चार करोड़ लोगों तक पहुंची जेपी नड्डा की राहत

कोरोना काल में जनता के लिए संजीवनी साबित हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष


प्रवासी मजदूरों की जन-मन-धन से की सेवा, गरीबों और जरूरतमंदों तक पहुंचवाई मदद


आमजन की सुविधा के लिए हेल्पलाइन नंबर



वाराणसी/नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा देश के ऐसे कद्दावर नेता हैं जिन्होंने कोरोना संकटकाल में लोगों तक भोजन और राशन पहुंचाने में अहम रोल अदा किया। गंभीर चुनौती का मुकाबला किया जो संकट के दौर में उनकी गंभीरता को दर्शाता है। विश्वव्यापी महामारी के दौर में वो जनता के लिए संजीवनी साबित हुए। उन्होंने कोरोना की चुनौती का मुकाबला किया और जरुरतमंदों के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया। करोनाकाल में उन्होंने वो सभी उपाय किये, जो देश की जनता के लिए लाकडाउन में तात्कालिक जरुरत थी। सामाजिक और राजनीतिक चिंतक मुकेश शुक्ल कहते हैं कि जेपी नड्डा के लिए राजनीति  सेवा का बड़ा माध्यम है। उनके प्रयास से देश में चार करोड़ लोगों तक भाजपा के कार्यकर्ताओं ने भोजन पहुंचाया। प्रवासी मजदूरों की सेवा की। उनकी जरुरतों के हिसाब से उनकी मदद की। उनकी पहल पर बीजेपी के विधायकों व मंत्रियों ने जरुरतमंदों को सहायता राशि भी उपलब्ध कराई। यही नहीं, जहां भी जरुरत पड़ी, बीजेपी के कार्यकर्ता मौजूद रहे। सेवा का काम अनवरत जारी है।
मुकेश कहते हैं कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दिशा-निर्देशन में क्षेत्र, जिला व मंडल स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम तय किए गए थे। ये स्थानीय स्तर पर इस बात की चिंता कर रह थे कि किसी को भोजन के अभाव में भूखा न सोना पड़े। नड्डा के नेतृत्व में हर राज्य में सेवा कार्य के लिए एक समन्वय समिति भी बनाई थी, जो क्षेत्र व जिला स्तर पर लगातार संपर्क में रही और किसी तरह की कठिनाई आने पर हर संभव मदद करती रही। साथ ही पार्टी ने आमजन की मदद हेतु हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया था। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश मे गरीबों को भोजन पैकेट उपलब्ध कराए। साथ ही आवश्यकतानुसार जरुरतमंदों को आवश्यक खाद्य सामग्री व अन्य सामान भी मुहैया कराया।



सामाजिक चिंतक मुकेश शुक्ल कहते हैं कि नड्डाजी विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के हाई-प्रोफाइल नेता इसलिए बन गए कि वो हमेश लो-प्रोफाइल में रहते हैं। अपनी गजब की सांगठनिक क्षमता, टारगेट को पूरा करने का मिशनरी अंदाज और मिलनसार व्यक्तित्व की वजह से ही बीजेपी के सामूहिक नेतृत्व ने उन्हें अमित शाह का उत्तराधिकारी चुना। वो कहते हैं कि जेपी नड्डा की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और संगठन में पैठ बढ़ती रही। वह पुराने नेतृत्व के भी करीब रहे तो आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भी भरोसेमंद माने गए। मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के रहने वाले ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाले जेपी नड्डा का जन्म बिहार की राजधानी पटना में 2 दिसंबर 1960 को हुआ था। नड्डा 16 साल की उम्र में जेपी आंदोलन से जुड़ गए थे। अपने सियासी करियर में वह जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के प्रभारी और चुनाव प्रभारी भी रहे। उन्हें अब तक जो भी जिम्मेदारी मिली हैं, उसका उन्होंने ईमानदारी से निर्वाह किया है। यही इनकी ताकत और सफलता का राज भी है।


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