योगी जी, योजनाओं में भ्रष्टाचार से हो रहा किसानों का शोषण, जांच हुई तो उजागर होगा करोड़ों का घोटाला!

धन हड़पने की लालच में कार्यक्रम को कागजों में किया पूरा

जनसंदेश न्यूज 
गाजीपुर। कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों की खुशहाली के लिए जिले में सरकार द्वारा लगभग दो दर्जन से अधिक योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं में हर साल पांच से दस करोड़ रुपये आता है। कृषि यंत्रों पर अनुदान, बीज वितरण, प्रदर्शन, प्रशिक्षण, किसान मेला के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहा है लेकिन इन योजनाओं का संचालन हकीकत से परे है। योजनाओं की गहनता से जांच की जाए तो करोड़ों का घोटाला सामने आएगा। 
भाजपा के वरिष्ठ नेता और जंगीपुर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी कुंवर रमेश सिंह पप्पू ने सीएम योगी आदित्यनाथ का ध्यान आकृष्ट कराते हुए जानकारी दी कि केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा संचालित आत्मा योजना में करोड़ों रुपये जिले को मिलता है। इन पैसों का भुगतान संबंधित लिपिक द्वारा व्यक्ति विशेष के एकाउंटेंड में किया जा रहा है। जिले में कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी किसानों की समस्याओं को लेकर सजग नहीं है। सरकार ने विभाग को लाखों रुपये की धनराशि भी मुहैया कराया था। लेकिन जिम्मेदारों ने धन हड़पने की लालच में कार्यक्रम को कागजों में ही पूरा करा दिया। जिससे किसानों को न तो उन्नति खेती की जानकारी मिल सकी और न ही तकनीकी जानकारी। 
किसान बिना कृषि विभाग की जानकारी के अभाव में स्वयं से खेती करने को मजबूर हैं। वहीं विभाग सरकार की मंशा पर पूरी तरह से पानी फेर दिया है। अफसरों पर किसानों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। भाजपा नेता ने कहा कि कृषि व ग्रामीणों की अनदेखी की जा रही है। कृषि विभाग में व्याप्त धन उगाही से किसान परेशान हैं। सुविधाशुल्क लिए बगैर कोई काम न करने की आदत पड़ गई है, जो किसानों के लिए उत्पीड़न का कारण बन गया है। कृषि द्वारा आत्मा योजना का प्रचार प्रसार करने और फसलों का प्रदर्शन एवं गोष्ठियां आयोजित की गईं। गोष्ठियां आयोजित करने की जिम्मेदारी कुछ कथाकथित व्यक्तियों को दी गई। 
कृषि को बढ़ावा देने को संचालित ‘आत्मा’ योजना में भ्रष्टाचार हावी होता दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि देखा यह जाता है कि कृषि विभाग व कृषि से जुड़े अन्य संबंधित विभागों से योजनाओं का लाभ घुमा-फिराकर कुछ विशेष किसान ही प्राप्त करने में सफल होते हैं। यह कत्तई उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इन्हीं शिकायतों के आधार पर सरकार ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था सुविधाओं के लाभ के लिए की गई है। हाल यह है कि जिस उद्देश्य के लिए यह योजना शुरू की गई थी, वह कागजी खानापूरी बन चुका है।


कृषि विभाग में वर्षों से जमे बाबुओं ने बनाई करोड़ों की हैसियत
गाजीपुर। जिले में भले ही पिछले एक दशक में दस से भी अधिक आईएएस जिलाधिकारी बदल चुके हो, लेकिन जिले के तमाम ऐसे बाबू रहे जिनकी सीट का बदलाव नहीं हुआ। इन बाबुओं का सिक्का कुछ ऐसा चला कि हर नया अधिकारी इनका मुरीद बन गया और बाबुओं की हैसियत का खजाना बढ़ता गया। जंगीपुर विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी और वरिष्ठ भाजपा नेता कुंवर रमेश सिंह पप्पू ने कृषि विभाग में वर्षों से एक ही पटल पर तैनात बाबुओं और उनके काम पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में हीलाहवाली और विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार से गरीब किसान त्रस्त है। वजह साफ है, यहां जो बाबू जहां बैठा है वहां से हटना ही नहीं चाहता। एक ही जगह बैठ कर मठाधीशी का यह खेल अधिकारियों के संज्ञान में तो रहता है, लेकिन सिस्टम का मैनेजमेंट कुछ ऐसा है कि बदलाव होने का नाम ही नहीं लेता। गाजीपुर में इस पर जांच होने पर तमाम हैरान करने वाले तथ्य सामने आएंगे।


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