हें नहीं मिल पा रहा है।   
योगी सरकार सत्ता में आते ही शिक्षा विभाग में भ्रष्ट्राचार को जड़ से खत्म करने को दावा किया। लेकिन सत्ता के तीन साल बाद भी प्रदेश का हाल जस का तस बना हुआ है। शासन से संचालित योजनाओं को घोटालाबाजों ने जमीन पर उतरने ही नहीं दे रहें हैं। इसी से जुड़ी एक योजना नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल में जिलें में करोड़ों का घोटाला किया गया है। शिक्षा माफियाओं का यह खेल काफी वर्षो से चल रहा है। शिक्षा माफियाओ के इस खेल का बहुत से कालेज संचालको को भी जानकारी नहीं है।  
जिले में स्कॉलरशिप घोटालेबाजों का एक बहुत बड़ा गिरोह है। बताया जा रहा है कि इस गिरोह के सदस्यों में मरदह, मनिहारी एव नंदगंज ब्लाक का निवासी मास्टर माइंड काफी सक्रिय है। इस फर्जीवाड़े में प्रतिदिन एक से बढ़कर एक जानकारी मिल रही है। सूत्रों के अनुसार नेशनल स्कालरशिप पोर्टल  में 2018-19 में करोड़ो का गबन हुआ है। लेकिन जांच 2014 से 2020 तक किया जाए तो गबन की रकम इससे आगे भी जा सकती है। दरअसल, शिक्षा माफिया किसी स्कूल की पासवर्ड लेकर उसमें फर्जी रूप से मुस्लिम वर्ग के लोगों का नाम डालकर इस योजना का पैसा हजम कर जाते है। माफिया सूची में उम्रदराज लोगों के नाम दर्ज करने के साथ ही अपने परिवार और रिश्तेदार तक का नाम दर्ज कर रहें है। 
जनसंदेश टाइम्स को मिली सूची के अनुसार बहुत से ऐसे कालेज शामिल है, जिनको यह पता नहीं कि हमारे स्कूल पर कैसे लाखों  छात्रवृति उतरी है। इसमें मरदह ब्लाक के महाहर स्थित सहायता प्राप्त विद्यालय तक को इन माफियाओं ने नहीं छोड़ा है। वहीं विभाग इस पूरे फर्जीवाड़े की जांच कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर 2018-19 में बिरनो ब्लाक के भड़सर स्थित  हाईस्कूल , सहजदपुर हाइस्कूल तथा बघोल में संचालित हाईस्कूल, मरदह ब्लाक स्थित स्कूल पारा, पलिया , जमलापुर, मनिहारी ब्लाक स्थित स्कूल वाजिदपुर ओझीपुर , मरदानपुर तथा नंदगंज ब्लाक स्थित स्कूल धरवां में फर्जीवाड़ा कर करीब 313 लोगों की सूची मुस्लिम वर्ग के लोगों का नाम डालकर फर्जी रूप से धन हड़पने का प्रयास किया गया है। हालांकि इसमें जिलें के बैक आफ बड़ौदा, मरदह स्टेट बैंक, यूबीआई मलिकपूरा में इन कालेजों के खाते खुले है। जिसमें धनराशि दस से दस हजार सात सौ तक की दिखाई गई है। मगर यह पैसा उतारा गया है या नहीं यह जांच का विषय है। जांच अधिकारी किस दिशा में कार्य कर रहें है यह उनका विषय है। 
लेकिन इतना जरूर है कि, नेशनल स्काॅलरशिप पोर्टल में बड़ा घोटाला किया गया है। प्राइमरी की मान्यता के बावजूद इंटर के छात्र को उस स्कूल में दाखिला दिखाया गया है। इतना ही नहीं उसी छात्र का दो से तीन बार नाम डालकर सरकार की योजनाओं में सेंध मारकर सीधा चुनौती दिया गया है। वहीं आलिया स्तर के कालेजों में अध्यनरत छात्र इस योजना का लाभ नहीं उठा पा रहें है।  सरकार ने स्कॉलरशिप घोटाले को लेकर पूरी प्रक्रिया आॅनलाइन शुरू कर दिया था लेकिन यह फर्जीवाड़ा आॅनलाइन ही किया गया है, जो जांच का विषय है।


 


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