बनारस की महिला पत्रकार रिजवाना प्रकरण में आरोपी नोमानी की जमानत याचिका खारिज


रिजवाना पर चरित्रहीनता का लगाया था आरोप, आत्महत्या के लिए था उकसाया


लॉकडाउन के दौरान राशन बांटने के नाम पर घोटाले का भी लगा है आरोप 

रवि प्रकाश सिंह
वाराणसी। चर्चित पत्रकार रिजवाना तबस्सुम को आत्महत्या करने को मजबूर करने वाले आरोपी शमीम नोमानी की अग्रिम जमानत याचिका अपर जिला जज प्रथम पीके सिंह की अदालत ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी। रिजवाना ने 3-4 मई की रात मकान के दूसरी मंजिल पर फांसी लगाकर जान दे दी। इस मामले में आरोपी शमीम नोमानी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वरिष्ठ अधिवक्ता  तनवीर अहमद ने कोर्ट में पीड़ित परिवार का पक्ष रखा। अदालत में जमानत अर्जी का विरोध एडीसी वंदना श्रीवास्तव ने किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने जमानत नहीं देने का निर्णय लिया।
आरोप है कि नोमानी ने रिजवाना को उकसाया था इतना ही नहीं मौत के दौरान उसने उससे सोशल साइट पर बात भी की थी। पत्रकार की मौत के बाद समूचे मीडिया में हड़कंप मच गया था। नोमानी का नाम  सामने आने के बाद सीओ अभिषेक पांडेय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नोमानी को मौके से गिरफ्तार किया और जेल भेजा। रिजवाना देश के बड़े मीडिया संस्थान के लिए समाचार संकलन करती थी। उनकी महत्ता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी खबरों को दी वॉयर, दी प्रिंट, न्यूज लांड्री, दी क्वींट जैसे बड़े मीडिया संस्थान महत्व देते थे और खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित करते थे। लॉकडाउन में रिजवाना ने जरूरतमंदों के बीच जो काम किया उसे याद कर आज भी जरूरतमंद कराह उठते हैं। उनकी मौत से कई परिवारों को झटका लगा जो लॉकडाउन में उनके भरोसे जीवन यापन कर रहे थे। रिजवाना की खबरों में गरीबों की पीड़ा, अन्याय के खिलाफ आवाज या किसानों का दर्द दिखता था। यही कारण है कि महज चंद साल और कम उम्र में उन्हें वो मुकाम मिला था जिसे पाने के लिए लोगों की उम्र निकल जाती है। 
लॉकडाउन में जरूरमंदों में राशन बांटने के लिए नोमानी ने रिजवाना का सहारा लिया और इसकी आड़ में राशन गोलमाल का जबरदस्त धंधा किया। सूत्र बताते हैं कि इस राशन के खेल को रिजवाना समझ गई थी और जब काले कारनामों को उजागर करने की बात कही तो उसने तरह-तरह से प्रताड़ना देनी शुरू कर दी। उसने उसे फोन पर आये दिन परेशान करना और नीचा दिखाना आदत बन गई थी। घटना वाले दिन भी उसने मौत से कुछ सेकेंड पहले रिजवाना को फोन किया था। इस बीच ऐसी कौन सी बात उसने बोली जिससे ये पत्रकार बर्दाश्त नहीं कर सकी और मौत को गले लगा लिया। पहले इस प्रकरण को प्रेम प्रसंग से जोड़कर देखा गया लेकिन परत दर परत जांच बढ़ी तो कई चौंकाने वाले सामने सामने आये। परिवार वालों ने पूरे प्रकरण के पीछे राशन घोटाले को दबाने समेत अन्य कारण बताए। पिता का आरोप है कि नोमानी बात-बात पर उसे परेशान करता था। नोमानी ने उसकी इज्जत को उछालने और चरित्रहीनता का भी आरोप मढ़ा था। इस आरोप को वो झेल न सकी और आत्महत्या कर ली। नोमानी के व्यक्तितत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके पूर्व में युवती से छेड़छाड़ के मामले में जेल की हवा खा चुका है।


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