गंगा के तीसरे संगम पर अब आसानी से पहुंचेंगे श्रद्धालु, मारकंडेय महादेव के निकट संगम पर बना रहे हैं अर्द्धचंद्राकार घाट


कैथी में गंगा-गोमती संगम पर एप्रोच रोड व प्लेटफॉर्म लगभग पूर्ण


प्रयागराज व उत्तराखंड के देवप्रयाग जिले में हैं गंगा के अन्य संगम


शासन की मंशा रू अधिक से अधिक भक्त पहुंचे इस तीर्थ स्थल पर



सुरोजीत चैटर्जी 
वाराणसी। जनपद के कैथी स्थित मारकंडेय महादेव मंदिर में मत्था टेकने के लिए जाने वाले भक्तों को अब वहां निकट स्थित गंगा-गोमती संगम में डुबकी लगाने में समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस संगम पर निर्माणाधीन सीढ़ियां और प्लेटफॉर्म जल्द ही बनकर तैयार हो जाने की उम्मीद है।
भारत सरकार के प्रसाद प्रोजेक्ट के अंतर्गत यह कार्य चल रहा है। देश में यूपी के प्रयागराज और उत्तराखंड के देवप्रयाग में गंगा का संगम है। तीसरा संगम गंगा-गोमती के रूप में कैथी में है। यहां स्थित मारकंडेय महादेव मंदिर में प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं और निकट स्थित गंगातट और संगम पर डुबकी भी लगाते हैं। महाशिवरात्रि पर्व और सावन के महीने में भारी संख्या में भक्तों का यहां आगमन होता है।



सिर्फ सावन के प्रत्येक सोमवार को ही लाखों की तादाद में श्रद्धालु मारकंडेय महादेव मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए उमड़ते हैं। इस स्थान के महत्व को देखते हुए शासन न सिर्फ मारकंडेय महादेव मंदिर क्षेत्र और गंगा-गोमती संगम का सुंदरीकरण करा रहा है बल्कि अन्य ऐसे साधन की व्यवस्था भी की जा रही है जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की समस्या न हो और अधिक से अधिक भक्त यहां निर्बाध रूप से आ सकें।



इसी क्रम में प्रसाद स्कीम के तहत यहां के मंदिर क्षेत्र में लगभग पांच करोड़ रुपये की लागत से हाट, यात्री शेड और सोलर लाइट्स लगवाए गये हैं। दूसरी ओर, मारकंडेय महादेव स्थित गंगातट के हाल ही में बने घाट का सांसद 35-35 मीटर विस्तारीकरण कार्य जारी है। करीब पांच करोड़ रुपये की लागत के इस प्रोजेक्ट में 70 फीसदी कार्य करा लिये जाने का दावा है। इसके लिए पहले चरण में शासन ने तीन करोड़ रुपये जारी किये थे।



इस मद में अभी लगभग दो करोड़ रुपये और जारी होगा। दूसरी ओर, निकट ही लगभग छह करोड़ रुपये की लागत से गंगा-गोमती संगम पर 7-7 सीढ़ियों और नौ प्लेटफॉर्म का एक अर्द्धचंद्राकार घाट का करीब 35 प्रतिशत कार्य शेष है। साथ ही वहां तक पहुंचने के लिए एप्रोच रोड बना रहे हैं। फिलहाल संगम स्तर का वाटर लेवल कम होने पर अवशेष कार्य होंगे। उत्तर प्रदेश पर्यटन के महानिदेशक एनजी रवि कुमार ने गंगा-गोमती संगम पर चल रहे कार्यों को जल्द से जल्द पूर्ण करने और लगातार उसकी निगरानी के निर्देश दिये हैं।
उसी क्रम में रविवार को महकमे के पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने कार्य स्थल का निरीक्षण किया। उनके साथ सिंचाई विभाग के अभियंता संतोष गुप्ता, संकेत कुमार और ठेकेदार आदि भी थे। श्री श्रीवास्तव ने बताया कि गंगा-गोमती संगम पर अब मात्र फिनिशिंग वर्क का कार्य ही शेष है। पानी का जलस्तर कुछ कम होने पर एक माह के भीतर अवशेष कार्य पूर्ण कराने का लक्ष्य रखा गया है।


 


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