बारिश से खिले किसानों के चेहरे, गुरुवार हुई हल्की वर्षा को खरीफ फसलों के लिए बताया अनुकूल

- खेतों में व्यस्त दिखे अन्नदाता, सब्जियों को पहुंचा है हल्का नुकसान


- इस बार जनपद में तीन हजार 224 हे. में धान की नर्सरी का है लक्ष्य



जनसंदेश न्यूज


वाराणसी। मौसम का रुख बदलने और गुरुवार को हल्की बारिश होने से किसानों के चहरे पर खुशी दिखी। वह इस वर्षा को न सिर्फ फायदेमंद बता रहे हैं बल्कि उम्मीद कर रहे हैं कि यदि इसी प्रकार मौसम ने साथ दिया तो इस बार अच्छी फसल होगी। जबकि सब्जी की खेती करने वाले किसानों की समस्या कुछ बढ़ गयी है। इस बरसात के कद्दूवर्गीय फसलों को हल्का नुकसान पहुंचा है। वहीं, नमी के चलते सब्जियों में फंगस लगने का खतरा बढ़ गया है।


वर्तमान खरीफ सीजन की मुख्य फसल धान की नर्सरियां डाली जा रही हैं। इस बार जनपद में कुल 3224 हे. क्षेत्रफल में धान की नर्सरी डालने का लक्ष्य है। जिसके तहत ब्लाकवार काशी विद्यापीठ में 116 हे., आराजी लाइन में 602 हे., सेवापुरी विकास खंड में 474 हे., पिंडरा में 494 हे., बड़ागांव में 439 हे., हरहुआ में 286 हे., चोलापुर में 452 हे. और चिरईगांव विकास खंड इलाके में कुल 361 हे. क्षेत्रफल में धान की नर्सरियां डालने का टार्गेट है। कृषि विभाग के अनुमान के अनुसार अबतक धान की 70 फीसदी नर्सरियां पड़ चुकी हैं।


बड़ागांव प्रतिनिधि के अनुसार इस समय हुई हल्की बारिश के चलते खरीफ की खेती करने वाले अन्नदाताओं में खुशी दिख रही है। किसान जगदीश तिवारी ने बताया की धान के बीज के लिए यह पानी बहुत लाभकारी है। बीज जल्दी तैयार होगी। किसान राजकुमार तिवारी ने कहा की खेत जोताई के लिए अब सिंचाई नहीं की आवश्यकता न होने से कुछ राहत मिली है।


किसान विकास दत्त मिश्र ने इस बारशि के उर्द की फसल के लिए रामबाण बताया। उन्होंने कहा कि पशुओं के लिए बोये जाने वाले चारे की उपज भी बेहतर होने की संभावना है। वहीं, किसान नीलांबर ने बताया फिलहाल कुछ राहत भले ही मिली हो लेकिन धान का बीज रोपण करते समय बारिश ज्यादा हो तो बेहतर है।


चोलापुर प्रतिनिधि के मुताबिक मौसम अनुकूल होने के चलते किसान खेतों में व्यस्त दिखे। उन्होंने खरीफ की बोआई आरंभ भी कर दी है। इस कारण आगामी सीजन में अच्छी पैदावार मिलने से आस जगी है। किसानों ने खरीफ की मुख्य फसल धान समेत ज्वार, बाजरा, मक्का और गन्ना के लिए इस स्थिति को अच्छा बताया।


बरथौली के किसान अमरजीत यादव प्रधान समेत शाह मोहम्मद अंसारी, शिवभजन पांडेय, गुलाब पटेल, रवींद्रे कुमार सिंह, राम जनम यादव, शोभा आदि ने कहा कि धान की नर्सरी तैयार है। एक-दो दिन में संडा रोपाई हो जाएगी। यदि मौसम से शुरु से ही साथ दिया तो अबकी उत्पादन बेहतर हो सकती है।


दानगंज प्रतिनिधि के अनुसार मौसम में बदलाव के कारण ग्रामीणों को चिलचिलाती धूप से राहत मिली। वहीं रोपाई के लिए पड़े धान के बेहन को बादलों की लुकाछिपी के चलते मौसम में नमी रही। किसान शैलेंद्र सिंह, कैलाश यादव, रामआश्रय यादव ने कहा कि खरीफ के लिए ऐसी बारिश और जोताई योग्य नमी आवश्यक है।


दूसरी ओर, सब्जी की खेती करने वाले रामजीत मौर्य ने कहा कि मौसम में नमी और बूंदाबादी तो ठीक है लेकिन अगर अधिक बरसात होगी तो पालक, चौराई, टमाटर, बैगन, भिंडी, फूलगोभी जैसी सब्जियों में कीड़े-पतंगे और रोग लगने की आशंका भी रहेगी। उस स्थिति में नेनुआ, लौकी, कोहड़ा, करेला, परवल आदि सब्जियां जमीन पर होने के कारण गलने लगती हैं।


सब्जियों में छिड़कें फफूंदनाशी दवा


- जिला उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्त ने बताया कि वर्तमान सीजन को देखते हुए वायुमंडल में नमी है। इस कारण कद्दू वर्गीय फसलों के फूल प्रभावित हुए हैं। हालांकि यह नुकसान बहुत कम है। इस मौसम में सब्जियों में फफूंद लगने की पूरी आशंका रहती है। इसलिए सब्जी की खेती करने वाले किसानों को सलाह है कि वह फंगसनाशी दवाओं का छिड़काव करें।


 


 


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