कोर्ट के आदेश के बाद बंद चल रहे डेढ़ दर्जन खदानों के संचालन की मिली अनुमति


बिल्ली-मारकुंडी की डेढ़ दर्जन पत्थर खदानों के संचालन की मिली अनुमति


न्यायालय के आदेश पर वर्ष 2018 से बंद थी पत्थर खदानें


धारा बीस का प्रकाशन होने के बाद जिला प्रशासन ने दी संचालन की हरी झंडी

जनसंदेश न्यूज
सोनभद्र। जिला प्रशासन से दो वर्ष से बंद पड़े बिल्ली-मारकुंडी की डेढ़ दर्जन पत्थर खदानों के संचालन की अनुमति दे दी है। जिला प्रशासन के इस निर्णय से खनन क्षेत्र में हर्ष है। खदानों का संचालन शुरू होने से सरकार का राज्स्व बढ़ने के साथ ही खनन व्यवसाय गति पकड़ेगा और लोगों को राजगार मिलेगा।
जिला खान अधिकारी मो. महबूब ने बताया कि जिले की तहसील राबर्ट्सगंज स्थित ग्राम-बिल्ली मारकुंडी में स्वीकृत खनन पट्टा क्षेत्रों में न्यायालय के आदेश के अनुपालन में खनन संक्रियाओं को 29 अगस्त 2018 को प्रतिबंधित कर दिया गया था। ग्राम-बिल्ली मारकुंडी के क्षेत्र के लिए भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा-20 का प्रकाशन राज्य सरकार द्वारा 15 जून को कर दिये जाने पर अन्य औपचारिकताएं पूर्ण कराते हुए गिट्टी-पत्थर के कुल 16 खनन पट्टों में आठ जुलाई को खनन संक्रिया संचालित किये जाने के लिए सम्बंधित पट्टेधारकों को अनुमति प्रदान कर दी गयी है। 
उन्होंने कहा कि पट्टाधारकों को नियमानुसार पत्थर खनन करने का निर्देश दिया गया है। अवैध खनन की शिकायत मिलने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। कहा जा रहा है कि स्वीकृत अधिकांश खदानों में पानी भर जाने से खनन कार्य शुरू करने में समय लग सकता है। हलांकि खदान संचालन की अनुमति मिलने से ओबरा, डाला क्षेत्र में खुशी की लहर है। खदानों का संचालन शुरू होने से राज्य सरकार का राजस्व बढ़ेगा ही स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। अब लोगों को सस्ते दर पर गिट्टी मिलने उम्मीद जग गई है।


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