काशी में दिखी गंगा-जमुनी तहजीब, समाजसेवी ने मंदिर और मस्जिद को किया सेनेटाइज
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। भारत में हमेशा से गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल दी जाती है। विविधताओं से भरे इस देश में अलग-अलग धर्म से जुड़े लोग एक दूसरे का साथ निभाते हुए हर मुश्किल घड़ी को आसानी से पार कर जाते है। ऐसा ही कुछ नजारा कोरोना संकट के वैश्विक महामारी के दौर में भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में विख्यात बनारस में देखने को मिल रहा है। जहां के रहने वाले जुबैर गंगा-जमुनी तहजीब की जिवटता को चरितार्थ कर रहे है।
बेनिया निवासी समाजसेवी मोहम्मद जुबैर खान ने लाॅकडाउन के पूरे दौर में प्रतिदिन ना सिर्फ 250 गरीब परिवारों तक राशन पहुंचाया, बल्कि हर मोर्चे पर उनकी मदद भी की। इन्होंने काशी के गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करते हुए क्षेत्र के मंदिर और मस्जिद को सेनेटाइज किया तथा वहां मौजूद श्रद्धालुओं को मास्क और सेनेटाइजर भी वितरित किया। इस दौरान वें लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने व कोविड-19 के नियमों का पालन कर सुरक्षित रहने के लिए जागरूक भी किया। इन सबमें सबसे प्रमुख बात यह रही है, यह कार्य कार्य इन्होंने बिना किसी से आर्थिक मदद लिये, खुद के निजी खर्च से किया है।
समाजसेवी मोहम्मद जुबैर और उनके भाई सोहैल खान ने बताया कि श्रवण मास में बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन पूजन करने आते हैं साथ ही जुमे के दिन मस्जिद में नमाजी भी नमाज अदा करने आते हैं। ऐसे में कोरोना से बचाव के लिए यह हमारा छोटा सा प्रयास है। भविष्य में भी हम लोग मंदिर और मस्जिद को सेनेटाइज करेंगे, ताकि लोग कोरोना जैसी बीमारी से बच सके। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को हमने कौआ शाह मस्जिद और मोटे महादेव मंदिर बेनियाबाग को सेनेटाइज किया।