जेम पोर्टल से खरीदारी न करना वित्तीय अनियमितता, मुख्य सचिव ने समस्त विभागाध्यक्षों को भेजा पत्र, दिया निर्देश
रेट कांट्रैक्ट या ई-टेंडर से खरीदारी करने की मिल रही शिकायत
जितेंद्र श्रीवास्तव
वाराणसी। प्रदेश सरकार जेम पोर्टल से खरीदारी न करने वालों विभागों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। सरकार का मानना है कि जेम पोर्टल से खरीदारी न करना वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है। लिहाजा, मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, मंडलायुक्त, जिलाधिकारी के साथ ही उद्योग तथा उद्यम प्रोत्साहन विभाग के आयुक्त एवं निदेशक जेम पोर्टल से ही खरीदारी करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा न करने वाले विभागों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही की जाएगी।
प्रदेश सरकार ने समस्त शासकीय क्रय जेम पोर्टल के माध्यम से ही करने का निर्णय लिया है। इस आशय का निर्देश बीते 23 अगस्त 2017 को ही जारी कर दिया गया था। बावजूद इसके कुछ विभाग इसका अनुपालन नहीं कर रहे हैं। शिकायत मिल रही है कि कई विभाग अभी भी रेट कांट्रैक्ट या ई-टेंडर के माध्यम से विभाग के लिए सामानों की खरीदारी कर रहे हैं। मुख्य सचिव ने कहा है कि कुछ विभाग अभी भी येन-केन-प्रकारेण रेट कांट्रैक्ट अथवा ई-टेंडर के माध्यम से विभागों में विभिन्न वस्तुओं की आपूर्ति करा रहे हैं, जो शासनादेश का उल्लंघन है। उनका कहना है कि यदि कोई वस्तु, सामग्री, सेवा जेम पोर्टल पर उपलब्ध नहीं है तो पत्रावली पर विभागाध्यक्ष अथवा कार्यालयाध्यक्ष स्वयं प्रमाणित करेंगे कि अमुक वस्तु जेम पर उपलब्ध नहीं है। इसके पश्चात ही संबंधित सामग्री की खरीदारी ई-टेंडर के माध्यम से की जा सकेगी। इससे इतर प्रक्रिया अपनाने पर वह वित्तीय अनियमितता की श्रेणी मानी जाएगी। मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि जेम पोर्टल पर पंजीकरण अथवा क्रय के संबंध में आने वाली किसी भी प्रकार की समस्या के निराकरण के लिए उत्तर प्रदेश जीओटीटी-पीएमयू का गठन किया गया है, जिसमें हर विभाग से एक-एक नोडल अधिकारी और तकनीकी कर्मचारी जेम पोर्टल के लिए नामित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने समस्त अधीनस्थ अधिकारियों से अनुरोध किया है वे उत्तर प्रदेश जीओटीटी-पीएमयू के लिए अपने-अपने विभाग के एक नोडल अधिकारी और एक तकनीकी कर्मचारी नामित करने का कष्ट करें।