मणि मंजरी केस: चेयरमैन समेत तीन के घर पुलिस की दबिश, कहीं नहीं मिली सफलता, वीडियो जारी कर रोते दिखे चेयरमैन

सीओ के साथ मनियर थाने की पुलिस चेयरमैन के घर पहुंची, नहीं मिली सफलता

जनसंदेश न्यूज़
बलिया। नपं मनियर के चेयरमैन भीम गुप्ता को गिरफ़्तार करने पहुंची पुलिस को खाली हाथ ही लौटना पड़ा। वही, नगर पंचायत मनियर मे काम कर रहे टैक्स लिपिक विनोद सिंह को जैसे ही पुलिस के आने की भनक लगी, वह भी कार्यालय से फरार हो गये। पुलिस ने कम्प्यूटर आपरेटर अखिलेश के घर भी दबिश दी, लेकिन वहां भी पुलिस को सफलता नहीं मिली।
नगर पंचायत मनियर की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय की आत्महत्या के मामले मे भाई विजयानंद राय ने चेयरमैन और पूर्व ईओ सहित कुल छह लोगांे के विरुद्ध कोतवाली मे मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा के बाद सीओ के साथ मनियर, बांसडीह एवं बलिया पुलिस ने आरोपितों को पकड़ने के लिए दबिश देना शुरु कर दिया है। बावजूद इसके अभी तक पुलिस के हाथ कोई नही लगा है। मीडिया मे बयान दे रहे चेयरमैन का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया मे वायरल हूआ, पुलिस सक्रिय हो गयी और दबिश देना शुरु कर दिया। मनियर में पूरे दिन चेयरमैन के ठिकानों पर पुलिस दबिश देती रही। पूरे मनियर बाजार मे पुलिस की कार्यवाही की चर्चाएं होती रही।
बताते चले कि गाजीपुर जिले की रहने वाली मणि मंजरी राय जो 10 अक्टूबर 2018 को मनियर नगर पंचायत में ईओ के पद पर कार्यभार ग्रहण किया था। किसी बात को लेकर वह 29 जनवरी 2019 को तत्कालीन डीएम से मिलकर वह अपनी पोस्टिंग जिला मुख्यालय पर कराया था। वह 10 जुलाई 2019 को पुनः मनियर नगर पंचायत का चार्ज लिया। ईओ की आत्महत्या के पीछे चेयरमैन और पूर्व ईओ सहित कुल छह लोगों को दोषी मानते हुए पुलिस ने कार्यवाही शुरु कर दी है।



रो पड़े चेयरमैन, कहा मेरी बहन जैसी थी ईओ 
बलिया। अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए चेयरमैन भीम गुप्ता रो पड़े। कहा कि मेरे ऊपर जो भी आरोप लगाया जा रहा है, वह गलत है। ईओ मणि मंजरी राय मेरी बहन जैसी थी। उनकी मौत से जितना उनके घर के लोगों आघात पहुंचा है, उससे ज्यादा मुझे सदमा पहुंचा है। ईओ मेरे परिवार की एक सदस्य थी। उनके परिवार के लोग किसी के बहकावे मे आकर मेरे विरुद्ध तहरीर दी है। मैने फर्जी पेमेंट के लिए कोई दबाव नहीं बनाया।


सपा ने की उच्चस्तरीय जांच की मांग
बलिया। सपा ने मनियर नगर पंचायत की ईओ मणि मंजरी राय की आत्महत्या की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव ने कहा है कि मृतक ईओ के परिवार के सदस्यों द्वारा दर्ज प्राथमिकी में उल्लिखित बिंदुओं को संज्ञान में लेकर इस घटना की जांच किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराया जाना चाहिए। यह घटना कोई साधारण आत्महत्या नहीं है, बल्कि एक होनहार और पढ़ी-लिखी उच्च पदस्थ अधिकारी की आत्महत्या है। इससे प्रदेश सरकार की कार्यपद्धति पर भी सवाल उठ रहा है। जब एक अधिकारी अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निर्वहन करने के कारण सुरक्षित नहीं है और आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है तो प्रदेश के आमजन का क्या हाल होगा। श्री यादव ने कहा कि मणि मंजरी राय के सुसाइड नोट एवं उनके परिवार द्वारा दर्ज प्राथमिकी में उल्लिखित एक-एक बिंदु की जांच हों, ताकि सच उजागर और दोषी बेनकाब हो सकें।


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