मॉडल ब्लाक के लिए टाइम लाइन की बाध्यता खत्म, समय की शर्त में दी ढील


इस कवायद से कार्यशैली और प्रक्रिया पर ‘रिसर्च’ कर रहा नीति आयोग


- सेवापुरी विकास खंड को पहले 90 दिन में संतृप्त कर लिये जाने का था निर्देश


- सीसीरोड, सीवर लाइन व जल निकासी आदि कार्यों में पैसे-अवधि की समस्या


- आयोग ने ऐसी व्यावहारिक दिक्कतों को किया मंजूर, समय की शर्त में दी ढील


- आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एक दिनी दौरे पर 17 जुलाई को आएंगे



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। देश के पहले मॉडल ब्लाक के तौर पर विकसित किये जा रहे सेवापुरी विकास खंड के कुछ कार्यों में टाइम लाइन की बाध्यता खत्म कर दी गयी है। तीन महीने के भीतर सभी कार्य पूर्ण कर पूरे ब्लाक को संतृप्त करने में आ रही कुछ व्यावहारिक समस्याओं के देखते हुए यह पहल करनी पड़ी है। फलस्वरूप इस विकास खंड को मॉडल ब्लाक बनाने में 90 दिन नहीं बल्कि एक साल तक का समय लग सकता है। नीति आयोग के निर्देश पर मॉडल ब्लाक बनाने के बारे में शुरुआती फीडबैक लेने के लिए आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत एकदिनी दौरे पर 17 जुलाई को आएंगे।
दरअसल मॉडल ब्लाक की सोच को लेकर नीति आयोग एक ‘शोध’ कर रहा है। उसे यह आंकलन करना है कि मॉडल ब्लाक बनाने में कैसी और किस प्रकार की व्यावहारिक समस्याएं आ सकती हैं। साथ ही निर्धारित अवधि के भीतर मॉडल ब्लाक बनाने में आरंभ से लेकर अंत तक किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जनपद में उपलब्ध सभी संसाधनों का उपयोग किसी मॉडल ब्लाक में करने के दौरान किन दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।



चर्चा है कि ऐसी की तमाम बिंदुओं पर ‘रिसर्च’ के बाद नीति आयोग भविष्य में विभिन्न परियोजनाओं आदि को मूर्त रूप देने के लिए प्रयुक्त होने वाली कार्यशैली में बदलाव पर विचार कर सकता है। अब सेवापुरी को ही कुल 90 दिन में मॉडल ब्लाक के तौर पर विकसित करने के आरंभिक चरण में ही एक समस्या यह आ गयी कि विकास खंड की सभी गलियों को सीसीरोड या पक्का बनाने के लिए लगभग पौने दो सौ करोड़ रुपये की जरूरत है, जो स्थानीय स्तर पर विभाग से मुहैया कराना संभव नहीं।
उसके बाद कुछ अन्य कार्यों को भी तीन महीने के भीतर पूर्ण करने में अड़चन की जानकारी दी गयी। जिनमें पीएमएवाई प्लस के तहत करीब 1136 आवास निर्माण, सभी गांवों में इंटरनेट, वाईफाई और ब्रॉडबैंड सेवा, सौभाग्य योजना, 174 सामुदायिक शौचालय निर्माण, जल निकासी व्यवस्था (केसी ड्रेन), एनआरएलएम, सभी गांवों में एक-एक कूड़ा डंपिंग क्षेत्र, भूमिगत एवं खुला ड्रेनेज सिस्टम, सड़क-गली निर्माण, इंटरलॉकिंग आदि शामिल हैं।
हालांकि इनमें से कुछ कार्य व चार से छह माह बीच पूर्ण कर लिये जाने की संभावना है। इस समस्याओं के बारे में प्रशासन ने नीति आयोग के बारे में बताया। जानकारी के मुताबिक आयोग ने इन समस्याओं को स्वीकार करते हुए संबंधित कार्यों की टाइम लाइन में छूट दे दी है। इसलिए सेवापुरी को मॉडल ब्लाक बनाने को लेकर चल रही कवायदों की तस्वीर में बदलाव आ गया है।
आयोग के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) अमिताभ कांत का बीते 11 जुलाई को आने के कार्यक्रम था जो लॉक डाउन के कारण स्थगित कर दिया गया था। अब वह 17 जुलाई को एकदिनी दौरे पर आएंगे। स्भावना है कि वह यहां के उच्च पदस्थ अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, महकमों में सबसे निचले स्तर के कर्मचारियों समेत ग्रामीणों से बातचीत कर आरंभिक फीडबैक लेंगे। साथ ही सेवापुरी विकास खंड के बेसहुपुर में चौपाल लगाएंगे।


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