करेंसी नोटों के जरिए भी फैल सकता है कोरोना संक्रमण! वाराणसी के व्यापारियों ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
खाद्य व्यापार मंडल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को लिखा पत्र
जनसंदेश न्यूज़
वाराणसी। देश में वैश्विक महामारी कोविड-19 वर्तमान गंभीर समय में तेजी से पांव पसार रहा है। तमाम सावधानियों के बावजूद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। संक्रमण का यह फैलाव कई तरह से हो रहा है। ऐसे में यह भी आशंका जतायी जा रही है कि करेंसी नोटों के जरिए भी कोरोना संक्रमण फैल सकता है। क्योंकि यह करेंसी तमाम हाथों से होकर गुजरती है। न जाने किसी संक्रमित मरीज के हाथ से होते हुए यह करेंसी ऐसे हाथ में पहुंच जाए, जो संक्रमित नहीं है और वह संक्रमित हो जाए। यह सवाल खाद्य व्यापार मंडल ने उठाकर समाज को सचेत करने का काम किया है। संगठन ने लोगों को इसके प्रति सावधान करते हुए कहा है कि करेंसी लेने के पूर्व या तो हाथ में ग्लब्स धारण करें या फिर सेनेटाइजर कर लें।
मंडल के अध्यक्ष नवरतन राठी ने यह बात पूरे देश व महानगरों में बहुत जोर-शोर से चल रही है। अनेक रिपोर्ट के अनुसार करेंसी नोट्स संक्रामक रोगों के वाहक हैं। यह बेहद चिंता का विषय है कि क्या करेंसी नोटों के जरिये कोरोना वायरस फैल सकता है! उन्होंने कहा कि करेंसी नोट विभिन्न लोगों की एक अनजान शृंखला के माध्यम से लोगों तक पहुंचते हैं। ऐसे में क्या इनके जरिये भी कोरोना नहीं फैल सकता है। उन्होंने केंद्र सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते हुए इस बाबत एक प्रामाणिक स्पष्टीकरण जारी करने की मांग की है।
कैट एक्शन कमेटी के वाराणसी जिले के प्रभारी गौरव राठी ने कहा कि इस गंभीर विषय से चिंतित हमारे राष्ट्रीय संगठन ने इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन को भेजे गए एक पत्र में सवाल करते हुए कहा कि क्या करेंसी नोट संक्रामक रोगों के वाहक हैं। यदि हैं तो इससे बचने के क्या निवारक और सुरक्षा उपाय हैं। ताकि मुद्रा नोटों के माध्यम से कोरोना फैलाने की किसी भी संभावना पर रोक लगाई जा सके। न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि देश के लोगों के लिए भी यह जानकारी बेहद फायदेमंद सिद्ध होगी।
क्या कहती है रिपोर्ट
कैट ने पत्र में कहा कि संक्रामक रोगों को फैलाने में सक्षम मुद्रा नोटों का मुद्दा कुछ वर्षों ंसे बेहद चिंता का कारण बना हुआ है। क्योंकि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय रिपोर्टों में इस बात की पुष्टि की गई है। अज्ञात लोगों के बीच लेन-देन होने के कारण विभिन्न वायरस और संक्रमणों के लिए करेंसी नोटों को बेहद घातक बताया गया है और इस तरह यह स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा दिखाई देता है।
कैट ने कहा है कि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ ने वर्ष 2015 के एक अध्ययन से पता किया था कि 96 बैंक नोटों और 48 सिक्कों का लगभग पूरा नमूना वायरस, फंगस और बैक्टीरिया से दूषित था। जबकि 2016 में तमिलनाडु में किए गए एक अध्ययन में 120 से अधिक नोट डॉक्टरों, गृहिणियों, बाजारों, कसाई आदि क्षेत्रों से एकत्र किये गए। जिसमें से 86.4 प्रतिशत नोट संक्रमण से ग्रस्त थे। वहीं वर्ष 2016 में कर्नाटक में हुए एक अध्ययन की रिपोर्ट में 100 रुपये, 50 रुपये, 20 रुपये और 10 रुपये के नोटों में से 58 नोट दूषित थे।