अदृश्य दुश्मन से सजग होकर करना होगा मुकाबला



आयुषी तिवारी


सुरक्षा हमारे जीवन का आधार है। अपनी स्वयं की रक्षा करने का दूसरा नाम ही सुरक्षा है। अगर हम स्वयं की सुरक्षा करेंगे तभी दुसरों और अपने राष्ट्र की सुरक्षा कर सकेंगे।
वर्तमान स्थिति से सभी भली-भांति परिचित है कि कैसे एक वायरस ने पूरी दुनिया को तबाह कर रखा है। इस समय सुरक्षा से ही जीवन की डोर बंधी है। 68 दिनों तक कई चरणों में लॉकडाउन रहने के बाद अब देश अनलॉक हो चुका हैं, ऐसे में कई सारी चुनौतियां भी सामने है, जिसके लिए हमें खुद तैयार होना होगा और हर पहलू के बारीकियों को समझना होगा। स्थिति को देखते हुए हमें और भी अधिक सजग रहना होगा ,तभी हम अपने और अपने परिवार के साथ देश को बचा सकेंगे। आज हम सभी इस महामारी के प्रभाव से अवगत हो चुके है, यह एक बहुत बड़ी समस्या है, जिसका प्रकोप पूरी दुनिया झेल रही है, जिसका समाधान खोजने में सभी वैज्ञानिक दिन-रात जुटे हैं। अगर कोई वैक्सीन बनती भी है तो लगभग 18 माह लगेगा इसको बनने में, इसकी प्रक्रिया इतनी छोटी नही और अभी खोज जारी है, तबतक इस तरह पूरा विश्व या हमारा देश लॉकडाउन में नही रह सकता। यह विपदा इतनी जल्दी हमारा पीछा नही छोड़ने वाली, हम ऐसे यूं ही रुक नही सकते, मुश्किलें बहुत-सी हैं परंतु हमें खुद को तैयार करना होगा। जो दिखता ही नही उससे केवल खुद को सुरक्षित कर ही बचाया जा सकता है। हमें ये ध्यान रखना होगा कि हमारी छोटी-सी भूल कहीं हमारे जीवन-रेखा को समाप्त न कर दें।



(Ayushi Tiwari)


लापरवाहियों से बचना होगा....
कोविड-19 के हर रोज लगातार मामले सामने आ रहे हैं, लोगों का आवागमन भी लगातार जारी है। इस बीच सावधानियों का विशेष ध्यान रखना होगा। अगर खुद पर कोई संदेह हो तो उसे नजरअंदाज न करें और न ही छुपाये क्योंकि आपकी वजह से कोई दूसरा संक्रमित हो सकता है, आपकी जान को खतरा हो सकता है। यह हमें समझना होगा कि जानकारी छुपाने से समाधान नही होगा अपितु सही इलाज से बचाव संभव है। समस्याओं से मुक्त रहने के लिए सदैव सावधान रहना आवश्यक है।


बाधाएँ आती हैं आएं
लड़ना हमें सीखना होगा,
चाहे वायरस विष फैलाए 
नीलकंठ-सा बनना होगा।


नियमों का पूरी निष्ठा से पालन करना होगा
नियमों का पालन करना हमेशा हमारे लिए लाभप्रद होता है। जो व्यक्ति नियमों का पालन करता है, उसे समस्याओं से कम जूझना पड़ता है। कहते है ‘सावधानी हटी दुर्घटना घटी’ हमें इस बात को ध्यान में रख कर ही कोई कदम उठाना है। जो भी दिशा निर्देश हमें सरकार, डॉक्टर या वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन द्वारा मिलता उसे मानना होगा। एक दूसरे का साथ देकर इस परेशानी का सामना करना होगा। हर व्यक्ति अगर नियमों का पालन अच्छे ढंग से करता है, तो समस्या खत्म हो सकती है।
आयुषी तिवारी
शिक्षार्थी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ


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