आखिर मजदूरों के मसीहा बने सोनू सूद पर क्यों भड़की शिवसेना? उठाये कई सवाल


जनसंदेश न्यूज़
मुंबईलॉकडाउन (LockDown) के कारण फंसे हजारों मजदूरों को उनको घर तक पहुंचाने का नेक काम कर रहे सोनू सूद (Sonu Sood) पर शिवसेना (ShivSena) भड़क गई है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ (Samana) में सोनू सूद पर निशाना साधा है। शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने सोनू सूद के कार्य पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि अचानक एक व्यक्ति को महात्मा बना दिया गया है, आखिर इतने पैसे उनके पास कहां से आ रहे है। दूसरी तरफ बीजेपी (BJP) ने शिवसेना के इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। 
आपको बता दे कि कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण हुए लॉकडाउन के कारण हजारों मजदूर जहां थे, वहीं फंस गये। रोजगार छिन जाने से जब उनके पास आजीविका का संकट खड़ा हुआ तो वें घरों की तरफ पलायन करने लगे, जिसके लिए मजदूरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसी बीच मजदूरों के दुखों को समझते हुए अभिनेता सोनू एक मसीहा के तौर पर सामने आये और हजारों मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए खुद के निजी खर्च से बसों की व्यवस्था कर रहे हैं। 
सोनू सूद का यह कार्य शिवसेना के मन को नहीं भाया और उसने सोनू पर निशाना साधते हुए कई सवाल खड़े किये। संजय राउत ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में सोनू सूद के मदद कार्य पर सवाल उठाते हुए लिखा है कि लॉकडाउन के दौरान अचानक सोनू सूद नाम का एक महात्मा तैयार हो गया है। इतने झटके और चतुराई के साथ किसी को महात्मा बनाया जा सकता है? राउत ने प्रवासी मजदूरों को बस में भेजने के लिए आये पैसों पर सवाल उठाते हुए सोनू सूद को बीजेपी का मुखौटा बताने की कोशिश की है।
दूसरी तरफ बीजेपी नेता राम कदम ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और ट्वीट किया कि  कोरोना के संकट काल में इंसानियत के नाते मजदूरों को सड़क पर उतर के सहायता करने वाले सोनू सूद पर संजय राउत का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। खुद की सरकार कोरोना से निपटने में नाकाम हो गई? यह सच्चाई सोनू सूद पर आरोप लगाकर छुप नहीं सकती। जिस काम की सराहना करने की आवश्यकता है उस पर भी आरोप?
.


Popular posts from this blog

'चिंटू जिया' पर लहालोट हुए पूर्वांचल के किसान

लाइनमैन की खुबसूरत बीबी को भगा ले गया जेई, शिकायत के बाद से ही आ रहे है धमकी भरे फोन

चकिया प्रीमियर लीग के फाइनल में केजीएन क्लब ने धनावल को दी शिकस्त, यह रहे मैच के हीरो