भारतीय पौराणिक कथाओं में मां की होती है अहम भूमिका: स्नेहा वाघ
जनसंदेश न्यूज़
इंदौर। मां को जीवन देने वाली, ताउम्र साथ निभाने वाली सबसे अच्छी दोस्त और बच्चे की पहली गुरु माना जाता है। अपने बच्चे के पालन-पोषण से लेकर, सही मूल्यों और उसूलों से उनकी पहचान कराने तक एक मां अपने बच्चे के जीवन को आकार देने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एण्ड टीवी के कहत हनुमान जय श्रीराम में अंजनी माता की भूमिका निभा रहीं स्नेहा वाघ का मानना है कि भारतीय पौराणिक कथाओं में मांओं की एक अहम भूमिका रही है।
उन्होंने कहा कि भारतीय पुराणों में मां के व्यक्तित्व का वर्णन करते हुए काफी सारी कहानियों का उल्लेख है। इसमें उनकी अद्भुत ताकत और दृढ़ता, अच्छी तथा बुरी परिस्थितियों में उनकी ममता और साहस से जुड़ी कहानियां सुनने को मिलती हैं। एक मां अपने बच्चे की एक गुणी गुरु, एक बेहतरीन श्रोता, अनुपम अभिभावक और सबसे अच्छी दोस्त होती है। हनुमान के जीवन को आकार देने में माता अंजनी की भूमिका के बारे में बताते हुए वह कहती हैं, हनुमान के जीवन में माता अंजनी का काफी प्रभाव रहा है।
उन्होंने ही हनुमान को आध्यात्मिक कर्तव्यों की तरफ प्रेरित किया था। वह बाल हनुमान को बहादुरी और साहस की कहानियां सुनाती थीं। हनुमान को मारुति के नाम से भी जाना जाता है। उन कहानियों ने उनमें प्रेरणा जगायी। अद्भुत क्षमताओं के साथ जन्में हनुमान को अपने जिज्ञासु स्वभाव की वजह दानव तथा दैत्यों का सामना करना पड़ता था। उनकी मां इस बात का ध्यान रखती थीं कि वह खुद को और भी मुसीबत में ना डाले। भारतीय पौराणिक कथाओं में इसी तरह की अद्भुत मांओं की मिसाल दी गयी है। उन्होंने किस तरह अपने बच्चों के जीवन को संवारा और किस तरह सबकी आदर्श हैं, इसके कई उदाहरण पेश किये गये हैं।