यूपी में अब किसान को उसी के खेत में श्रम का भी मेहनताना, पढ़िए योजना की पूरी जानकारी


मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना में तय मानक के किसानों को यह लाभ


प्रवासी श्रमिक, महिला किसान, बीपीएल भी इस स्कीम में हैं सम्मिलित


निर्धारित शर्तों में किसानों को अपना नरेगा जॉबकार्ड बनवाना है जरूरी


3×3 मी. या 5×5 मी. दूरि में लगाएं पौधा, करें बागवानी, लें फायदा


सामग्री नहीं, पौधों की दवा, निराई-गुड़ाई का भी मिलेगा एकमुश्त पैसा



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। रात-दिन एक कर मेहनत से खेतों में फसल उगाने वाले किसान को अपनी उपज से ही संतोष करना पड़ता है। अब उसके दिन पहले से बेहतर होने वाले हैं। उसे न सिर्फ बोआई और फसलों को दी जाने वाली दवा आदि के पैसे मिलेंगे बल्कि अपने ही खेत में श्रम करने के एवज में मेहनताना भी मिलेगा। शासन की मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना के जरिये यह पहल की गयी है, जिसमें तय मानक के किसान को अपना मनरेगा का जॉबकार्ड बनवाना आवश्यक है। स्कीम में लघु सीमांत, प्रवासी मजदूर, एससी/ एसटी, महिला किसान, दिव्यांग किसान और बीपीएल श्रेणी के किसान भी शामिल हैं।
उद्यान विभाग में एकीकृत बागवानी मिशन पहले से ही संचालित है। जिसमें आम, नींबू आदि के बाग 6×6 मीटर की दूरि पर लगाने के आधार पर भुगतान होता है। अब नई स्कीम मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना में 3×3 मीटर में बाग लगाने का लाभ भी मिलेगा। इसमें किसान को उसके श्रम की मजदूरी भी देंगे। जनपद के प्रवासी श्रमिक, अनुसूचित जाति, महिला एवं गरीब किसान और लघु सीमांत श्रेणी के किसानों इसके माध्यम से व्यापक स्तर पर रोजगार प्राप्त होगा। योजना के तहत खेतों पर पौधरोपण के लिए पौधा, खाद, दवा आदि में निवेश संग पौधों के लिए गड्ढा खोदाई, पौधरोपण, निराई-गुड़ाई, सिंचाई व थाला बनाने जैसे कार्यों पर तीन साल तक पौधों के रखरखाव के एवज में किसान की खुद की मजदूरी का भुगतान भी मनरेगा से होगा।
स्कीम के अंतर्गत प्रत्येक किसान को 3झढ3 मीटर की दूरी पर कलमी अमरूद, नींबू, अनार का बाग लगाने पर पौधा, कंपोस्ट खाद और दवा के लिए 43 हजार 325 रुपये की सामग्री के अतिरिक्त 467 मानव दिवस की मजदूरी वर्तमान दरों के अनुसार वर्षवार भुगतान करेंगे। जिसके तहत प्रथम वर्ष 93 हजार 867 प्रति हे. के आधार पर उनके खाते में भुगतान होगा। उसी बाग पर आगामी दो साल में रखरखाव और देखरेख के लिए सामग्री निवेश पर क्रमशरू 15 हजार 500 रुपये तथा 14 हजार 505 के अलावा मजदूरी पर 44 हजार 019 रुपये उपलब्ध कराया जाएगा।
इसी प्रकार 5×5 मीटर की दूरी पर आम, कलमी अमरूद, कलमी संतरा, नींबू लगाने पर सामग्री निवेश के रूप में पहले साल 24 हजार 250 रुपये, दूसरे वर्ष नौ हजार 250 रुपये और तृतीय वर्ष सात हजार 500 रुपये जारी होंगे। वहीं, पौधरोपण, गड्ढा खोदाई, निराई-गुड़ाई, सिंचाई आदि मजदूरी के एवज में प्रथम वर्ष 45 हजार 627 रुपये, दूसरे साल 15 हजार 879 रुपये और तीसरे वर्ष भी 15 हजार 879 का भुगतान होगा।
यह है स्कीम का उद्देश्य
- मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना का उद्देश्य है कि स्थायी रूप से बागवानी फसलों का क्षेत्रफल और उत्पादन बढ़ाया जाय। साथ ही रोजगार सृजन के अलावा प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी व पोषण सुरक्षा को भी ध्यान में रखा गया है। जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त ने जानकारी देते हुए बताया कि मनरेगा दिशा निर्देशों के अनुरूप फिलहाल प्रारंभिक रूप से जनपद में 24 हे. क्षेत्रफल के लिए 50.31 लाख रुपये के प्रस्ताव स्वीकृत हुए हैं। उनमें 21 ग्राम पंचायतों में 3झढ3 मीटर की दूरी पर बागवानी के लिए 16 हे. और 5झढ5 मीटर की दूरी के लिए आठ हे. क्षेत्रफल चयनित है।
वर्तमान में यह है तैयारी
- मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना में अभी काशी विद्यापीठ ब्लाक के ग्राम बेटावर गांव में दो हे. क्षेत्रफल के लिए 3.74 लाख रुपये, बड़ागांव विकासखंड के कठिरांव में एक हे. के लिए 2.55 लाख रुपये और सेवापुरी ब्लाक के रामडीह गांव में तीन हे. क्षेत्रफल के लिए 6.29 लाख रुपये के कार्य मंजूर किये गये हैं। इन तीनों गांवों में कार्य कराने के लिए 12.58 लाख रुपये की स्वीकृति मिली है। योजना का लाभ अन्य गांवों के किसान प्राप्त करने के लिए कार्य से पहले की तस्वीर पेश कर आवेदन कर सकते हैं।
आरंभिक श्रमांश का लक्ष्य तय
- उद्यान विभाग की ओर से इस वर्ष संचालित योजनाओं में भी महकमे से अनुदान समेत उद्यान रोपण पर मजदूरी के भुगतान के लिए आम, लीची, अमरुद की फसल में कार्य योजना पर जोर है। दूसरी ओर, बागवानी विकास मिशन योजना में पंजीकरण तथा लाभार्थी चयन की प्रक्रिया जारी है। निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डॉ. एसबी शर्मा ने वाराणसी में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर देने के लिए वर्तमान में 1.20 करोड़ रुपये के श्रमांश की कार्य योजना पेश करने के निर्देश दिये हैं। इसके लिए निर्धारित मानक के किसान, प्रवासी मजदूर आदि अपना जॉबकार्ड बनवाकर आवेदन कर सकते हैं।
4 से 80 बिस्वा तक में बागवानी
- मुख्यमंत्री फलोद्यान योजना में चार बिस्वा से लेकर एक हे. क्षेत्रफल तक यानी 80 बिस्वा तक अपनी जमीन मुताबिक बागवानी का कार्यक्रम करा सकते हैं। उसमें प्रत्येक किसान परिवार के जॉब कार्डधारकों को परिवारवार 100 दिन का अधिकतम रोजगार मिलेगा। पौधों की सुरक्षा एवं देखरेख कर बाग तैयार होने तक की जिम्मेदारी किसान की होगी। बाग तैयार होने के बाद किसान उस बाग में पैदा की हुई फसल बेचकर न सिर्फ अपनी आमदनी बढ़ाएगा बल्कि वह घरेलू रोजगार भी कर सकता है।
इनसे लें जानकारी
- इस स्कीम का लाभ लेने के लिए किसान अपने विकास खंड के उद्यान विभाग प्रभारी या जनपद में स्कीम के योजना प्रभारी सुधांशु कुमार सिंह के मोबाइल फोन नंबर 9450779617 अथवा जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त के मोबाइल फोन नंबर 9415262566 पर संपर्क कर सकते हैं।


 


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

नलकूप के नाली पर पीडब्लूडी विभाग ने किया अतिक्रमण, सड़क निर्माण में धांधली की सूचना मिलते ही जांच करने पहुंचे सीडीओ, जमकर लगाई फटकार