पाकिस्तानी टिड्डियों ने बोला हमला, मीरजापुर-जौनपुर के बाद बनारस को बनाया निशाना, सहमे किसान

राहत बचाव कार्य में लगी अधिकारियों की टीम



सुरोजीत चैटर्जी
वाराणसी। आखिरकार जिसका डर था, वही हुआ। गुरूवार को लाखों की संख्या में पाकिस्तानी टिड्डियों ने बनारस पर दिनदहाड़े हमला बोल दिया। इनका एक दल मीरजापुर से कछवा होते हुए सुबह करीब 8 बजे राजातालाब के रास्ते जनपद में घुसा। तीन-चार टुकडियों में बंटेे इनके एक दल ने जौनपुर से इंट्री कर पिंडरा तहसील की ओर धावा बोला। अचानक हुए हमले से किसानों में हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही प्रशासन ने भागदौड़ शुरू कर दी। 



बीते मई माह के अंतिम सप्ताह में करोड़ों की संख्या में पाकिस्तानी ट्ड्डिी दल के वाराणसी में हमला बोलने की आशंका थी। उस दौरान अफसरों ने आनन-फानन में तैयारियां शुरू की और ग्राम प्रधानों व किसानों के साथ बैठकें कर ब्लाक कर्मियों को फील्ड में दौड़ा दिया था। लेकिन उस वक्त टिड्डी दलों ने बनारस आने की बजाय मध्यप्रदेश का रूख कर लिया। दावा है कि जनपद में टिड्डियों से निबटने के लिए प्रत्येक स्तर पर तैयारी है। 



गुरूवार की सुबह टिड्डी दल के हमले से की जानकारी सबको उस वक्त हुई, जब उन्हें आसमान पर टिड्डियों को उड़ते हुए देखा। हैरानी ये कि मीरजापुर और जौनपुर की ओर से आये इन टिड्डियों के बारे में दोनों जनपद वाराणसी को अलर्ट ही नहीं कर सके। टिड्डी दल ना सिर्फ ग्रामीण इलाकों में बल्कि शहरी क्षेत्र में भी प्रवेश कर गये। दूसरी ओर गुरूवार को ही मंडलीय खरीफ गोष्ठी का आयोजन था। जिसमें कृषि विभाग के तमाम कर्मचारियों की मौजूदगी भी होनी थी। वक्त की नजाकत को देखते हुए और टिड्डी दलों से निबटने के लिए उन कर्मचारियों को ग्रामीण इलाकों में दौड़ा दिया गया। 
नगरीय क्षेत्र में टिड्डी दल भोजूबीर, अर्दली बाजार, कचहरी, नदेसर, अंधरापुल, जगतगंज, भिखारीपुर समेत तमाम इलाकों में उड़ते दिखे। तेलियाबाग इलाके में लोग आसमान में टिड्डियों का दल देख भौंचक रह गये। क्षेत्रीय निवासी आशुतोष ने अपने पिता बनारस बार के पूर्व महामंत्री नित्यानंद राय को तत्काल छत पर बुलाया। टिड्डी वहां छत पर रखे गमलों पर बैठना चाह रहे थे। राय परिवार ने शोर मचाना शुरू किया तो टिड्डी उड़ गये। 



उधर, ग्रामीण इलाकों के खरगीपुर, भैसौड़ी, पतेरवां, छितौना, जाल्हूपुर, जयरामपुर, तरयां, दुखियां, बनकट, चौबेपुर समेत दर्जनों गांवों में दिखाई दिये। लगातार 150 किलोमीटर तक उड़ने की क्षमता रखने वाले टिड्डी कुछ ही मिनटों में पूरी फसल चट कर जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार टिड्डी आमतौर पर दिन में उड़ते हैं और शाम ढ़लने के बाद इनके आराम का वक्त होता है। यही वह समय होता है, जब टिड्डियों को दवा का छिड़काव कर खत्म किया जा सकता है। टिड्डी शोर और तेज आवाज से डरते है और जहां ऐसी स्थिति होती है, वहां नहीं रूकते। 



इसलिए टिड्डी दिखते ही तेज आवाज में डीजे बजाने, थाली आदि पीटने और शोर करने की सलाह दी जाती है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि रात में टिड्डी दल जहां रूकेंगे। उन्हें मारने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। इसके लिए फायर बिग्रेड की गाड़ियां, दवा, मैन्युअल स्प्रे पंप आदि की पर्याप्त व्यवस्था है। स्प्रे पंप और सफाईकर्मी ब्लाक से लिये जायेंगे। सभी तहसीलों के एसडीएम, बीडीओ, कृषि विभाग के अफसरों को लोकेशन का पता लगाने की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही ग्रामीणों को ग्राम प्रधानों जरिए जागरूक करने को कहा गया है। शाम छह बजे टिड्डियों की लोकेशन के अनुसार रात्रि 10 बजे अनुसार टिड्डियों को मारने की कार्रवाई शुरू होगी। 



मीरजापुर में भी टिड्डी का आक्रमण
बनारस आने से पूर्व ही पाकिस्तानी टिड्डियों ने मिर्जापुर के मझवा ब्लाक अंतर्गत बंधवा गांव में हजारों की संख्या में हमला बोला। अचानक हुए टिड्डी दल के हमले से गांव वाले भौंचक रहे गये। कई लोग तो डर के कारण घरों के भीतर छुप गये। टिड्डियों का दल जिस पेड़ पर बैठता, उसकी पूरी पत्तियां खा जा रहे थे। उधर किसानों को अपनी फसलों का भी भय सताने लगा। हालांकि किसानों द्वारा तत्काल इसकी सूचना कृषि विभाग के अधिकारियों को दी। जिसके बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने टिड्डियों को भगाने में जुट गये। उधर कई ग्रामीणों ने टिड्डियों को पकड़ कर बोतलों में भर लिया। 



 


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