टीवी देखने के हर माह 5 हजार! है ना फायदे का सौदा? इसी लालच ने करोड़ों डूबाया, पुलिसकर्मी भी शिकार, जानिए क्या है पूरा मामला


लॉकडाउन में भी करोड़ों का वारा-न्यारा


अकेले बनारस के लोगों का दो करोड़ फंसा कंपनी में, अधिक कमाने की लालच में डूबा करोड़ों


सात साल तक मिलना था प्रति माह पांच हजार, पांच साल बाद का 44 हजार का चेक


नेटवर्किंग के जरिये चलता है कारोबार, कुछ पुलिसकर्मी भी लालच के हुए शिका

जनसंदेश न्यूज़
चांदमारी। पुरानी कहावत है-लालच बुरी बला होती है। फिर भी लोग जल्द से जल्द धनवान बनने के लालच में कंपनियों के झूठे मायाजाल में फंस ही जा रहे हैं। कुछ ऐसा ही हुआ है बनारस के तमाम लोगों के साथ। ‘कैची पिक्सल’ नामक कंपनी ने कम पूंजी में अधिक कमाने का लालच देकर लोगों को खूूूब ठगा। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन में भी ठगी का यह धंधा बदस्तूर जारी रहा। ठगी के शिकार हुए कम पढ़े-लिखे लोग, जो अधिक पैसे कमाने के चक्कर अपनी पूंजी भी गवां बैठे। गए थे आम तो आम गुठलियों के दाम निकालने। जब पूंजी भी गयी तो अब अंगूर खट्टे लगने लगे। माना जा रहा है कि लॉकडाउन में कंपनी ने करोड़ों का वारा-न्यारा कर दिया।
‘कैच्‍टी पिक्सल’ नामक कंपनी 45 हजार रुपये की आईडी और एलईडी टीवी देती है। उसी समय पांच साल बाद विदड्रॉल करने के लिए 44 हजार का चेक मिल जाता है। यानी कि लगाए गए पैसे में टीवी मिल जा रही है और पूंजी भी पांच साल बाद मिल जा रही है। इतना ही नही सात साल तक टीवी देखने के एवज में पांच हजार रुपये प्रतिमाह भी मिल रहा था। तब क्यों न किसी का मन फिसल जाए। बेरोजगारी के दौर में सिर्फ टीवी देखने के लिए पैसे मिले तो कोई क्यों न कंपनी के झांसे में आए। एक टीवी देखने पर पांच हजार रुपये तो 10 टीवी खरीद लिया जाय तो 50 हजार रुपये महीना कमाई। तब तो मौज ही मौज है। इसी मौज के चक्कर में लोग कंपनी के मायाजाल में फंसते गये और अपनी गाढ़ी कमाई गंवाते गये।
‘कैच्‍टी पिक्सल’ कंपनी का अपना ऐप्स है, जिससे कपनी पूरी कमांड रखती है। चार घंटे टीवी चलाना है, चाहे कोई देखे या न देखे। कौन सी टीवी चल रही है और कौन सी नही चल रही है। कंपनी के ऐप्स से पता चलता रहता है। इसके जरिए ही कंपनी के लोग मॉनीटरिंग करते रहते थे। जौनपुर के दयानंद दुबे और आजाद सिंह ने अपना और अपने लोगों का 20 लाख रुपये लगाये हैं। अपनी खुद की कई आईडी है। इसी तरह से बनारस के ज्ञानेश ने 35 लाख रुपये लगा रखा है। सुमित ने तीन लाख 20 हजार तो विजय कुमार सेठ ने दो आईडी लगाई है यानी की 10 हजार रुपया महीना कमाने का चक्कर। अनिल कुमार यादव ने तीन आईडी के लिए एक लाख से ज्यादा रुपया लगाया है। इतना ही नही चांदमारी पुलिस चौकी पर मौजूद लोगों में चर्चा रही कि बनारस जनपद में कई दरोगा एवं पुलिसकर्मियों ने भी आईडी ले रखे हैं। ये तो सिर्फ बानगी है। चर्चा होती रही कि एक-एक लाख महीना कमाने का सपना लिए बहुत से लोगों ने पैसा लगा रखा है। 
लॉकडाउन में मालामाल हुई ‘कैच्‍टी पिक्सल’
कोरोना महामारी में जहां एक-एक पैसे के लिए लोग तरसते रहे। सरकार की थैली खाली हो गयी। बड़ी-बड़ी कंपनियां बंद हो गयी। ऐसे में ‘कैच्‍टी पिक्सल’ नामक कंपनी ने सिर्फ बनारस से करोड़ों का वारा-न्यारा कर बैठी। नटिनियादाई फ्रेंचाईजी के संचालक राजेश कुमार सिंह ने बताया कि लॉकडाउन में सिर्फ बनारस से दो करोड़ रुपये कंपनी को भेजा गया है। आज जबकि कंपनी में ताला लग गया है तो लोगों के बिना मेहनत के पैसे कमाने का सपना चूर-चूर हो गया।
ये हैं बनारस की फ्रेंचाईजी-रथयात्रा, चोलापुर, चौबेपुर, शिवपुर, नटिनियादाई, दुर्गाकुंड व चितईपुर।



करोड़ों का चूना लगाकर कंपनी फरार

 

पांच हजार रुपये प्रति माह और 44 हजार का चेक देने के लुभावने सपनें दिखा फंसाती थी ग्राहकों

 

‘कैच्‍टी पिक्सल’ नामक कंपनी 45 हजार का बेचती थी स्मार्ट एंड्रायड एलईडी टीवी

 

चांदमारी पुलिस चौकी पर ठगी के शिकार लोगों का जमावड़ा, आरोपी हिरासत में

रामदुलार यादव

चांदमारी। शिवपुर थाना क्षेत्र के नटिनियादाई स्थित ‘कैच्‍टी पिक्सल’ कंपनी भोली-भाली जनता को करोड़ों का चूना लगाकर फरार हो गयी। कंपनी में निवेश करने वालों को ठगे जाने का एहसास उस समय हुआ, जब कंपनी से जुड़े लोगों का मोबाइल स्विच आॅफ बताने लगा और कंपनी का दफ्तर बंद मिला। परेशान लोगों ने कंपनी के फे्रंचाईजी संचालक को शुक्रवार की अलसुबह धरदबोचा और चांदमारी पुलिस चौकी के हवाले कर दिया। कंपनी में पैसा लगाने वालों ने चांदमारी चौकी प्रभारी को लिखित प्रार्थना-पत्र के साथ कंपनी से अनुबंधित दस्तावेज भी सौपा है।

‘कैच्‍टी पिक्सल’ कंपनी का मुख्यालय अहमदाबाद में हैं। कंपनी प्रति माह पांच हजार रुपये और 44 हजार का चेक देने के लुभावने सपनें दिखाकर ग्राहकों को फंसाती थी। बदले में 45 हजार का स्मार्ट एंड्रायड एलईडी टीवी देती थी। लालच में हजारों लोगों ने कंपनी में निवेश किया। इसके लिए कंपनी की आठ फे्रंचाईजी बनारस में काम कर रही है। फे्रंचाईजी का संचालन राजेश कुमार सिंह के जिम्मे हैं। राजेश कुमार सिंह मूलरूप से औड़िहार, गाजीपुर के निवासी है। बनारस में शिवपुर थाना क्षेत्र के नटिनियादाई स्थित सर्वेश्वरी नगर कालोनी में किराये के मकान में रहते हैं। अपने आवास से ही फे्रंचाईजी का संचालन करते हंै। बीते 10 जून को कम्पनी की फे्रंचाईजी बंद होने से कंपनी में पैसा लगाने वालो में हड़कंप मच गया। शुक्रवार को फे्रंचाईजी संचालक राजेश कुमार सिंह जब तक सो कर उठते, तब तक दर्जनों लोग उसके यहां धमक पड़े और उसे पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया। चांदमारी चौकी पर सुबह से ही इन्वेस्टरों का जमावड़ा होने लगा था। जिसे भी पता चला, वो चांदमारी चौकी पर आ धमकता। दर्जनों लोगों ने पुलिस को अपना आईडी नंबर, अनुबंधित दस्तावेज और निवेश की गयी धनराशी का विवरण प्रार्थना-पत्र के साथ पुलिस को सौपा। पुलिस आरोपी राजेश कुमार सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। समाचार दिये जाने तक दर्जनों लोग पुलिस चौकी पर जमे रहे।

क्या है कंपनी का नियम

‘कैच्‍टी पिक्सल’ कंपनी में जुड़ने के लिए एक बार में 45 हजार इंवेस्ट करने पड़ते हैं। इंवेस्ट करने के बाद कंपनी  एक 32 इंच की एंड्रायड स्मार्ट एलईडी टीवी, एक आईडी और पासवर्ड मुहैया कराती है। इसी के साथ पांच साल बाद का 44 हजार का एक चेक देती है। पांच साल बाद उसे चाहे जब विद्ड्राल किया जा सकता है। कंपनी के ऐप्स के जरिये स्मार्ट टीवी पर प्रतिदिन चार घंटे देखना होता है। जिसमें कार्यक्रम के साथ प्रचार भी आता है। चार घंटे प्रतिदिन देखने पर पांच हजार रुपये प्रतिमाह खाते में आता था। इसमें नेटवर्क काम करता था। दूसरे व्यक्ति को जोड़ने पर चार प्रतिशत अतिरिक्त कमाई होती थी। एक आईडी पर पांच हजार रुपये सात साल मिलने की बात कंपनी द्वारा कही गयी थी। इन सबका लिखित रूप से कंपनी और पैसे लगाने वालों के बीच बाकायदा अनुबंध होता था। 

 

सुने भुक्तभोगियों की

भुक्तभोगी कमलेश यादव ने बताया कि ‘कैच्‍टी पिक्सल’ कंपनी से एक मई से जुड़े हैं। उन्होंने 83 हजार, 36 हजार, 38 हजार लगा रखा है। पहले तो कोविद-19 की वजह से नियमों का हवाला देते हुए बताया गया कि महामारी की वजह से कुछ समय के लिए अस्थाई रूप बंद किया जा रहा है। अब जबकि 10 जून को हर माह मिलने वाला पांच हजार रुपया खाते में आना था, वो पैसा भी नही आया और फे्रंचाईजी की आॅफिस भी बंद कर दिया गया। सरायनन्दन निवासी अजय कुमार पाल ने 45 हजार और 89 हजार की दो आईडी ले रखी है। बनारस के ही विजय कुमार सेठ ने बताया कि मैंने 90 हजार में दो आईडी ली है। कंपनी बंद हो गयी है, जिससे हमारी पूंजी डूब गयी। इसी प्रकार कंपनी के मायाजाल में फंस चुके दयानंद दूबे, आजाद सिंह, अजीत कुमार मौर्य, विनोद कुमार गोस्वामी, रोमा बनर्जी, आर्या भट्टाचार्य, गीता देवी सहित पचासों लोग चांदमारी चौकी पर मौजूद थे।

 

@ राजेश कुमार सिंह ने स्वीकारी 13 करोड़ से ज्यादा का इंवेस्ट

‘कैच्‍टी पिक्सल’ कंपनी के नटिनियादाई फे्रंचाईजी के संचालक राजेश कुमार सिंह ने स्वीकार किया कि बनारस से लगभग 13 करोड़ से ज्यादा का पैसा कंपनी में लगा हुआ है। वही पैसा लगाने वालो ने आरोप लगाया कि लगभग 20 करोड़ रुपये लगा हुआ है। डेढ़ वर्ष से चल रही है फे्रंचाईजी।

क्या है स्मार्ट एंड्रायड टीवी

स्मार्ट एंड्रायड टीवी वाईफाई के जरिये मोबाइल से चलाई जाती है। जो मोबाइल के स्क्रीन पर दिखता है। वही टीवी में भी देखा जा सकता है। यू-ट्यूब, फेसबुक, पिक्चर, गाने आदि जो भी मोबाइल में दिखता है, ठीक वही टीवी में भी दिखता है।

 


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