देखते रहें, 2021 के अंत तक बदल जाएगी बनारस की सूरत, गौरव पथ, खाऊ गली, हैप्पी स्ट्रीट सहित और बहुत कुछ.......

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र के लिए अभी देंगे और भी सौगात


पुरातन कला, संस्कृति, विरासत को संरक्षित रख कार्य का क्रम रहेगा जारी


परिवर्तनों के साथ यहां की जनता को भी डालनी होगी बदलाव की आदत


पेशेवर लोग करेंगे 2014 से अबतक तक विकास कार्यों का डॉक्यूमेंटेशन


आगामी विस चुनाव से पूर्व देंगे पीएम के संसदीय क्षेत्र की तरक्की का ब्योरा



सुरोजीत चैटर्जी


वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र की सूरत दिसंबर 2021 तक बदलने की तैयारी है। जनपद में चल रही सभी छोटी-बड़ी परियोजनाएं भी प्रत्येक दशा में इसी अवधि के भीतर पूर्ण करनी हैं। शहर से लेकर गांव तक तमाम ऐसे परिवर्तन की कवायद है जिससे इस नगर की तस्वीर कुछ ऐसी हो जाएगी जिसे देखकर बाहर से आने वाले लोग हैरान रह जाएंगे। वहीं, स्थानीय नागरिकों को उन बदलावों में स्वयं को अभ्यस्त करना होगा।


यहां की जनता ने यदि समय के साथ और मोदी की पहल पर किये जाने वाले उन परिवर्तनों संग खुद को नहीं ढाला तो यह शहर जहां का तहां रह जाएगा। न अपडेट होगा और न ही अपग्रेड। यह बदलाव खेती से लेकर शहर में वाहन चलने तक, किसानों की स्थिति बेहतर बनाने से लेकर शहरी रहन-सहन तक में होने वाला है। जनपद के सांसद और पीएम मोदी अपने संसदीय क्षेत्र काशीवासियों को पुरातन कला-संस्कृति और विरासत को बचाए रखते हुए नये दौर के साथ चलने के लिए लगातार प्रेरित करते रहे हैं।


उसी का नतीजा है कि उनके कार्यकाल में भारत सरकार से बनारस में जिनती परियोजनाएं लायी गईं, उतनी न तो देश के किसी अन्य शहर को मिलीं और न ही पूर्व की सरकारों ने काशी के लिए इतना कुछ किया। वाराणसी की तरक्की को लेकर मोदी लगातार बेहद गंभीर हैं और यहां जनहित में अनवरत कुछ न कुछ नया करने और शहर के बेहतर बनाने के प्रयास में जुटे हैं। उम्मीद जतायी जा रही है कि सन 2022 के विधान सभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार वाराणसी के लिए अधिक से अधिक जितना संभव होगा, उनता कार्य करेगी।



आगामी विस चुनाव से पहले तक मोदी सरकार के दोनों कार्यकाल के दौरान बनारस के लिए किये गये कार्यों समेत इस शहर में दस साल के भीतर कई स्तर पर आए बदलाव का आंकलन भी होगा। भाजपा सरकार की ओर से मोदी के संसदीय क्षेत्र में दस वर्ष के अंदर और योगी सरकार में विभिन्न क्षेत्रों में आए परिवर्तन का डॉक्यूमेंटेशन किया जाएगा। चाहे वह स्वास्थ के स्तर पर हो या ट्रैफिक सिस्टम अथवा खेती-बाड़ी लेवल पर।


इन कार्यों के लिए प्रोफेश्नल्स की मदद लेंगे ताकि वह काशी में इन दस वर्षों के दौरान विभिन्न चरणों में हुए बदलावों के अभिलेख, फोटोग्राफ और वीडियो तैयार कर सकें। इन उपलब्धियों के बारे में जनता के बीच व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार भी होगा। केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं में कराए गये कार्यों को भी इसमें सम्मिलित करेंगे। उनमें आरोग्य भारत योजना, आयुष्मान भारत योजना, ड्रेनेज सिस्टम, ई-रिक्शा को प्रोत्साहन, हाईटेक ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम के कार्य शामिल होंगे।


वहीं, एसटीपी, एसटीपी, सीएनजी से लैस नावें, स्वच्छता, प्रदूषण में कमी, फ्लाईओवर्स, फ्लाईओवर विस्तारीकरण, आरओबी, भूमिगत केबलिंग, एलईडी लाइट्स और आॅनलाइन पेमेंट सिस्टम के अलावा मॉडल रोड्स, मल्टी स्टोरी वाहन पार्किंग, प्राथमिक स्कूलों को अपग्रेडेशन, कम लागत में आधुनिक खेती को बढ़ावा, खेती संग पशुपालन को प्रोत्साहन, किसान पाठशाला, पेरिशेबल कार्गो, जल परिवहन, सब्जी-फलों का निर्यात, पटरी व्यवसायियों और वेंडरों के लिए पहल आदि उपलब्धियां भी शुमार होंगी।


दूसरी ओर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, गंगा घाटों का सुंदरीकरण, पर्यटन स्थलों को बेहतर बनाना, प्रमुख मंदिरों और पंचकोसी रोड के लिए पहल, बड़ालालपुर में टीएफसी के बाद अब सिगरा में निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर ‘रुद्राक्ष’ आदि इनमें शामिल हैं। कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को मोदी यहां लेकर आए, जिससे विकास कार्यों समेत पर्यटन को भी बढ़ावा मिला है। विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी की ओर से अपने संसदीय क्षेत्र को सौगात देने का सिलसिला अभी जारी रहेगा। गत दिनों पीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये वाराणसी के विकास कार्यों के बारे में बैठक कर आगामी तैयारियों के निर्देश दिये।


इस तरह होंगे और भी बदलाव----



1. एक निकाय-एक गौरव पथ


- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब शहर के भीतरी हिस्सों के विकास पर ध्यान देना शुरु किया है। जिसके तहत प्रत्येक निकाय क्षेत्र की एक सड़क को ऐसा ‘गौरव पथ’ बनाएंगे जहां के सभी घर और दुकान के रंग, साइनबोर्ड, समान ड्रेस, आकर्षक लाइट्स से लैस होंगे। इस मार्ग पर शाम को छह बजे के बाद वाहनों के आवागमन पर रोक और सिर्फ पैदल चलने की इजाजत रहेगी। ऐसे ही कई और बदलाव की कवायद जल्द आरंभ होने वाली है।



2. सोलर एनर्जी से लैस होगा ‘रुद्राक्ष’


- जापान के सहयोग से निर्माणाधीन सिगरा स्थित रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर को सोलर एनर्जी के लैस करेंगे। इसके लिए भवन की छत पर सौर ऊर्जा का प्लांट स्थापित होगा। संभावना जतायी जा रही है कि आगामी सितंबर माह में प्रधानमंत्री मोदी अपने जन्मदिन के अवसर पर जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ यहां आकर रुद्राक्ष का उद्घाटन कर सकते हैं। सो, इस प्रोजेक्ट को हर हाल में 20 अगस्त तक पूर्ण करने की कवायद तेज हो गयी है।



3. एलईडी बल्ब से लैस घर-गली


- जनपद के नागरिकों के बिजली के खर्च और विद्युत बिल में कमी लाने के लिए प्रत्येक घर को एलईडी बल्ब से लैस किया जाएगा। जिले के शत-प्रतिशत घरों में एलईडी लगाएंगे। इसके लिए अनिवार्य रूप से एलडीई लगाने के निर्देश भी जारी हो सकते हैं। इसी प्रकार गली-नुक्कड़, चौराहों-तिराहों के स्ट्रीट लाइट्स भी एलईडी बल्ब से रोशन होंगे। इस बारे में सीडीओ, नगर आयुक्त को जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। उम्मीद है कि जल्द ही यह कार्य आरंभ होगा।



4. कैशलेस स्ट्रीट वेंडिंग इन काशी


- ‘कैशलेस स्ट्रीट वेंडिंग इन काशी’ का लक्ष्य लेकर स्ट्रीट वेंडरों और उनके परिवारों का विस्तृत ब्योरा तैयार होगा। उस डाटा बेस में यह भी दर्ज करना होगा कि वेंटर कितने साल से इस पेशे में है और उसका मुख्य कार्य क्या रहा है। सब्जी, बर्तन या कपड़ा आदि बेचने वाले सभी वेंडरों को भीम एप से जरिये कैशलेस लेनदेन की व्यवस्था देंगे। उनकी होने वाली कमाई में से पैसे की बचत के लिए प्रोत्साहित करेंगे। उनके ठेलों के रंग एक प्रकार के रहेंगे।



5. खानपान की खास गली


- बनारस में किसी एक गली का विकास सिर्फ खानपान के उद्देश्य से करेंगे। उस गली में विभिन्न प्रकार के व्यंजन पूरी शुद्धता के साथ ग्राहकों को उपलब्ध कराया जाएगा। दुकानों की जिम्मेदारी स्ट्रीट वेंडर संभालेंगे। उनके स्टॉल, ड्रेस, कैप, एप्रन और ग्लब्ज एक समान दिखेंगे। उस गली में स्थानीय विशिष्ट मिठाइयां, शीतल पेय के अलावा ऐसे तमाम व्यंजन उपलब्ध कराएंगे जो इस शहर की पहचान हैं। खानपान वाली यह गली ऐसे इलाके में स्थापित करने का प्रयास होगा जहां पर्ययकों की आवाजाही भी रहे।



6. बच्चों के लिए हैप्पी स्ट्रीट


- जिले के नगरीय क्षेत्र में बच्चों के लिए एक ऐसा ‘हैप्पी स्ट्रीट’ बनेगा जहां जाकर बच्चे सप्ताह एक-दो घंटे तक समय व्यतीत कर सकें। उस दौरान संबंधित मार्ग पर वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध रहेगा। यहां बच्चे विभिन्न प्रकार के खेल खेल सकेंगे। सड़क पर उन्हें रंगोली बनाने की इजाजत भी रहेगी। दूसरी ओर, पार्कों में ‘मैरी गो राउंड’ की व्यवस्था होगी। उसके एक बॉक्स में अधिकतम चार कार या अन्य पुतले शामिल होंगे। मौके पर बच्चों के अभिभावकों के बैठने का अस्थायी प्रबंध होगा।



7. विरासत के तौर पर प्रमोशन


- वर्ष पर्यंत बनारस को प्रमोट करने के लिए कई उपाय करेंगे। पूर्व की काशी और वर्तमान के बनारस में आए बदलावों को विरासत के तौर पर बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए गहन शोध कर मटेरियल तैयार करेंगे। इस शहर से जुड़ी वीडियो फिल्में भी मोबाइल फोन के जरिये आमलोगों तक पहुंचाएंगे। इस कार्य के लिए पेशेवर लोगों की मदद ली जाएगी। ताकि पूरी दुनिया को बता सकें कि काशी किस प्रकार एक अतिमहत्वपूर्ण विरासत है। इस कार्य का खाका खींचने की जिम्मेदारी नगर आयुक्त को दी गयी है।



निस्तारण-स्थापना पर जोर


- पीएम मोदी ने कई परियोजनाओं में आ रही बाधाओं को जल्द से जल्द दूर करने और जनपद के लिए नयी सोच की रूपरेखा बेहतर ढंग तैयार करने के निर्देश दियैं। जिसके तहत फुलवरिया-लहरतारा फोरलेन प्रोजेक्ट में भूमि की समस्या, सीरगोवर्द्धनपुर परियोजना, किसानों को गोबर व कंपोस्ट खाद के प्रयोग के लिए प्रोत्साहन, जीरो बजट फार्मिंग, सारनाथ में जापान, कोरिया, वियतनाम, श्रीलंका, थाईलैंड आदि के सप्ताहव्यापी उत्सव, रामनगर बंदरगाह पर संसाधनों और लोडिंग-अनलोडिंग में बढ़ोतरी संग संपर्क मार्ग विकास, रामनगर बंदरगाह के निकट पैकेजिंग इंस्टीट्यूट व ट्रेनिंग सेंटरकी स्थापना, भुवनेश्वर मॉडल पर गंगा किनारे टेंट सिटी आदि।


 


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