सावन में अबकी काशी नहीं आएंगे कांवरिए, बनारस के भक्तों के लिए इस तरह की होंगी सुविधाएं


मंडलायुक्त ने पांच जुलाई से आरंभ होने रहे श्रावण मास के बारे में की मीटिंग


- कांवरिए अपने-अपने नजदीकी शिवालयों में ही करेंगे ‘बाबा’ का जलाभिषेक


- दर्शनार्थियों से कराया जाएगा फिजिकल डिस्टेंसिंग व सेनेजाइजेशन का पालन


- काशी विश्वनाथ मंदिर में सावन में गर्भगृह में नहीं मिलेगी इंट्री, होगा झांकी दर्शन


- ‘बाबा’ के दरबार में प्रवेश और निकासी के लिए सुनिश्चित कराएंगे तीन-तीन द्वार


- यादवबंधु आदि भक्तों को दी कम संख्या में आकर प्रतिकात्मक पूजन की सलाह?



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। आगामी पांच जुलाई से आरंभ हो रहे श्रावण मास में अबकी कांवरिए नहीं आएंगे। वह अपने-अपने नजदीकी शिवालयों में ही ‘बाबा’ का जलाभिषेक करेंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों और भक्तों से फिजिकल डिस्टेंसिंग और सेनेटाइजेशन आदि का पालन कराया जाएगा। ‘बाबा’ के दरबार में दर्शन के दौरान गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। झांकी दर्शन होगा। सावन के महीने में मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर वाहनों का संचालन नहीं होगा। सोमवार को जलाभिषेक करने वाले यादव बंधुओं को मात्र 5-6 की संख्या में आकर प्रतीकात्मक पूजन का सुझाव दिया गया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर कार्यालय सभागार में शुक्रवार को कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने श्रावण मास की तैयारी बैठक के दौरान यह निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि श्रावण मास के दौरान इस बार वैश्विक महामारी कोरोना को ध्यान में रखते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले दर्शनार्थियों-श्रद्धालुओं को फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ बाबा का दर्शन कराने की व्यवस्था रहेगी। अबकी यहां कांवरिए यहां नहीं आएंगे और अपने-अपने करीब के शिव मंदिरों में ही वह ‘बाबा’ का जलाभिषेक करेंगे।
मंडलायुक्त ने निमार्णाधीन श्री विश्वनाथ धाम कॉरिडोर को ध्यान में रखते हुए निर्देश दिया कि श्रावण मास के दौरान काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों एवं श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। भक्तों को यहां बेहतर से बेहतर सुविधा उपलब्ध करायी जाय। पांच जुलाई से शुरु हो रहे श्रावण मास में इस बार कोरोना महामारी के चलते अलग तरह के इंतजाम तय करने होंगे।
उन्होंने कहा कि कॉरिडोर के निर्माण के दौरान मंदिर प्रवेश एवं निकास के पूर्व निर्धारित मार्ग बाधित हो गए हैं। सो, मंदिर में दर्शन के लिए जाने और वहां से बाहर निकलने के लिए कम से कम तीन-तीन प्रवेश एवं निकासद्वार सुनिश्चित कर लिया जाए। मैदागिन से गोदौलिया तक मजबूत जिग-जैग बैरिकेडिंग समेत 6-6 फीट की दूरी पर गोला रिंग बनवाएं। ताकि दर्शन के लिए कतार में खड़े होने के दौरान श्रद्धालु फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखें।
श्री अग्रवाल ने मंदिर जाने के लिए लगने वाली कतार के मार्ग में प्रत्येक सौ-सौ मीटर की दूरी पर सेनिटाइजर केन रखने और स्प्रे के जरिये सैनेटाइजेशन कराने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि सुगम दर्शन की भी व्यवस्था रहेगी। दर्शन के दौरान गर्भगृह में इंट्री नहीं मिलेगी, सिर्फ झांकी दर्शन की व्यवस्था होगी। श्रावण मास के दौरान मैदागिन से गोदौलिया मार्ग पर वाहनों का संचालन प्रतिबंधित रहेगा।
कमिश्नर ने श्रावण मास के प्रत्येक सोमवार को यादव बंधुओं सहित अन्य लोगों द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर में की जाने वाली विशेष पूजा के बारे में अफसरों को निर्देश दिया कि आयोजकों से बातचीत कर यह तय करा लें कि वह पांच-छह लोगों की संख्या में ही आकर प्रतीकात्मक स्वरूप पूजन करें। उन्होंने श्रावण मास के दौरान सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम कराने पर बल दिया। साथ ही निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने, आसपास के विद्युत पोलों की स्थिति आदि जांच लेने संग जर्जर एवं लटकते विद्युत तारों को तत्काल दुरुस्त कराने को कहा।
श्री अग्रवाल ने काशी विश्वनाथ मंदिर सहित शहर के अन्य प्रमुख शिवालयों के आसपास समुचित सफाई व्यवस्था कराने के निर्देश दिये। मीटिंग में आईजी विजय सिंह मीणा, डीएम कौशल राज शर्मा, एसएसपी प्रभाकर चौधरी, नगर आयुक्त एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर गौरांग राठी सहित भी थे।


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