घर के साथ समाजसेवा की दोहरी जिम्मेदारी निभा रही दीक्षा संस्थान की महिलाएं, हजारों लोगों को बांटे स्‍वनिर्मित सेनेटाइजर व मॉस्‍क

लाॅकडाउन के दौरान सैकड़ों परिवार तक पहुंचाया खाद्यान


स्वनिर्मित सेनेटाइजर व माॅस्क वितरण कर लोगों को कर रही जागरूक



जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। कोरोना संकट के समय में सबसे अधिक गरीब व मध्यवर्गीय तबका प्रभावित हुआ। एक तरफ लाॅकडाउन व अन्य कारणों से उनके रोजगार प्रभावित हुए तो वहीं दूसरी तरफ आजिविका छिन जाने से उनके सामने भूखों मरने की समस्या खड़ी हो गई। ऐसे में कई सामाजिक संस्थाओं ने सराहनीय योगदान देते हुए ऐसे तबकों की मदद करने का कार्य किया। इसी कड़ी में दीक्षा महिला कल्याण शोध संस्थान की महिलाओं ने कोरोना संकट के दौरान संकटमोचक की भूमिका निभाते हुए ना सिर्फ गरीब तबके के लोगों की मदद की, बल्कि उनके परिवारों तक खाद्यान के साथ ही स्वनिर्मित सेनेटाइजर व माॅस्क का वितरण भी किया। 



घरेलू जिम्मेदारियों के साथ-साथ सामाजिक कार्यों की दोहरी जिम्मेदारियां निभाते हुए संस्थान की महिलाएं लगातार सामाजिक सरोकार के कार्यों में जुड़ी हुई है। झुग्गी-झोपड़ी के 200 बच्चों के शिक्षा-दीक्षा का कार्य करने वाली संस्थान की महिलाएं अपने स्लोगन ‘भिक्षा से शिक्षा तक’ को चरितार्थ करते हुए लगातार समाज सेवा में जुड़ी हुई है। 



संस्थान की अध्यक्ष संतोषी शुक्ला बताती है कि गरीब बच्चों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना तथा उनको शिक्षित कर एक सभ्य समाज का निर्माण करना संस्था का मुख्य उद्देश्य रहा है। संस्था लगातार अपने उद्देश्य को लेकर क्रियाशील रही है और गरीब बच्चों व उनके अभिभावकों से मिलकर उनको जागरूक करने का कार्य करती है।  



बताया कि कोरोना संकट के दौरान संस्था लगातार ग्राउंड स्तर पर कार्य करती रही। इस दौरान सैकड़ों गरीब परिवारों को खाद्यान वितरण के साथ ही हजारों की संख्या में स्वनिर्मित माॅस्क व सेनेटाइजर देकर लोगों को कोविड-19 महामारी में जागरूक करने का कार्य किया। 



लाॅकडाउन के दौरान अपने अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान उन्हें एक ऐसे परिवार की जानकारी मिली, जहां पति के गुजर जाने के बाद छोटे-छोटे काम कर घर में दो दिव्यांग बच्चियों के साथ गुजारा कर रही महिला के समक्ष आजिविका का संकट था, जिसकी जानकारी होते ही उनकी संस्था ने तुरंत उनकी मदद की और आगे भी मदद का भरोसा दिलाया। जिसके बाद उस परिवार के लोगों ने संस्था की सराहना की और आर्शीवाद दिया। 



संस्था में सचिव राखी वर्मा, नीलम यादव, शोभा देवी, दीपू शुक्ला सहित कई महिलाएं शामिल है, जो लगातार घर व परिवार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए संस्था से जुड़कर समाजसेवा में भी अपना योगदान दे रही है।  




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